जब से सोशल मीडिया सक्रिय हुआ और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ख़बरों की होड़जोड़ मची, तब से अफवाहों का बाजार ज्यादा गर्म होने लगा! ऐसे में सबसे ज्यादा अफसोसजनक ख़बरें होती है, किसी की मौत की गलत जानकारी देना। बाद में जब असलियत सामने आती है, तो सब दुबककर माफ़ी तो मांग लेते हैं, पर वे ये नहीं जानते कि अफवाह के बाजार में आने और उसके खंडन के बीच का समय उस व्यक्ति के परिजनों और उसे जानने वालों के लिए कितना त्रासद होता है! ऐसा ही एक ताजा मामला है लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को लेकर उड़ी अफवाह का! बाद में खबर की वास्तविकता सामने आ गई, पर सवाल ये उठता है कि किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति के बारे में ऐसी कोई जानकारी मिलने पर उसकी पुष्टि क्यों नहीं की जाती! कम से कम न्यूज़ चैनलों की इतनी जिम्मेदारी तो बनती है!
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- हेमंत पाल
लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष और इंदौर से भाजपा की आठ बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन के निधन की अफवाह गुरुवार देर रात जमकर उड़ी। दिल्ली, मुंबई से इंदौर तक फोन घनघनाने लगे! स्थिति यहाँ तक आ गई कि महाजन के बेटे मंदार को वीडियो जारी करके अपनी माता के स्वस्थ होने की जानकारी देना पड़ी। कुछ ऑडियो मैसेज भी जारी किए गए, जिनमें सुमित्रा महाजन ने खुद अपने स्वस्थ होने की बात कही और इस अफवाह पर चिंता जताई! शशि थरूर ने तो सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि तक देने में देर नहीं की। झूठी खबर पोस्ट होते ही वायरल होने लगी! लेकिन, सच्चाई सामने आते ही शशि थरूर की जमकर किरकिरी हुई। ट्रोल होते देख शशि थरूर ने अपने ट्वीट के लिए माफी मांगी। इस बात का खंडन करते हुए पार्टी ने कहा कि सुमित्रा महाजन पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उनकी कोविड रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी ट्वीट किया कि ताई पूरी तरह से स्वस्थ हैं और भगवान उनको लंबी उम्र दे। राजस्थान के मंत्री और राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इस बारे में ट्वीट किया, जो उन्होंने बाद में डिलीट कर दिया।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी अपनी आदत के मुताबिक पीछे नहीं रहा और सबसे पहले खबर देने की होड़ में इस बात को प्रचारित किया। करीब सभी चैनलों ने सुमित्रा महाजन के निधन की गलत खबर को बिना पुष्टि किए दिखाया! शायद ही कोई न्यूज़ चैनल होगा, जिसने इस दौड़ में हिस्सा नहीं लिया हो! लेकिन, किसी ने न तो प्रशासन से जानकारी लेना ठीक समझा और न महाजन के परिवार से! जबकि, वास्तव में सुमित्रा महाजन की पिछले दिनों तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें हल्का बुखार था, इसलिए उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था। बताते हैं कि पूरी जाँच के लिए उन्हें बॉम्बे हॉस्पिटल में रखा गया है, वहीं से यह बात फैली।
नेताओं और चर्चित लोगों के निधन की ऐसी गलत ख़बरों का बाजार हमेशा ही गर्म रहा है। कई बार तो जिम्मेदार लोगों ने भी इस मामले में गलती की। 1979 में भी जयप्रकाश नारायण की मौत की अफवाह उड़ गई थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने संसद में शोकसभा का आयोजन तक कर दिया था। बाद में चंद्रशेखर को कार के ऊपर चढ़कर भीड़ को बताना पड़ा कि खबर गलत है और जयप्रकाश नारायण अभी ज़िंदा है! ऐसे मामलों में अटल बिहारी बाजपेई को भी लोगों ने नहीं छोड़ा। दो-तीन बार उनको लेकर अफवाह उड़ी। खबर बाहर आते ही लोगों ने इसे वायरल किया और उन्हें श्रद्धांजलि देना शुरु कर दिया गया। लोगों ने बिना पुष्टि के खबर को सच मानकर उसे आगे बढ़ाया। लेकिन, कुछ देर बाद खबर झूठी निकली। उड़ीसा के बालासोर जिले में एक प्राइमरी स्कूल के प्रिंसिपल ने तो बिना जानकारी अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दे दी। बाद में प्रिंसिपल ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी। लेकिन, कलेक्टर ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
