Thursday, January 1, 2015

अलविदा 2014 : 'किक' और 'पीके' से संभला बड़ा परदा!

* हेमंत पाल 
 हिंदी फिल्मों की सफलता के लिहाज से साल 2014 को बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता! कुछ फिल्मों ने जरूर बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस किया, लेकिन ज्यादातर फिल्में फ्लॉप ही रहीं। बीते साल (2014) करीब 180 फिल्मों में रिलीज हुईं। इनमें से सिर्फ 8-10 फिल्में ही 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर सकीं। जबकि, सलमान खान की 'किक' और आमिर की 'पीके' ही ऐसी फिल्म रही, जिन्होंने 200 करोड़ का कारोबार किया! 
  'किक' और पीके' के अलावा 2014 में टाइगर श्रॉफ की हीरोपंती, सिद्धार्थ मल्होत्रा की एक विलेन, वरुण धवन की मैं तेरा हीरो, आलिया की 'हाई-वे' चेतन भगत के नॉवेल पर बानी 2-स्टेट्स, सिंघम रिटर्न्स, हॉलीडे, जय हो और बैंग-बैंग ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी सफलता दर्ज की! इन फिल्मों ने न केवल लागत वसूली, बल्कि मुनाफा भी जमकर कमाया! 
  लेकिन, कारोबार के नजरिए से देखा जाए तो 2014 साल की पहली छमाही दूसरी के मुकाबले बॉलीवुड के लिए ज्यादा अच्छी थी! दूसरी छमाही में रिलीज होने वाली ज्यादातर फिल्में कुछ खास नहीं कर सकीं। बॉलीवुड बिजनेस पर नजर रखने वाले समीक्षकों ने 2014 को कारोबारी सफलता के हिसाब से 'औसत साल' करार देते हुए कहा कि 2014 की शुरुआत बढ़िया थी, लेकिन अंत में गिरावट आ गई! साल में सबसे ख़राब महीना नवंबर रहा, जो कई सालों बाद आया! नवंबर में 'द शौकीन्स' और 'किल दिल' जैसी कई फिल्में आईं और सभी पिट गईं। 2014 के नवंबर में बॉलीवुड को इतना नुकसान होगा, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी! यहां तक कि 'एक्शन जैक्सन' जैसी फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर गई! 
    अगस्त मध्य तक करीब 120 फिल्में रिलीज हुईं, जिनकी बदौलत बॉक्स ऑफिस ने 1,400 करोड़ रुपए की कमाई की! साजिद नाडियाडवाला निर्देशित 'किक' तब पैसा कमाने वाली पहली फिल्म थी, जिसने 233 करोड़ रुपए कमाए! 'किक' 2014 की सबसे बड़ी फिल्म  थी, जिसे आमिर की 'पीके' ने पीछे छोड़ा! कारोबार के नजरिए से खस्ताहाल रहे इस साल में बॉक्स ऑफिस के लिए सिर्फ 8-10 फिल्में राहत लेकर आईं! इनमें 'जय हो' (करीब 110 करोड़ रुपए), 'हॉली-डे : ए सोल्जर इज नेवर ऑफ ड्यूटी' (110 करोड़), '2 स्टेट्स' (105 करोड़), 'किक' (200 करोड़ से अधिक), 'बैंग बैंग' (145 करोड़), 'हैप्पी न्यू ईयर' (188 करोड़), 'सिंघम रिट्नर्स' (140 करोड़ रुपए) और 'पीके' (200 करोड़ से ज्यादा) शामिल हैं। 'एक विलेन' (96 करोड़) और 'हंप्टी शर्मा की दुल्हनिया' (86 करोड़) ने भी बॉलीवुड को थोड़ी राहत दी!
