- हेमंत पाल
हिन्दी फिल्मों के बारे में एक आमधारणा है कि यहां नायिकाओं की अदाकारी उनके अभिनय प्रतिभा से ज्यादा उनकी खूबसूरती से चलती है। जीनत अमान और कैटरीना कैफ जैसी अभिनेत्रियों के मामले में यह बात कुछ हद तक सही लगती है। लेकिन, यह जरूरी नहीं कि केवल सुंदरता ही किसी नायिका की सफलता का पैमाना माना जाए। देश में जब से फिल्म निर्माण शुरू हुआ, तब से अभी तक कई ऐसी नायिकाएं हुई हैं, जिनके चेहरे से खूबसूरती तो खूब टपकती थी, किंतु इनकी फिल्मों से बाॅक्स ऑफिस पर धनवर्षा नहीं हुई! नतीजा ये हुआ कि कुछ समय बाद ये अपनी खूबसूरती समेटकर घर लौट गई।
गुजरे जमाने में शकीला के नयन नख्श इतने तीखे थे कि दर्शक उनकी अदाओं पर फिदा थे। लेकिन, दो-चार फिल्मों को छोड़ दिया जाए, तो वे अपने पूरे करियर में दूसरे या तीसरे दर्जे की फिल्मों तक ही सीमित रही। निम्मी की एंट्री भी धमाके से हुई हुई, पर वे भी फिल्मों में साइड हीरोइन बनकर रह गई। सबसे दर्दनाक हादसा तो 'हमराज' की नायिका विम्मी के साथ हुआ। जिस समय उनकी फिल्म 'हमराज' प्रदर्शित हुई, फिल्मी पंडितों ने उसे फिल्म इंडस्ट्री की सबसे सुंदर हीरोइन घोषित कर उसकी सफलता की भविष्यवाणी कर दी। लेकिन, उसके बाद उनकी एक भी फिल्म ऐसी नहीं आई, जिसे याद किया जाए। विम्मी का अंत भी बहुत दर्दनाक रहा। अंतिम समय उनके मृत शरीर को हाथ ठेले पर डालकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया था।
लड़कियाँ हीरोइन बनने का सपना लेकर फिल्म इंड्रस्ट्री में कदम रखती हैं, पर एक-दो फ़िल्में करने के बाद सफल न होने पर वापस लौट जाती हैं या शादी करके अपना घर बसा लेती हैं। इस इंडस्ट्री में वैसे भी नायिका का करियर बहुत छोटा माना जाता है। ऐसी अभिनेत्रियां बहुत कम है, जो बहुत लंबे समय तक काम कर पाईं! कुछ अभिनेत्रियां ऐसी भी हैं, जो एक या दो फिल्मों में काम करने के बाद सफल न होने पर अभिनय से संन्यास लेकर घर बैठ गईं! खूबसूरती के मामले में टिस्का चोपड़ा बड़ी-बड़ी अभिनेत्रियों को टक्कर देती है। लेकिन, इनका फिल्मी करियर बहुत ही साधारण रहा। टिस्का बॉलीवुड में बहुत लंबे समय से काम कर रही हैं, पर आमिर खान की फिल्म 'तारे जमीं पर' में काम करने के बाद इन्हें एक नई पहचान मिली। इस फिल्म में टिस्का ने बाल कलाकार ईशान अवस्थी की मां का किरदार निभाया था। टिस्का ने 'प्लेटफार्म' से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद वे अनिल कपूर के साथ एक टीवी सीरियल में भी नजर आई। फिर भी फिल्मों में उनकी बात नहीं बनी।