समाजवादी नेता अमर सिंह के निधन की भी 3 मार्च 2020 को अफवाह उड़ी थी। जबकि, इसके उनका निधन इसके पाँच महीने बाद हुआ था। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अमर सिंह की सेहत के बारे में जानकारी लेना चाही, तो कई ने उनके निधन को लेकर ट्वीट किए। उनको सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलियां दी जाने लगी। बढ़ती अफवाहों को देखकर सिंगापुर के अस्पताल में इलाज करवा रहे अमर सिंह ने खुद एक वीडियो जारी किया और इन अफवाहों पर विराम लगाया। अमर सिंह ने कहा था कि 'रुग्ण हूं, त्रस्त हूं व्याधि से लेकिन संत्रस्त नहीं हूं। हिम्मत बाकी है, जोश बाकी है और होश भी बाकी है। हमारे शुभचिंतक और मित्रों ने बड़ी तेजी से अफवाह फैलाई कि यमराज ने मुझे अपने पास बुला लिया है! ऐसा बिल्कुल नहीं है! मेरा इलाज चल रहा है! 6 मार्च 2020 को सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर भी अफवाह उड़ा दी गई थी, जिससे हड़कंप मच गया। मामले को संज्ञान में लेते हुए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने एसएसपी देहरादून को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। 15 नवंबर 2015 को सोशल मीडिया पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के वरिष्ठ नेता अशोक सिंघल के मौत की अफवाह उड़ी थी। इसके बाद विहिप के आईटी सेल ने ऐसी अफवाहों का खंडन किया था। दरअसल, इलाहाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान सिंघल की तबियत अचानक से काफी खराब हो गई थी। इसके बाद उन्हें गुड़गांव के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हाल ही में लालू यादव को लेकर भी ऐसी ही एक खबर सुनने में आई थी।
ये तो हुई नेताओं को लेकर उड़े अफवाहों के किस्से। लेकिन, फिल्म अभिनेताओं को लेकर भी ऐसी ख़बरें अक्सर उड़ती रहती है। अमिताभ बच्चन की तबीयत खराब होते ही उनके मरने की झूठी खबरें सोशल मीडिया पर आने में देर नहीं लगती। यहाँ तक कि उनके फोटो भी जारी कर दिए जाते हैं! ये जानते हुए कि वे अभिनेता हैं और उन्होंने कई फिल्मों में मरने के सीन किए हैं। पिछले कुछ महीने पहले ऐसी तस्वीर पहले व्हाट्सऐप पर आई, इसके बाद ट्विटर पर बच्चन की मृत्यु का हंगामा हो गया। बाद में खुद अमिताभ बच्चन ने ट्विटर पर इस बात को ग़लत ठहराया। ऐसे ही दिलीप कुमार, लता मंगेशकर और आशा पारेख के बारे में हो चुका है। दिलीप कुमार तो जब भी अस्पताल में भर्ती होते हैं, कहीं न कहीं उनके बारे में अफवाह उड़ ही जाती है। कैंसर से बीमार अभिनेता विनोद खन्ना जब अस्पताल में थे, उनके बारे में भी खबर सामने आई थी कि उनका निधन हो गया। मेघालय की भाजपा कमेटी ने विनोद खन्ना की मौत की झूठी अफवाह सुनकर दो मिनट का मौन भी रख लिया! हालांकि, बाद में माफी मांगते हुए कहा था कि हम विनोद खन्ना से माफी मांगते हैं! विनोद खन्ना की हालत में सुधार हो रहा है!
20 फ़रवरी 2017 को अभिनेत्री फरीदा जलाल की मृत्यु की अफवाह जमकर ट्रेंड हुई थी। बाद में अपने मरने की खबर पर फरीदा जलाल ने एक इंटरव्यू में कहा कि पहले तो मुझे लगा कि ये मज़ाक है, तो मैंने इस बात को तूल नहीं दिया। लेकिन, जब मेरा मोबाइल लगातार बजने लगा तो मैं खीझ उठी! कहा कि मैं ज़िंदा हूँ, ये अफवाह न फैलाएं! जबकि, फरीदा जलाल का निधन इस अफवाह के काफी दिनों बाद हुआ। लोगों ने तो रैप गायक हनी सिंह तक को नहीं छोड़ा। वे जब कुछ समय तक संगीत से दूर हुए, तो अफवाह फैला दी कि हनी सिंह चल बसे! उनकी मौत की वजह एक्सीडेंट बताया गया था। लेकिन, फिर हनी सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ये सब अफवाह है, जो मुझसे नफरत करने वाले फैला रहे हैं!
बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे को कैंसर हुआ था। उन्होंने लम्बे समय तक न्यूयार्क में अपना ट्रीटमेंट करवाया। लेकिन, 8 सितम्बर 2018 को भाजपा नेता राम कदम ने उन्हें श्रद्धांजलि देता एक ट्वीट किया, जिसके बाद यह फेक न्यूज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। सोनाली की मौत की गलत सूचना फैलाने वालों को उनके पति गोल्डी बहन ने जमकर लताड़ा और निंदा करते हुए कहा था कि कृपया इस तरह की गलत सूचनाएं प्रसारित न करें। पिछले साल लॉक डाउन की घोषणा के बाद दर्शकों की मांग पर दूरदर्शन पर 'रामायण' का प्रसारण फिर से शुरू हुआ था। दर्शकों ने इसे खूब पसंद किया और इस प्रोग्राम ने टीआरपी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इसी बीच 4 मई 2020 को 'रामायण' में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी के निधन की अफवाह सोशल मीडिया पर फैली। इसके बाद उनके परिवार ने स्पष्ट किया कि ये खबर सही नहीं है। उनके भतीजे कौस्तुभ ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि मेरे अंकल अरविंद त्रिवेदी लंकेश पूरी तरह से स्वस्थ और सुरक्षित हैं। ऐसे में उनकी मौत की अफवाह न फैलाएं।
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