 शाहरुख खान की फिल्म 'हैप्पी न्यू ईयर' ने दीवाली के दिन रिलीज होकर पहले ही दिन 44.97 करोड़ का बिजनेस करके अब तक की लगभग सभी फिल्मों और सुपस्टार्स को पीछे छोड़ा। इससे पहले सलमान खान की ईद पर रिलीज हुई फिल्म 'किक' ने जबरदस्त कमाई करके बड़ी हिट फिल्म का खिताब हांसिल किया, जिसे साल  में 'पीके' पछाड़ा! दिवाली के समय हर किसी की आंखें शाहरुख खान की 'हैप्पी न्यू ईयर' पर ही टिकी हुई थी कि ये फिल्म साल की सबसे बड़ी हिट फिल्म का टैग जीत पाती है या नहीं। आखिरकार 'हैप्पी न्यू ईयर' ने लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए पहले दिन तो रिकॉर्ड तोड़ कमाई की, उसके बाद भी उन्होंने दूसरे व तीसरे दिन भी बॉक्स ऑफिस पर अपनी पकड़ हल्की नहीं पड़ने दी। 

लागत के हिसाब से साल की हिट फ़िल्में
* किक - लागत 115 करोड़ कमाई 233 करोड़
* हॉलिडे - लागत 56 करोड़ कमाई 112.65 करोड़
2014​ की लीक से हटकर बनी कुछ फ़िल्में ​
  2014 साल कुछ ऐसी फिल्मों के भी नाम रहा, जो कई मोर्चों पर बॉलीवुड की लोकप्रिय धारा में लीक से हटकर साबित हुईं! इनमें 'हैदर' जैसी साहसिक राजनीतिक फिल्म थी, तो महिलाओं को नए परिवेश में प्रस्तुत करने वाली 'हाईवे' और 'क्वीन' भी! 'हैदर' को सिनेमाई साहस का नमूना भी माना जा सकता है।डायरेक्टर विशाल भारद्वाज की इस फिल्म के एक्टर थे शाहिद कपूर, तब्बू, केके मेनन और इरफान खान। फिल्म शेक्सपीयर के 'हेमलेट' का भारतीय रूपांतरण थी, लेकिन कश्मीर की पृष्ठभूमि के चलते इसका कथानक दिलचस्प था। फिल्म पर ये आरोप भी लगा कि ये कश्मीर में सेना की भूमिका को नकारात्मक तरीके से दिखाती है! लेकिन, सिनेमाई साहस और कथानक के मोर्चे पर विशाल भारद्वाज की इस फिल्म को बड़े पैमाने पर सराहा गया। शानदार अभिनय, चुस्त डायरेक्शन, विहंगम दृश्यों और मजबूत राजनीतिक स्टैंड को सामने रखती यह फिल्म विशाल की और साल की सबसे उम्दा फिल्मों में रही!
  'क्वीन' एक लड़की के आजाद ख्यालों की कहानी है। कंगना रनोट, राजकुमार राव, लीजा हेडन की इस फिल्म के डायरेक्टर थे विकास बहल। उस देश में जहां लड़कियों का चौखट लांघना भी ठीक नहीं समझा जाता, 'क्वीन' एक हिम्मती कहानी थी। ये फिल्म महिलाओं को आजाद परिप्रेक्ष्य में सामने लाती है। यह राजौरी गार्डन से निकली एक महिला के दकियानूसी जालों को साफ करके अपने फैसलों को लेकर आत्मनिर्भर होने की कहानी है। 
 इम्तियाज अली की फिल्म 'हाईवे' को पूरी तरह आलिया भट्ट की फिल्म कहा जा सकता है जिसे रणदीप हुड्डा का सहारा मिला। ये एक अमीर घर की ऐसी लड़की की कहानी है जो अपनी आरामशुदा जिंदगी में जो नहीं कर पाती, वह अपह्त कर लिए जाने के बाद करती है। वह जिंदगी को खुलकर जीती है। एडवेंचर का सपना पूरा करती है, प्यार करती है और उत्पीड़न के बरसों पुराने बोझ को दबा-छिपाकर नहीं रखती! 
