Monday, February 7, 2011

ये है राजनीति की नई 'फैमली"

ये है राजनीति की नई 'फैमली"
(हेमंत पाल)
इंदौर। राजनीति में परिवारवाद का नया अध्याय लिखा जाना शुरू हो गया! प्रदेश के कुक्षी और सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में भी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने परिवारों को बढ़ावा दिया है। कहीं किसी नेता का बेटा मैदान में है, कहीं पति, कहीं भतीजी तो कहीं बचपन का भाई जैसा दोस्त! खास बात यह कि इनमें से कोई भी उम्मीदवार स्थानीय नहीं है।
कुक्षी से स्व. जमुनादेवी की भतीजी निशा सिंघार को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है। वे राजनीति में नया चेहरा है, क्योंकि, 14 साल पहले उनकी शादी गुजरात में हो गई थी। जमुनादेवी के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है। उनके सामने हैं प्रदेश सरकार की राज्यमंत्री रंजना बघेल के पति मुकामसिंह किराड़े। प्रदेश की राजनीति में उनकी पहचान मंत्री पति के रूप में है और इसी योग्यता के चलते पार्टी ने उन्हें उम्मीदवारी सौंपी है। यदि वे रंजना बघेल के पति नहीं होते, तो शायद भाजपा को उनकी राजनीतिक क्षमताओं को अहसास नहीं होता और शायद उन्हें बतौर उम्मीदवार यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी नहीं सौंपी जाती!
सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी ने फूलचंद वर्मा के बेटे राजेंद्र वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। फूलचंद वर्मा वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। तय है कि उनकी राजनीति क्षमता का कुछ अंश उनके बेटे में भी होगा, यही सोचकर पार्टी ने राजेंद्र वर्मा पर दांव लगाया है। उनके सामने कांग्रेस ने अर्जुन वर्मा को उम्मीदवार बनाया है। अर्जुन वर्मा का सज्जन वर्मा से कोई सीधा रिश्ता तो नहीं है, पर ये दोनों बचपन के दोस्त हैं। लोग उन्हें सज्जन का भाई ही मानते हैं।
कुक्षी और सोनकच्छ दोनों विधानसभाओं में कांग्रेस और भाजपा ने जिन पर दांव लगाया है, उनमें अर्जुन वर्मा को छोड़कर तीनों उम्मीदवारों का न तो पहले कोई गहरा राजनीतिक अनुभव है और न समाजसेवा का कोई इतिहास उनके साथ जुड़ा है। अर्जुन वर्मा जरूर इंदौर के एमवाय अस्पताल में समाजसेवी के रूप में बरसों से सक्रिय और चर्चित है।
इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों की प्रमुख पार्टियों के चारों उम्मीदवार स्थानीय भी नहीं है। स्थानीय होने का तात्पर्य है, वहाँ का निवासी होना जहाँ चुनाव हो रहे हैं और जहाँ के मतदाता इन नेताओं को अपना प्रतिनिधि चुनेंगे! निशा सिंघार बरसों से कुक्षी से बाहर हैं, पर जमुनादेवी की भतीजी होने के नाते टिकट की दावेदार हो गईं। मुकामसिंह किराड़े झाबुआ जिले के सोंडवा के रहने वाले हैं। सोनकच्छ के दोनों उम्मीदवार राजेंद्र वर्मा और अर्जुन वर्मा इंदौर में रहते हैं।