- हेमंत पाल
फिल्म इंडस्ट्री अनिश्चितता से भरी है। अभी तक यहाँ फिल्मों के हिट और फ्लॉप होने को ही अनिश्चितता से जोड़कर देखा जाता था, पर अब इसमें और भी कई बातें जुड़ गई। महामारी ने मनोरंजन की इस दुनिया को कई जगह से घायल किया है। यह लगातार तीसरा साल है, जब साल के शुरुआत में फिल्मों की रिलीज टाल दी गई, फिल्मों की शूटिंग रुक गई और कई फिल्मों का भविष्य हमेशा के लिए गर्त में समा गया। कोरोना की तीसरी लहर ने पिछली दो लहरों की तरह इस बार भी इंडस्ट्री को प्रभावित किया। कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए फिल्म इंडस्ट्री की गति एक बार फिर धीमी हो गई। फिल्मों की शूटिंग रुकने के साथ कई कलाकार भी कोरोना से प्रभावित होने लगे। अभी तो करीना कपूर, अमृता अरोरा, अर्जुन कपूर, नोरा फतेही और एकता कपूर के नाम ही सामने आए हैं, पर संक्रमित होने वाले कलाकारों की संख्या 20 से ज्यादा है। ऐश्वर्या राय बच्चन की फिल्म 'पोन्नियन सेल्वन’ की शूटिंग रद्द कर दी गई। वेब सीरीज 'पंचायत-2' भी ओटीटी प्लेटफार्म पर आने वाली थी, पर इसकी शूटिंग को आगे बढ़ा दिया गया। विपुल अमृतलाल शाह भी कैटरीना कैफ को लेकर एक फिल्म की शूटिंग शुरू करने वाले थे, पर इस फिल्म की शूटिंग भी रोक दी गई।
पिछले दो साल में लॉकडाउन के वक्त जब सिनेमाघरों को बंद किया गया, कई बड़े फिल्म निर्माताओं ने अपनी फिल्मों की रिलीज आगे खिसका दी थी। छोटे बजट के फिल्मकारों ने तो ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपनी फिल्में रिलीज कर दी, लेकिन बड़े निर्माता अच्छे दिन के इंतजार में रहे। अक्टूबर में जब लॉकडाउन हटा और सिनेमाघरों को पूरी क्षमता के साथ खोला गया, तो फिल्में थियेटर में रिलीज हुई। तब लगा कि बॉलीवुड के दिन फिर गए। सूर्यवंशी, बंटी और बबली-2, 83, चेहरे, सत्यमेव जयते-2 और 'राधे' जैसी बड़ी फ़िल्में रिलीज हुई। लेकिन, कोरोना ने एक बार फिर बॉलीवुड को झकझोर दिया। कोरोना के कारण लगे प्रतिबंधों को देखते हुए फिर फिल्मों की रिलीज डेट आगे बढ़ाई जाने लगी। महामारी के कारण रिलीज होने वाली कई फिल्मों को बढ़ाया गया। शाहिद कपूर और मृणाल ठाकुर की फिल्म 'जर्सी' की रिलीज टाल दी गई। राजामौली की 'आरआरआर' की रिलीज भी अब नहीं होगी। प्रभास और पूजा हेगड़े की 'राधेश्याम' भी अब तय तारीख को रिलीज नहीं होगी। गणतंत्र दिवस पर अक्षय कुमार की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'पृथ्वीराज' की रिलीज भी टल गई। इसके अलावा अटैक, गंगूबाई काठियाबाड़ी, जयेश भाई जोरदार, बच्चन पांडेय, शमशेरा और 'भूल-भूलैया 2' के परदे पर आने में भी संशय है।
फिल्मों की रिलीज तारीख आगे बढ़ाया जाना, महज तारीखों का बदलाव नहीं होता। फिल्मकारों के लिए यह बहुत बड़ा फैसला होता है। फिल्म पूरी होने के बाद फिल्मकार के लिए एक-एक दिन अहम होता है। फिल्म बनाने के लिए उसके बजट और लागत का एक बड़ा हिस्सा बैंकों लोन से आता है। इस बैंक लोन पर उन्हें ब्याज देना पड़ता है। ऐसे में यदि फिल्म की रिलीज डेट लगातार टलती है, तो उसका सबसे बड़ा नुकसान फिल्मकार को उठाना पड़ता है। पिछले साल 'सूर्यवंशी' और '83' की रिलीज आगे बढ़ने पर इसके मेकर्स को करीब 40 करोड़ रुपए से ज्यादा ब्याज भरना पड़ा था। इस साल रिलीज टलने के कारण भी फिल्मकारों को वही सब भुगतना होगा। ऐसे में यदि सिनेमाघरों में आधे दर्शकों को ही बैठने की अनुमति मिलती है, तो भी इसका सीधा असर भी फ़िल्मकार पर पड़ता है। वर्तमान हालात को देखते हुए कई बड़ी फिल्मों की रिलीज संभव नहीं लग रही।