हुमा कुरैशी भी कद काठी और खूबसूरती में कम नहीं है। कई लोग इस अभिनेत्री की सुंदरता के दीवाने हैं। लेकिन, हुमा कुरैशी को पहचान अनुराग कश्यप की हिट फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के बाद मिली! इसके बाद हुमा ने बहुत सारी फिल्मों और प्राइवेट एल्बम में भी काम किया! पर, हुमा को आज भी स्टारडम वाला मुकाम नहीं मिल सका! 'बदलापुर' में अच्छे अभिनय और फिल्म की सफलता के बाद भी हुमा सच्ची सफलता पाने के लिए अभी संघर्ष कर रही हैं। 'एयर लिफ्ट' में मुख्य भूमिका निभाने वाली निमृत कौर की खूबसूरती आज भी कायम है। लेकिन, फिल्म की सफलता भी निमृत के फिल्म करियर को लिफ्ट कराने में कामयाब नहीं रहीं। निमृत को बहुत ही कम फिल्मों में काम किया है। इसलिए वे फ्लॉप अभिनेत्री की लिस्ट में शामिल हो कर अपनी पहचान खोने लगीं! बॉलीवुड की भोली पंजाबन ऋचा फिल्म इंडस्ट्री में नायिका बनने आई थी! पर, उनकी अप्रभावी अदाकारी की वजह से उन्हें हमेशा ही फिल्मों में साइड रोल मिले। वैसे फिल्म 'फुकरे' के हिट होने के बाद ऋचा कुछ दिनों तक सुर्खियों में रही थी. पर बतौर अभिनेत्री उनका करियर कुछ खास नहीं रहा।
माही गिल भी बहुत ही खूबसूरत है! पर, खूबसूरत होने के बावजूद माही का करियर कुछ खास नहीं रहा। फिल्मों में सफलता न मिलने के कारण माही ने बहुत जल्द ही बॉलीवुड से संन्यास ले लिया। मंदाकिनी जैसी कुछ अभिनेत्रियों को पहली फिल्म से ही स्टार का दर्जा मिल गया! लेकिन, वे इसे आगे कामयाब नहीं रख पाई। ऐसी ही कुछ कहानी सुभाष घई की फिल्म 'परदेस' की नायिका महिमा चौधरी और उन्हीं कि फिल्म 'सौदागर' की नायिका मनीषा कोइराला की भी है। इनकी सफलता कुछ ही फिल्मों तक सीमित रहीं और उनकी खूबसूरती उन्हें इंडस्ट्री में स्थायी ठिकाना नहीं दिला पाई।
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हिन्दी फिल्मों के बारे में एक आमधारणा है कि यहां नायिकाओं की अदाकारी उनके अभिनय प्रतिभा से ज्यादा उनकी खूबसूरती से चलती है। जीनत अमान और कैटरीना कैफ जैसी अभिनेत्रियों के मामले में यह बात कुछ हद तक सही लगती है। लेकिन, यह जरूरी नहीं कि केवल सुंदरता ही किसी नायिका की सफलता का पैमाना माना जाए। देश में जब से फिल्म निर्माण शुरू हुआ, तब से अभी तक कई ऐसी नायिकाएं हुई हैं, जिनके चेहरे से खूबसूरती तो खूब टपकती थी, किंतु इनकी फिल्मों से बाॅक्स ऑफिस पर धनवर्षा नहीं हुई! नतीजा ये हुआ कि कुछ समय बाद ये अपनी खूबसूरती समेटकर घर लौट गई।
गुजरे जमाने में शकीला के नयन नख्श इतने तीखे थे कि दर्शक उनकी अदाओं पर फिदा थे। लेकिन, दो-चार फिल्मों को छोड़ दिया जाए, तो वे अपने पूरे करियर में दूसरे या तीसरे दर्जे की फिल्मों तक ही सीमित रही। निम्मी की एंट्री भी धमाके से हुई हुई, पर वे भी फिल्मों में साइड हीरोइन बनकर रह गई। सबसे दर्दनाक हादसा तो 'हमराज' की नायिका विम्मी के साथ हुआ। जिस समय उनकी फिल्म 'हमराज' प्रदर्शित हुई, फिल्मी पंडितों ने उसे फिल्म इंडस्ट्री की सबसे सुंदर हीरोइन घोषित कर उसकी सफलता की भविष्यवाणी कर दी। लेकिन, उसके बाद उनकी एक भी फिल्म ऐसी नहीं आई, जिसे याद किया जाए। विम्मी का अंत भी बहुत दर्दनाक रहा। अंतिम समय उनके मृत शरीर को हाथ ठेले पर डालकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया था।
