* हेमंत पाल
नेशनल क्राइम रिकॉड्र्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2013 की रिपोर्ट के अनुसार अपराध में इंदौर का स्थान देश में दूसरा है। इंदौर में अपराध की दर (809.9) है। सबसे ज्यादा अपराध दर (834.3) कोयंबटूर की है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि यह दर देश के 53 प्रमुख शहरों में दर्ज हुए अपराधों की तुलना में सामने आई है। प्रदेश की राजधानी भोपाल में अपराध दर (598) है। 2011 और 2012 की रिपोर्ट में कोच्चि की अपराध दर देश में सबसे ज्यादा थी, जबकि इस बार कोच्चि प्रथम पांच की सूची से भी बाहर हो गया है। इंदौर की अपराध दर 2011 में देश में चौथे नंबर पर थी, जबकि पिछले दो साल से लगातार दूसरे नंबर पर है। प्रतिशत की बात करें तो 53 शहरों में दर्ज अपराधों में 3.2 प्रतिशत अपराध अकेले इंदौर में दर्ज हुए हैं।
हर जुर्म में बाजी मार रहा है इंदौर
मध्यप्रदेश जहां बलात्कार के मामले में देश में अव्वल है, वहीं प्रदेश में इंदौर अपराध के हर वर्ग में दूसरे प्रमुख शहरों से आगे है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसी आरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक 2013 में बलात्कार के सर्वाधिक मामले में मध्यप्रदेश में दर्ज हुए हैं। कुल अपराध के मामले में महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है। भोपाल में जहां 11274 अपराध दर्ज हुए वहीं इंदौैर में यह संख्या 17551 है। ग्वालियर (7886) व जबलपुर (6996) काफी पीछे है। 2012 में इंदौर में 16512 अपराध दर्ज हुए।
महिला-बच्चों के अपराध की स्थिति
इंदौर में महिला व बच्चों से अपराध की स्थिति में भी इंदौर की भयावह स्थिति है। रिपोर्ट के मुताबिक महिला के खिलाफ अपराध के इंदौर में 940 मामले दर्ज किए गए। इस श्रेणी में भोपाल में 878, ग्वालियर में 848 व जबलपुर में 559 केस दर्ज हुए। बच्चों से संबंधित अपराध की इंदौर में संख्या 583 है। ग्वालियर में 275, भोपाल में 178 व जबलपुर में 237 केस दर्ज हुए है।
हत्या, बलात्कार, अपहरण में आगे
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक इंदौर प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों से लगभग हर तरह के अपराध में सबसे आगे है। आंकड़े के मुताबिक, हत्या, बलात्कार व अपहरण जैसे सभी गंभीर मामलों में इंदौर राजधानी भोपाल के साथ ही अन्य प्रमुख शहरों से काफी आगे है।
खुदकुशी करते युवा
इंदौर में आत्महत्या व सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों की स्थिति भयावह है। दोनों वर्गो में मौतों प्रदेश में सबसे ज्यादा इंदौर में ही रही है। आत्महत्या के आंकड़े बताते है कि इंदौर में मौत को गले लगाने वालों में सबसे ज्यादा 15 से 29 वर्ष उम्र आयु वर्ग के युवा है। आंकड़े बताते हैं, 2013 में इंदौर में आत्महत्या के 540 मामले हुए जो प्रदेश के सभी शहरों से अधिक है। 2012 में इंदौर में 434 आत्महत्या के मामले दर्ज हुए हैं जबकि भोपाल में 384, ग्वालियर में 211 व जबलपुर में 304 आत्महत्याएं हुई है। इंदौर में आत्महत्या करने वाले 540 में से 284 मृतक 15-29 आयु वर्ग से है। इसमें पुरुष 156 व महिलाएं 128 है। 14 साल तक की उम्र वर्ग में 20 है जिसमें से 5 पुरुष व 15 महिलाएं है। 30 से 44 आयु वर्ग में 154 है जिसमें 111 पुरुष और 43 महिलाएं है।
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