कोई इस बात का अनुमान नहीं लगा सकता कि अचानक फिल्म की रिलीज टालने का फैसला फिल्मकार को कितना महंगा पड़ता है। सिनेमा इतिहास की सबसे महंगी फिल्म राजामौली की 'आरआरआर' इस साल 7 जनवरी को रिलीज होने वाली थी। महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए और लॉकडाउन का खतरा भांपते हुए फिल्म की रिलीज को आगे बढ़ा दिया गया। कई राज्यों के सिनेमाघर भी बंद हो गए। नुकसान से बचने के लिए रिलीज टालने के अलावा कोई चारा भी नहीं था। लेकिन, 'आरआरआर' के निर्माताओं को इससे भारी नुकसान हुआ। इस फिल्म के निर्माण पर 400 करोड़ रुपए खर्च हुए। रिलीज आगे बढ़ने से फिल्म के प्रमोशन पर खर्च किए 20 करोड़ रुपए बर्बाद हो गए। एडवांस बुकिंग के 10 करोड़ रुपए भी लौटाना पड़े। इसके अलावा निर्माता को करीब 100 करोड़ रुपए का जो नुकसान उठाना पड़ा, उसकी भरपाई कहीं से होना संभव नहीं है। ये सिर्फ एक फिल्म की बात नहीं, हर वो फिल्म जिसकी रिलीज आगे बढ़ती है, उसकी यही कहानी है।
कोरोना के कारण यूं भी दर्शकों ने सिनेमाघरों में फिल्में देखना कम कर दिया था। कई राज्यों में सिनेमाघर बंद होने से फिल्म व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो गया। महामारी के कारण सिनेमाघर बंद होने से देश की थिएटर श्रृंखला को बड़ा नुकसान भोगना पड़ता है। उदाहरण के लिए पीवीआर समूह के पास 22 राज्यों में 850 से ज्यादा स्क्रीन हैं। अकेले दिल्ली में ही उनकी 68 स्क्रीन हैं। फिल्मों की रिलीज टलने और सिनेमाघर बंद होने से इस उद्योग को जो नुकसान हुआ उसका आकलन ही नहीं किया जा सकता। ऐसा सभी थियेटर श्रृंखला के साथ है। सिनेमाघर बंद होने का आशय सिर्फ उनके दरवाजे बंद होना ही नहीं होता। इससे जुड़ा स्टाफ और दूसरे नुकसान का तो आकलन ही नहीं किया जा सकता।
कोई इस बात का अनुमान नहीं लगा सकता कि अचानक फिल्म की रिलीज टालने का फैसला फिल्मकार को कितना महंगा पड़ता है। सिनेमा इतिहास की सबसे महंगी फिल्म राजामौली की 'आरआरआर' इस साल 7 जनवरी को रिलीज होने वाली थी। महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए और लॉकडाउन का खतरा भांपते हुए फिल्म की रिलीज को आगे बढ़ा दिया गया। कई राज्यों के सिनेमाघर भी बंद हो गए। नुकसान से बचने के लिए रिलीज टालने के अलावा कोई चारा भी नहीं था। लेकिन, 'आरआरआर' के निर्माताओं को इससे भारी नुकसान हुआ। इस फिल्म के निर्माण पर 400 करोड़ रुपए खर्च हुए। रिलीज आगे बढ़ने से फिल्म के प्रमोशन पर खर्च किए 20 करोड़ रुपए बर्बाद हो गए। एडवांस बुकिंग के 10 करोड़ रुपए भी लौटाना पड़े। इसके अलावा निर्माता को करीब 100 करोड़ रुपए का जो नुकसान उठाना पड़ा, उसकी भरपाई कहीं से होना संभव नहीं है। ये सिर्फ एक फिल्म की बात नहीं, हर वो फिल्म जिसकी रिलीज आगे बढ़ती है, उसकी यही कहानी है।
कोरोना के कारण यूं भी दर्शकों ने सिनेमाघरों में फिल्में देखना कम कर दिया था। कई राज्यों में सिनेमाघर बंद होने से फिल्म व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो गया। महामारी के कारण सिनेमाघर बंद होने से देश की थिएटर श्रृंखला को बड़ा नुकसान भोगना पड़ता है। उदाहरण के लिए पीवीआर समूह के पास 22 राज्यों में 850 से ज्यादा स्क्रीन हैं। अकेले दिल्ली में ही उनकी 68 स्क्रीन हैं। फिल्मों की रिलीज टलने और सिनेमाघर बंद होने से इस उद्योग को जो नुकसान हुआ उसका आकलन ही नहीं किया जा सकता। ऐसा सभी थियेटर श्रृंखला के साथ है। सिनेमाघर बंद होने का आशय सिर्फ उनके दरवाजे बंद होना ही नहीं होता। इससे जुड़ा स्टाफ और दूसरे नुकसान का तो आकलन ही नहीं किया जा सकता।