लड़कियाँ हीरोइन बनने का सपना लेकर फिल्म इंड्रस्ट्री में कदम रखती हैं, पर एक-दो फ़िल्में करने के बाद सफल न होने पर वापस लौट जाती हैं या शादी करके अपना घर बसा लेती हैं। इस इंडस्ट्री में वैसे भी नायिका का करियर बहुत छोटा माना जाता है। ऐसी अभिनेत्रियां बहुत कम है, जो बहुत लंबे समय तक काम कर पाईं! कुछ अभिनेत्रियां ऐसी भी हैं, जो एक या दो फिल्मों में काम करने के बाद सफल न होने पर अभिनय से संन्यास लेकर घर बैठ गईं! खूबसूरती के मामले में टिस्का चोपड़ा बड़ी-बड़ी अभिनेत्रियों को टक्कर देती है। लेकिन, इनका फिल्मी करियर बहुत ही साधारण रहा। टिस्का बॉलीवुड में बहुत लंबे समय से काम कर रही हैं, पर आमिर खान की फिल्म 'तारे जमीं पर' में काम करने के बाद इन्हें एक नई पहचान मिली। इस फिल्म में टिस्का ने बाल कलाकार ईशान अवस्थी की मां का किरदार निभाया था। टिस्का ने 'प्लेटफार्म' से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद वे अनिल कपूर के साथ एक टीवी सीरियल में भी नजर आई। फिर भी फिल्मों में उनकी बात नहीं बनी।
हुमा कुरैशी भी कद काठी और खूबसूरती में कम नहीं है। कई लोग इस अभिनेत्री की सुंदरता के दीवाने हैं। लेकिन, हुमा कुरैशी को पहचान अनुराग कश्यप की हिट फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के बाद मिली! इसके बाद हुमा ने बहुत सारी फिल्मों और प्राइवेट एल्बम में भी काम किया! पर, हुमा को आज भी स्टारडम वाला मुकाम नहीं मिल सका! 'बदलापुर' में अच्छे अभिनय और फिल्म की सफलता के बाद भी हुमा सच्ची सफलता पाने के लिए अभी संघर्ष कर रही हैं। 'एयर लिफ्ट' में मुख्य भूमिका निभाने वाली निमृत कौर की खूबसूरती आज भी कायम है। लेकिन, फिल्म की सफलता भी निमृत के फिल्म करियर को लिफ्ट कराने में कामयाब नहीं रहीं। निमृत को बहुत ही कम फिल्मों में काम किया है। इसलिए वे फ्लॉप अभिनेत्री की लिस्ट में शामिल हो कर अपनी पहचान खोने लगीं! बॉलीवुड की भोली पंजाबन ऋचा फिल्म इंडस्ट्री में नायिका बनने आई थी! पर, उनकी अप्रभावी अदाकारी की वजह से उन्हें हमेशा ही फिल्मों में साइड रोल मिले। वैसे फिल्म 'फुकरे' के हिट होने के बाद ऋचा कुछ दिनों तक सुर्खियों में रही थी. पर बतौर अभिनेत्री उनका करियर कुछ खास नहीं रहा।
माही गिल भी बहुत ही खूबसूरत है! पर, खूबसूरत होने के बावजूद माही का करियर कुछ खास नहीं रहा। फिल्मों में सफलता न मिलने के कारण माही ने बहुत जल्द ही बॉलीवुड से संन्यास ले लिया। मंदाकिनी जैसी कुछ अभिनेत्रियों को पहली फिल्म से ही स्टार का दर्जा मिल गया! लेकिन, वे इसे आगे कामयाब नहीं रख पाई। ऐसी ही कुछ कहानी सुभाष घई की फिल्म 'परदेस' की नायिका महिमा चौधरी और उन्हीं कि फिल्म 'सौदागर' की नायिका मनीषा कोइराला की भी है। इनकी सफलता कुछ ही फिल्मों तक सीमित रहीं और उनकी खूबसूरती उन्हें इंडस्ट्री में स्थायी ठिकाना नहीं दिला पाई।
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