    होमी अडजानिया की 'फाइंडिंग फैनी' वैसे तो दीपिका पादुकोण, नसीरुद्दीन शाह, डिंपल कपाड़िया और पंकज कपूर की फिल्म है, लेकिन 'फाइंडिंग फैनी' के रूप में बॉलीवुड को एक सफल मेनस्ट्रीम अंग्रेजी फिल्म मिली है। यह हिंदी में कहानी कहने के परंपरागत तरीके को तोड़ती है और चीजों को संपूर्णता में देखने का आग्रह पैदा करती है। फिल्म अपने क्रूर और परिहास पूर्ण ढंग के नैसर्गिक अंत के लिए भी याद की जाएगी। 'फाइंडिंग फैनी' शहर की कोख से निकले व्यक्तिवाद के खिलाफ और इस व्यक्तिवाद का परचम बने छिछले एकांत के खिलाफ एक बगावत भी है। 
   केतन देसाई की फिल्म 'रंग रसिया' कला की बोल्डनेस और बोल्डनेस की आजादी का प्रतीक रही।  रणदीप हुड्डा और नंदना सेन  फिल्म में पहली बार भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में किसी लीड एक्ट्रेस ने अपना बदन दिखाया! बोल्ड सब्जेक्ट के कारण भी फिल्म विवादों में रही! शायद इसीलिए 2008 में बनी ये फिल्म 2014 में रिलीज हुई। 
  नए विषयों पर फिल्म बनाने के हमेशा पहचाने जाने वाले अमोल गुप्ते ने 'हवा हवाई'  पाने प्रयोग को दोहराया! पार्थो गुप्ते, साकिब सलीम, नेहा जोशी, मकरंद देशपांडे की फिल्म 'हवा हवाई' महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के एक किसान के बेटे की कहानी है। किसान की अचानक मौत हो जाती है तो उसकी पत्नी मजबूरन महानगर मुंबई आ जाती है। बेटा अर्जुन माँ का हाथ बंटाने के लिए एक चायवाले के यहां काम करने लगता है। एक रात उसके परों को एक आसमान मिलता है, जब वह पार्किंग लॉट में स्केटिंग करते बच्चों को और उनके कोच को देखता है। कचरे से स्केटिंग शूज का सजीला पेयर बनाया जाता है जिसका नाम रखा जाता है हवा हवाई! अर्जुन अपनी मेहनत के दम पर स्केटिंग कोच का पहले एकलव्य और फिर अर्जुन बनता है। 
  'सिटी लाइट्स' को भी लीक से हटकर बानी फिल्मों में गिना जा सकता है। हंसल मेहता की इस फिल्म को सजाया था राजकुमार राव, पत्रलेखा और मानव कौल ने! ये कस्बों, गांवों से शहर आने और फिर सपने पूरे करने वालों के सफर की कहानी है। लोग शहर आते हैं इस इस उम्मीद के साथ कि यहां ऊंचाई है तो क्या हुआ, हम भी अपना कद बढ़ा लेंगे! लेकिन, कद बढ़ाने की कोशिश में लोगों के कदम कितनी बार लड़खड़ाते हैं! इन्हीं कोशिशों का एक सिलसिला है 'सिटी लाइट्स।' 
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बॉक्स ऑफिस पर सुपरफ्लॉप रही ये फिल्में
  इस साल भी कुछ फिल्में ऐसी आईं जिनकी कुछ अलग कहानी दर्शकों के पल्ले नहीं पड़ी! इन फिल्मों को समीक्षकों ने सराहा, लेकिन सिनेमाघरों में दर्शकों को रास नहीं आई! वहीं कुछ फिल्में ऐसी भी आईं जिन्होंने लोगों को जी खोलकर पकाया। नतीजा ये हुआ कि ये फिल्में अपनी लागत का आधा भी नहीं वसूल पाईं। 
साल 2014 की सुपर फ्लॉप फिल्मों पर एक नजर :
* बेवकूफियां : फिल्म का प्लॉट भले ही रोचक था, लेकिन ट्रीटमेंट में कोई दम नहीं था। आयुष्मान खुराना और ऋषि कपूर से लोगों को उम्मीदें बहुत थीं, लेकिन थियेटर के अंदर सभी पर पानी फिर गया! बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने पानी भी नहीं माँगा! इसका बजट था 22 करोड़ और इसकी कमाई थी 12.06 करोड़ रुपए। 
* बॉबी जासूस : इस फिल्म से विद्या बालन के अलावा दर्शकों को भी बहुत उम्मीदें थी। लेकिन, फिल्म की कहानी और बेमेल लीड जोड़ी ने सारा मामला बिगाड़ दिया। अंत से पहले ही दर्शकों को पता चल गया था कि इसका क्लाइमैक्स क्या होगा! फिल्म बनी थी 28 करोड़ में पर कमाई हुई 10.87 करोड़!