अनुमान है कि कोरोना की वजह से फिल्म इंडस्ट्री को करीब 50 से 60 फीसदी राजस्व का नुकसान झेलना पड़ा। 2019 में 1833 फिल्में रिलीज़ हुई थीं। जबकि, 2020 में केवल 441 फिल्में ही रिलीज हो पाईं। 2021 में ये संख्या और नीचे आ गई। जिससे सिनेमाघरों से आने वाला रेवेन्यू भी नीचे खिसक गया। 'फिक्की' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एंटरटेनमेंट सेक्टर की कुल कमाई 24% घटी है। पिछले दो लॉकडाउन की बात करें, तो फिल्म इंडस्ट्री को करीब 15 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। एक अन्य रिपोर्ट बताती है कि बॉक्स ऑफिस से फिल्म इंडस्ट्री को हर साल करीब 5 से 6 हजार करोड़ का टर्नओवर मिलता है। सैटेलाइट और ओटीटी राइट्स से करीब 8-9 हजार करोड़ रुपए मिलते हैं। इसमें म्यूजिक इंडस्ट्री की 3 से 4 हजार करोड़ की हिस्सेदारी होती है। कोरोना को देखते हुए ज्यादातर छोटी फिल्में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज की जाने लगी है। इससे बॉक्स ऑफिस और सैटेलाइट राइट्स के रूप में मिलने वाले करोड़ों रुपए का नुकसान अलग हो रहा है।
फिल्म की रिलीज और शूटिंग रुकने के अलावा कई फिल्मों की प्लानिंग भी कोरोना के कारण अटक गई। अली अब्बास जफर अच्छे डायरेक्टर हैं। लेकिन, उनके कई प्रोजेक्ट्स कोरोना की वजह लटक गए। अयान मुखर्जी भी 3 साल से एक ही फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' पर काम कर रहे हैं। कोरोना की वजह से यह फिल्म खत्म ही नहीं हो पा रही। कबीर खान ने फिल्म '83' की रिलीज को काफी समय होल्ड पर रखा गया। इस वजह से उन्हें भारी नुकसान हुआ। कोरोना की वजह से करण जौहर ने भी अपने कई प्रोजेक्ट को टाल दिया। इसमें एक 'तख्त' भी है। उनके बैनर में बन रही फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' भी काफी समय से लटकी हुई है। करण इस समय 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' का निर्देशन कर रहे हैं। उधर, करण मल्होत्रा 'शमशेरा' पर काफी समय से काम कर रहे हैं। कोरोना की रोक-टोक के कारण फिल्म की रिलीज और शूटिंग पर भी काफी समय रुकी रही। रोहित शेट्टी ने भी लम्बे समय तक 'सूर्यवंशी' की रिलीज को होल्ड पर रखा था। इससे उन्हें काफी नुकसान भी हुआ। इसके अलावा रोहित शेट्टी की सिंघम 3, गोलमाल 4 और 'सर्कस' भी अभी अटकी हुई है। पिछले दो अनुभवों के बाद यह तीसरा साल है जब फिर कोरोना संक्रमण ने सिनेमा पर असर दिखाया है। उम्मीद की जाना चाहिए कि ये साल उतना काला नहीं होगा, जितने बीते दो साल गुजरे।
------------------------------ ----------------------------------------------------------------------------------------
फिल्म की रिलीज और शूटिंग रुकने के अलावा कई फिल्मों की प्लानिंग भी कोरोना के कारण अटक गई। अली अब्बास जफर अच्छे डायरेक्टर हैं। लेकिन, उनके कई प्रोजेक्ट्स कोरोना की वजह लटक गए। अयान मुखर्जी भी 3 साल से एक ही फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' पर काम कर रहे हैं। कोरोना की वजह से यह फिल्म खत्म ही नहीं हो पा रही। कबीर खान ने फिल्म '83' की रिलीज को काफी समय होल्ड पर रखा गया। इस वजह से उन्हें भारी नुकसान हुआ। कोरोना की वजह से करण जौहर ने भी अपने कई प्रोजेक्ट को टाल दिया। इसमें एक 'तख्त' भी है। उनके बैनर में बन रही फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' भी काफी समय से लटकी हुई है। करण इस समय 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' का निर्देशन कर रहे हैं। उधर, करण मल्होत्रा 'शमशेरा' पर काफी समय से काम कर रहे हैं। कोरोना की रोक-टोक के कारण फिल्म की रिलीज और शूटिंग पर भी काफी समय रुकी रही। रोहित शेट्टी ने भी लम्बे समय तक 'सूर्यवंशी' की रिलीज को होल्ड पर रखा था। इससे उन्हें काफी नुकसान भी हुआ। इसके अलावा रोहित शेट्टी की सिंघम 3, गोलमाल 4 और 'सर्कस' भी अभी अटकी हुई है। पिछले दो अनुभवों के बाद यह तीसरा साल है जब फिर कोरोना संक्रमण ने सिनेमा पर असर दिखाया है। उम्मीद की जाना चाहिए कि ये साल उतना काला नहीं होगा, जितने बीते दो साल गुजरे।
------------------------------
No comments:
Post a Comment