Sunday, November 21, 2021

टीवी पर दम तोड़ने लगा 'बिग बॉस' शो

हेमंत पाल

   पंद्रह साल पहले जब टीवी पर 'बिग बॉस' शो शुरू हुआ था, तब भारतीय दर्शकों में रियलिटी शो देखने का ज्यादा चलन नहीं था। 'सारेगामापा' और 'अंताक्षरी' जैसे संगीत के शो ही ज्यादा देखे जाते थे। ऐसे में 'बिग बॉस' जैसे लीक से हटकर बने रियलिटी शो को छोटे परदे पर परोसा गया। वास्तव में तो यह नीदरलैंड का शो है, जो 'बिग ब्रदर' के नाम से दुनियाभर में अलग-अलग भाषाओं में प्रसारित होता था। इंग्लैंड में भी यह शो 'बिग ब्रदर' के नाम से प्रसारित हुआ। वहां इस शो में शिल्पा शेट्टी ने बतौर कंटेस्टेंट इसमें भाग लिया और एक नस्लीय टिप्पणी विवाद का कारण बनी! उसी बाद ये शो भारत आया और तब से टीवी पर लगातार तीन महीने तक आता है। इसमें 13 से 15 तक कंटेस्टेंट होते हैं, जिन्हें बड़े से घर में दुनिया से पूरी तरह काटकर रखा जाता है। इन्हें समय, तारीख और दिन का भी इन्हें पता नहीं चलता। इन तीन महीनों में इन कंटेस्टेंट की दुनिया यही घर होता है। इनको एक आवाज संचालित करती है, जिसे 'बिग बॉस' नाम से पुकारा जाता है। सप्ताह भर इस घर में कई टास्क होते हैं, जिसे जीतने वाले को कुछ रियायतों का प्रलोभन मिलता है। सप्ताह के अंतिम दो दिन सूत्रधार इन प्रतियोगियों के काम और हरकतों की समीक्षा करता है। इस दौरान किसी एक प्रतियोगी को बाहर भी किया जाता है। इन 15 सालों में इस रियलिटी शो को 6 सूत्रधारों ने संचालित किया है। पहले शो को अरशद वारसी ने संचालित किया, बाद में शिल्पा शेट्टी, अमिताभ बच्चन, सलमान खान और पांचवा शो सलमान के साथ संजय दत्त ने किया था। छठे शो का एक हिस्सा 'हल्ला बोल फ़राह खान ने भी कुछ सप्ताह संचालित किया था। लेकिन, सलमान खान का लम्बे समय से 'बिग बॉस' पर कब्ज़ा बना हुआ है।   
     देखा गया है कि रियलिटी शो साल दर साल ज्यादा परिपक्व और बेहतर ढंग से संचालित हुए हैं। लेकिन, 'बिग बॉस' के पिछले कुछ सालों से बेहद कमजोर नजर आने लगा है। इस क्रम में इस बार का शो (बिग बॉस-15) सबसे ज्यादा अपरिपक्व और बिखरा हुआ नजर आया। इस रियलिटी शो की लोकप्रियता भी तेजी से घटी। जंगल वाली थीम के सेट के लिए पानी की तरह पैसा बहाया गया, पर दर्शक इससे  प्रभावित नहीं हुए। बेहिसाब खर्च और सेटअप से लेकर सलमान खान का जादू भी शो का आकर्षण नहीं बन पा रहा। इसका कारण शो के कंटेस्टेंट्स को माना जा रहा है, जो अनजाने से चेहरे हैं। वास्तव में दर्शकों के लिए इस शो का आकर्षण होता है, अपने पसंदीदा चेहरों को नजदीक से जानना और उनकी दिनचर्या और उनकी आदतों से वाकिफ होना! लेकिन, जिन चेहरों को कंटेस्टेंट बनाकर घर में लाया गया, वे दर्शकों के बीच पहचाने हुए नहीं है! इक्का-दुक्का चेहरों को छोड़ दिया जाए, तो अधिकांश कंटेस्टेंट अनजाने और पिटे हुए कलाकार हैं। इस पर भी इन कंटेस्टेंट्स को लग रहा है कि उन्हें लगातार कैमरे के सामने बने रहना है, तो रोज विवाद और झगड़े करना होंगे। इस वजह से घर में हर कोई लड़ता हुआ, विवाद करता ही नजर आ रहा है। इस बार की एक कंटेस्टेंट पंजाब की लोक गायिका अफसाना खान ने तो चिल्ला-चोट और झगड़े की इतनी हद पार कर दी, कि उन्हें धक्के देकर बाहर किया गया। शो को लोकप्रियता के पैमाने पर मापा जाए, तो ये बहुत पीछे है। सारी कोशिशें और प्रयोग इसे दर्शकों में लोकप्रिय नहीं बना पा रहे।    
   सबसे दिलचस्प बात ये कि शो के सूत्रधार सलमान खान भी इस शो में कोई कमाल नहीं दिखा पा रहे! पिछले कई सीजन में शनिवार और रविवार को आने वाले 'वीक-एंड का वार' को सबसे ज्यादा देखा जाता रहा है। सप्ताह भर शो देखने वाले दर्शक कंटेस्टेंट की जिन हरकतों से नाखुश होते, उन्हें उम्मीद होती थी कि सलमान आकर उनकी परेड लेंगे, डाटेंगे और हिदायत देंगे! लेकिन, बिग बॉस-15 में ऐसा कुछ नहीं हो रहा! सलमान खान भी इस बार पूरी तरह फेल हो गए। वीक-एंड के किसी भी एपिसोड को दर्शकों ने पसंद नहीं किया। जबकि, दर्शकों ने कंटेस्टेंट की गलतियों पर सलमान खान का रौद्र रूप देखा और पसंद किया है। इस बार वो सब नदारद दिखा। वीक-एंड के मंच पर अब फिल्मों के प्रमोशन ही ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। 