* गुलाब गैंग : इस फिल्म को माधुरी दीक्षित का जलवा भी बचा नहीं पाया! दर्शकों को गुलाब गैंग का जोश पसंद नहीं आया। एक से बढ़कर एक डायलॉग्स के जरिए महिला सशक्तिकरण वाली फीलिंग लाने की कोशिश तो की गई, लेकिन घाघरे वाली मोहिनी को डंडे चलाता देख लोग पचा नहीं पाए! 27 करोड़ में बनी इस फिल्म ने कमाए 13.32 करोड़। 
* लेकर हम दीवाना दिल : कमाई के मामले में यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर डिजास्टर साबित हुई। लोगों को यह लव स्टोरी बिल्कुल पसंद नहीं आई। 16 करोड़  फिल्म को मिले मात्र 2.11 करोड़ रुपए। 
* रिवॉल्वर रानी : 'क्वीन' से समीक्षकों की तारीफ़ बटोरने वाली कंगना रनोट की एक्टिंग की तारीफ तो इस फिल्म में भी खूब हुई, लेकिन दर्शकों ने इसे नकार दिया! अलका सिंह के बोल्ड किरदार में लोगों ने उन्हें पसंद किया, फिर भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ठंडी रही। फिल्म अपनी लागत का आधा भी वसूल नहीं कर पाई। 26 करोड़ में बनी इस फिल्म ने सिर्फ 9.44 करोड़ रुपए कमाए। 
* सुपर नानी : इस फिल्म को रेखा की कमबैक फिल्म माना जा रहा था, लेकिन दर्शकों के रिस्पॉन्स के बाद रेखा को भी मायूस कर दिया। अब रेखा को बॉलीवुड में कमबैक के लिए फिर कुछ करना पड़ेगा! फिल्म की कहानी महिला आधारित थी। रेखा ने जमकर मेकअप किया! फिल्म में बिग-बी का मजाक भी फिल्म में बनाया, पर कुछ काम नहीं आया! 'सुपर नानी' बुरी तरह सुपर फ्लॉप रही! 25 करोड़ के बजट वाली ये फिल्म 2.25 करोड़ ही कमा पाई!
* रोर-टाइगर्स ऑफ द सुंदरबन्स : इस फिल्म की तकनीक और प्रेजेंटेशन की काफी तारीफ हुई! लेकिन, फिल्म देखने लोग सिनेमाघरों तक नहीं पहुंचे। लिहाजा फिल्म अपनी लागत का आधा भी नहीं वसूल पाई और बॉक्स ऑफिस पर धराशाही हो गई। फिल्म का बजट था 20 करोड़ पर कमाए 8.81 करोड़ ही!
* राजा नटवरलाल :  फिल्म देखने वाले दर्शक भ्रमित थे कि कहीं वह यह फिल्म पहले भी तो नहीं देख चुके हैं! क्योंकि, फिल्म में इमरान के कपड़ों और हुमैमा मलिक के लो कट ब्लाउज के अलावा कुछ भी खास नहीं था। यह फिल्म दर्शकों को ठगने में कामयाब नहीं रही। 42 करोड़ जैसे बड़े बजट की ये फिल्म कमाई के मामले में छोटी ही रही और 23.94 करोड़ पर सिमट गई!
* क्रीचर (3डी) : देखा जाए तो इस फिल्म की अवधि 45 मिनट से ज्यादा नहीं थी। लेकिन, बिपाशा बसु को हीरोगिरी करते दिखाना था, तो फिल्म को खींचा गया। दर्शकों ने भी फिल्म पर रहम नहीं किया। यही कारण था कि 27 करोड़ में बनी ये फिल्म 16.52 करोड़ की झोली में जमा कर पाई!
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