- हेमंत पाल
फिल्म अभिनेता रजा मुराद भाजपा की राजनीति का शिकार हो गए। गुरुवार को रजा मुराद को भोपाल में स्वच्छता का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया था। वे अपनी भूमिका को सही साबित करने के लिए सक्रिय भी हुए! लेकिन, वे यह जिम्मेदारी कुछ घंटे ही निभा सके, क्योंकि इस घोषणा के अगले दिन सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने उनकी नियुक्ति को निरस्त करवा दिया। उन्हें हटाने के पीछे कारण बताया गया कि उन्हें भोपाल की संस्कृति की जानकारी नहीं है! जबकि, देश में पांच बार स्वच्छता का तमगा जीतने वाले इंदौर शहर का ब्रांड एम्बेसडर जिस डॉ पुनीत कुमार द्विवेदी को बनाया गया, वे तो उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के रहने वाले हैं। उन्हें किसी ने न तो सड़क पर देखा और उन्हें इंदौर की संस्कृति के बारे में पता होगा! जबकि, उत्साह से भरे रजा मुराद ने बतौर ब्रांड एम्बेसडर भोपाल में काम भी शुरू कर दिया था। वे कई इलाकों में गए भी थे। लोगों से शहर को अपने घर की तरह स्वच्छ और पॉलिथीन फ्री बनाने का आह्वान भी किया था। लेकिन, सरकार को उनकी नियुक्ति रास नहीं आई। वो सोनागिरी में हुए कार्यक्रम में शामिल भी हुए थे।
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की मानसिकता और कई बार उनके फैसलों पर भारी पड़ जाती है। वे अपने फैसलों को लेकर कितने भी तर्क दें, पर उन्हें इसका खामियाजा जनता की उलाहना झेलकर भोगना पड़ता है! इसके बावजूद उनकी सोच में कोई अंतर नहीं आता। वे कुतर्क देकर अपने फैसले को सही साबित करने की कोशिश जरूर करते हैं, पर उनके तर्क किसी के गले नहीं उतरते! पिछले दिनों हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब को लेकर भाजपा के कुछ नेताओं ने माहौल बनाने की कोशिश की थी। बेवजह उन्हें एक मामले में उलझाने की कोशिश की गई। अब जाने माने अभिनेता रजा मुराद को भोपाल के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर से ये कुतर्क देकर हटाया गया कि उन्होंने भोपाल कुछ नहीं किया और उन्हें भोपाल की संस्कृति की जानकारी नहीं है! जबकि, इसके पीछे साफ़-साफ़ दो मामले नजर आते हैं! एक कारण यह कि उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान एक कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार किया था, दूसरा कारण उनका मुस्लिम होना है। जावेद हबीब के साथ भी यही सब किया था। रजा मुराद के साथ भी वही सब दोहराया गया।
फिल्मों में विलेन का किरदार निभाने वाले अभिनेता रजा मुराद को भोपाल नगर निगम स्वच्छता अभियान के 'ब्रांड एंबेसडर' बनाया था। लेकिन, एम्बेसडर बनाए जाने के दूसरे ही दिन प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह की नाराजगी भरे निर्देश पर नगर निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी ने आदेश निरस्त कर दिया। बताया जा रहा है कि रजा मुराद का झुकाव कांग्रेस की तरफ है। उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान भोपाल में कांग्रेस के एक विधायक के समर्थन में प्रचार किया था। यही वजह है कि भाजपा सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह को नगर निगम का ये फैसला रास नहीं आया। उन्हें गुरुवार को बनाया और शुक्रवार को हटा दिया।