     'बिग बॉस' के इतिहास में 13वां सीजन सबसे सफल रहा! जिसमें सिद्धार्थ शुक्ला और शहनाज गिल थे। खुद 'बिग बॉस' ने इस सीजन के सभी कंटेस्टेंट्स की तारीफ भी की थी। सिद्धार्थ और शहनाज ने मनोरंजन के स्तर को बहुत ऊंचाई पर पहुंचाया। यही कारण था कि यह सीजन बेहद लोकप्रिय रहा। इसमें कंटेस्टेंट के बीच तनाव भी था, झगड़े भी हुए और प्रेम भी नजर आया! सबसे बड़ी बात ये कि इसमें दर्शकों के लिए मनोरंजन का भरपूर मसाला था। इस सीजन की सफलता को पैमाने पर श्रेष्ठ माना जाता है। 13वें सीजन के सलमान वाले 'वीक-एंड का वार' एपिसोड को भी अच्छा पसंद किया गया था। इस बार वो सब नदारद है। वाइल्ड कार्ड एंट्री से भी बिग-बॉस-15 को कोई फायदा नहीं हुआ। क्योंकि, जिन्हें घर में भेजा गया, वो भी अनजाने से चेहरे हैं। समझा जा रहा है कि इस बार शो का पहला हिस्सा कुछ हफ़्तों तक ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाया गया, फिर इसके 3-4 कंटेस्टेंट को इस शो में शामिल कर टीवी पर शो शुरू किया गया। शमिता शेट्टी, निशांत भट्ट और प्रतीक सहजपाल समेत कुछ कंटेस्टेंट्स दोनों शो में दिखे। बाद में दो और कंटेस्टेंट्स राकेश बापट और नेहा भसीन को बिग बॉस-15 में वाइल्ड कार्ड से एंट्री दी गई। हालांकि, राकेश बापट को बीमारी के कारण बाहर भेज दिया गया। लेकिन, ओटीटी वाले शो के कंटेस्टेंट को इतनी तवज्जो देना दर्शकों को रास नहीं आया और शायद यही इस बार की खामी भी रही।    
    इस शो के मेकर्स को जाने क्यों ऐसा लगता है कि लव एंगल और झगड़े शो को लोकप्रिय बना सकते हैं! जबकि, वास्तव में ऐसा नहीं है। 14-15 में कोई एक कंटेस्टेंट झगड़ालू हो सकता है और अभी तक के हर सीजन में यह देखा भी गया! पर, सारे कंटेस्टेंट हर समय लड़ने पर उतारू हों, ये इसी सीजन में देखा जा रहा है। कोई भी कंटेस्टेंट सामान्य दिखाई नहीं दे रहा।  जहाँ तक शो में लव एंगल दिखाने की बात है, तो उसकी भी एक मर्यादा है। बिग बॉस-15 में ज्यादातर कंटेस्टेंट के बीच जोड़ियां बन गई। ईशान सहगल और माइशा अय्यर में रोमांस दिखाई दिया। फिर तेजस्वी प्रकाश और करन कुंद्रा के बीच लव एंगल दिखाया जाने लगा। शमिता शेट्टी भी राकेश बापट के आने पर रोमांस में डूबती दिखाई दी! लेकिन, राकेश के बीमार होने से वो घर से निकल गया।
     शो का ये वो फॉर्मेट था, जो इस बार पूरी तरह फ्लॉप हुआ। टीवी शो के पिटे हुए कलाकारों को अनावश्यक तवज्जो दी गई। शिल्पा शेट्टी की बहन होने की वजह से शमिता को कुछ ज्यादा ही ख़ास समझा गया। शो के मेकर्स ने शमिता की तरफदारी की और उसे हाईलाइट किया। सोशल मीडिया पर तो दशकों ने इस शो की धज्जियां उड़ा दी। शमिता को जिस तरह तवज्जो दी गई, उसे देखते हुए शो को 'शम्मो का ससुराल' तक कहा गया। क्योंकि, शो में पहले वे खुद आईं, फिर उनके राखी भाई राजीव अदातिया और बेस्ट फ्रेंड नेहा भसीन की वाइल्ड कार्ड एंट्री हुई। कुछ दिन बाद उनके बॉयफ्रेंड राकेश बापट भी आ गए। 
  अभी तक के शो में देखा गया कि 'बिग बॉस' के घर में नियम-कायदों के प्रति बहुत ज्यादा सख्ती बरती गई। घर की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों, मारपीट करने वालों, अंग्रेजी बोलने वालों और टास्क को बिगाड़ने वालों को जेल में बंद करने तक की सजा दी जाती थी! लेकिन, पिछले तीन सीजन से जेल गायब ही हो गया। इस बार तो सारे नियम-कायदों की धज्जियां उड़ा दी गई। ज्यादातर कंटेस्टेंट्स घर के नियम तोड़ते नजर आते हैं। हिदायत के बावजूद सभी कंटेस्टेंट लगातार अंग्रेजी बोलते दिखाई दे रहे हैं। खासियत ये कि इसके लिए उन्हें कोई सजा भी नहीं दी जा रही। कई टास्क पूरे होने से पहले रद्द हुए। इस पर भी 'वीक-एंड का वार' में सलमान खान का नजरिया ढुल-मुल ही है। एक टास्क में सिंबा नागपाल ने उमर रियाज को तो पूल में धक्का दे दिया। फिर भी उन्हें न तो शो से निकाला गया और न सलमान ने उनकी खिंचाई की। जो सजा दी गई, वो वास्तव में कोई सजा ही नहीं है।  
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