हटाए जाने के पत्र में कहा गया कि मंत्री (भूपेंद्र सिंह) के संज्ञान में आया है कि नगर निगम भोपाल द्वारा स्वच्छता अभियान के लिए फिल्म कलाकार रजा मुराद को ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। जबकि, ब्रांड एंबेसडर ऐसे व्यक्ति को बनाना जाना चाहिए, जिसने स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया हो या वो भोपाल की संस्कृति से भली-भांति परिचित हो। इस संबंध में मंत्री द्वारा तत्काल आदेश निरस्त करने एवं किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति जो भोपाल की संस्कृति से भली-भांति परिचित हो या स्वच्छता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो, ऐसे व्यक्ति या संस्था को ब्रांड एंबेसडर बनाने का निर्देश दिया है।
वास्तव में ये मंत्री भूपेंद्र सिंह का भोपाल के प्रति सकारात्मक सोच नहीं है। दरअसल, ये पार्टी की मुस्लिम विरोधी मानसिकता है, जो सामने आई। जानकारी यह भी मिली कि इस फैसले पर संघ ने आपत्ति ली थी। यही कारण है कि रजा मुराद को हटाया गया। जबकि, इस बारे में रजा मुराद का कहना है कि वे भोपाल शहर से अच्छी तरह वाकिफ हैं। उनके तमाम रिश्तेदार यहां रहते हैं। मुराद ने यह भी कहा, 'मुझसे बड़ा भोपाली कोई नहीं हो सकता। मेरी मां, पत्नी और परिवार के कई अन्य सदस्य भोपाल से हैं। मैंने अपनी स्कूली शिक्षा यहां के कैम्ब्रिज स्कूल से पूरी की है। मैं शहर, इसकी सड़कों, इसकी विशेष भाषा, चाय, पान, गुटखा से अच्छी तरह वाकिफ हूं। इसलिए यह आरोप कि मैं शहर की संस्कृति को नहीं जानता, इसका कोई आधार नहीं है।'
रजा मुराद ने मंत्री ने फैसले पर सवाल भी उठाया। उन्होंने कहा कि मंत्री ने ब्रांड एंबेसडर ऐसे व्यक्ति को बनाने को कहा है जिसने ‘स्वच्छता’ के क्षेत्र में सराहनीय काम किया हो। मुझे खुद को साबित करने का मौका दिए बगैर वे ये निर्णय कैसे ले सकते हैं कि मैंने कुछ नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने गुरुवार को शहर के चौक इलाके में लोगों से सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग रखने के बारे में बात की। अगर मंत्री मेरी सेवाएं नहीं चाहते तो ऐसा ही होगा, क्योंकि वे मालिक हैं।
रजा मुराद को स्वच्छता एम्बेसडर पद से हटाने के बाद इस मामले पर प्रदेश की राजनीति भी गरमाने लगी है। कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर हमला किया है। कांग्रेस ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुराद को ब्रांड एंबेसडर की सूची से हटाया जाना सरकार की 'संघी सोच' है। कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्वीट करके कहा 'मुराद को ब्रांड एंबेसडर पद से मंत्री भूपेंद्र सिंह ने हटाया, शायद अपराध यह होगा कि वह मुसलमान हैं। संघी सोच किस स्तर की है!'
इंदौर नगर निगम के स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एंबेसडर कुशीनगर जिले के रामकोला विकासखंड के चकिया दुबौली गांव के निवासी डॉ पुनीत कुमार द्विवेदी को बनाया गया है। कुशीनगर तो मध्यप्रदेश में नहीं उत्तर प्रदेश में है। डॉ द्विवेदी शुरू से ही इंदौर नगर निगम के ब्रांड एंबेसडर हैं और 2022 के लिए भी उन्हें 'स्वच्छ इंदौर अभियान' का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया। लेकिन, ये बात इंदौर के शायद ही किसी नागरिक को पता हो! यदि सरकार को भोपाल की संस्कृति को समझने वाले को ही ब्रांड एम्बेसडर बनाना है, तो उसे इंदौर के बारे में सोचना होगा। एक एकेडमिक सोच वाले व्यक्ति को इंदौर नगर निगम ने स्वच्छता अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया है। वे न तो इंदौर में जन्मे हैं न कभी स्वच्छता को लेकर सड़क पर दिखाई दिए! यदि रजा मुराद के नाम से मंत्री को आपत्ति है, तो उन्हें इंदौर के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर के बारे में भी विचार करना चाहिए। वे इंदौर में एक इंस्टीट्यूट्स के निदेशक हैं, पर इंदौर की संस्कृति के जानकार कदापि नहीं हैं।
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