जब फिल्म का कोई अभिनेता अपने करियर के चरम पर होता है, तो उसके प्रेम प्रसंग भी चर्चा में रहते हैं। ऐसे समय में कई बार बात शादी तक भी पहुंचती है। जिनके साथ ऐसा नहीं होता उनके प्रेम प्रसंग लंबे समय तक ख़बरों में बने रहते हैं। लेकिन, जिन कलाकारों ने एक पत्नी के होते, दूसरी शादी की उनके जीवन का उत्तरार्ध सुकून भरा नहीं रहा। सामाजिक रूप से, पहली पत्नियां चुप्पी साध लेती हैं या बचाव करती हैं, जबकि समाज नैतिकता पर बहस जारी रखता है। क्योंकि, दूसरी शादी वाले कलाकारों की पत्नी और बच्चे इसे स्वीकार नहीं करते। ऐसी कई कहानियां गिनाई जा सकती है, जब ऐसे मामलों की बात उनके घरों से निकलकर बाहर आई।
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- हेमंत पाल
फिल्म के कलाकारों का जीवन आम लोगों से अलग नहीं होता। वे परदे पर कैसी भी भूमिका निभाएं, पर असल जीवन में उनकी ख़ुशी और गम सबके जैसे होते हैं। उनका पारिवारिक जीवन, उसके दर्द और संबंधों में आपसी खींचतान फ़िल्मी कथानकों से अलग होती हैं। वैसे तो फिल्मों के अंत में सारी समस्याएं सुलझ जाती है, पर असल जीवन में ऐसा नहीं होता। जब जीवन उत्तरार्ध की तरफ बढ़ता है, तो उसकी असलियत की परतें खुलने लगती है। क्योंकि, ऐसे में पति-पत्नी के रिश्ते काफी अहम होते हैं। लेकिन, जब लोकप्रियता के शिखर पर किसी कलाकार की रिश्तों की नौका डगमगाती है और वह दूसरी शादी कर लेता है, तो हालात बदल जाते हैं। ये स्थितियां कभी अनुकूल होती है, कभी विपरीत। किंतु, दूसरी शादी से परिवार जिस तरह की मानसिकता से गुजरता है, उन हालात को संभालना आसान नहीं होता। ऐसे में सारा सच घर की चारदीवारी तक सीमित नहीं रहता और निकलकर बाहर आ जाता है। धर्मेंद्र के जीवन के अंतिम दिनों में जो कुछ घटा, उसने इस सच्चाई को बेहतर ढंग से सामने ला दिया।
कलाकारों के जीवन की जटिलताएं कम नहीं होती। ये उनकी फिल्मों के क्लाइमैक्स की तरह सुखद नहीं होता। इन अभिनेताओं की दो शादियों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश और उनके निधन के समय साथ देने के भावनात्मक हालात के कई किस्से हैं। ऐसी स्थितियों ने इन रिश्तों की जरूरत और मजबूरियों को भी उजागर किया, जहां दूसरी पत्नियों ने जीवन भर साथ दिया लेकिन अंतिम समय में वे अकेले या विवादित रहे। धर्मेंद्र के निधन के बाद हेमा मालिनी के साथ जो हुआ वो किसी से छुपा नहीं है। धर्मेंद्र के जीवन के अंतिम दिन बेहद पीड़ादायक रहे। उनके निधन की अफवाह उड़ी, फिर उन्हें अस्पताल से घर लाया गया, उसके बाद इस महान अभिनेता का निधन हो गया। दूसरी पत्नी हेमा मालिनी को धर्मेंद्र की प्रार्थना सभा में भी नहीं आने देना जैसे किस्से आम हुए। पर, ये पहला और आखिरी प्रसंग नहीं है। दो शादी करने वाले कई अभिनेता हैं, जिन्होंने अच्छे हालात में पहली पत्नी के होते हुए शादी तो की, पर बाद के हालात अनुकूल नहीं रहे, तो वे उससे बचते रहे। कई नामचीन फिल्मी हस्तियों ने दो शादियां की। दूसरी पत्नियों ने जीवन भर साथ दिया। लेकिन, अधिकांश के अंतिम समय में पारिवारिक स्थितियां उलझ गई और उन्हें कटु अनुभवों से गुजरना पड़ा।
धर्मेंद्र ने अपने जीवन में दो शादियां की। उनकी पहली शादी प्रकाश कौर से 1954 में हुई और उन्होंने दूसरी हेमा मालिनी से 1980 में की। लेकिन, वे जीवन के अंतिम समय में वे पहली पत्नी के साथ रहे। दूसरी पत्नी हेमा मालिनी अंतिम क्षणों में उनके पास नहीं रहीं। जबकि, धर्मेंद्र ने हेमा से शादी के लिए धर्म भी बदला था। धर्मेंद्र ने अपनी पहली पत्नी से तलाक नहीं लिया। हेमा ने अपने पति धर्मेंद्र के पहले परिवार और बच्चों के प्रति सम्मान दिखाते हुए अपनी शादी को दूसरी शादी की नहीं, बल्कि एक विशेष रिश्ता माना। धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर ने भी उनका जीवन भर साथ दिया और अंतिम समय में भी परिवार में उनका सम्मान बना रहा।
फ़िल्मी दुनिया के कई अभिनेताओं ने दो शादियां कीं, जहां दूसरी पत्नी उनके अंतिम समय में साथ न होने की वजह से जीवन की विडंबना उजागर हुई। दिलीप कुमार ने 1966 में अपने से उम्र में काफी छोटी, खूबसूरत अभिनेत्री सायरा बानो से निकाह किया। ये रिश्ता हिंदी फिल्म इतिहास के सबसे चर्चित वैवाहिक रिश्तों में से एक माना गया। सायरा बानो के साथ उनका वैवाहिक जीवन लंबे समय तक स्थिर और भावनात्मक रूप से गहरा रहा, लेकिन संतान न होने की कसक अक्सर चर्चा में रही। इसी पृष्ठभूमि में 1981 के आसपास उनकी ज़िंदगी में आसमा रहमान नाम की महिला आई, जिससे उन्होंने चुपचाप दूसरी शादी कर ली। आम धारणा यह बनी कि संतान की चाहत और भावनात्मक असुरक्षा ने उन्हें इस कदम के लिए प्रेरित किया। कुछ ही वर्षों में यह रिश्ता टूट गया। दिलीप कुमार ने अपनी आत्मकथा में अस्मा रहमान से दूसरी शादी को गंभीर भूल बताया था। वे फिर सायरा के पास लौट आए। बाद के सालों में सायरा ने ही उनकी देखभाल की और आखिरी समय तक उनके साथ रहीं। दूसरी शादी दिलीप कुमार की छवि पर एक धब्बे की तरह दर्ज हुई, परंतु सायरा बानो के अटूट साथ और उनकी चुप्पी ने इस प्रकरण को धीरे-धीरे स्मृति के हाशिये पर पहुंचा दिया। उनकी अभिनय-प्रतिभा, सामाजिक प्रतिष्ठा और उम्र के अंतिम चरण का गरिमामय व्यक्तित्व इस निजी भूल पर भारी पड़ा और उनकी विरासत एक महान अभिनेता और समर्पित जीवनसाथी के रूप में ही याद की जाती है।
राज बब्बर और स्मिता पाटिल का मामला भी दो पत्नियों के बीच फंसे पति का एक उदाहरण है। राज बब्बर ने 1975 में नादिरा बब्बर से शादी की, जिनसे दो बच्चे हुए। फिर 1983 में स्मिता पाटिल से दूसरी शादी की। स्मिता ने 1986 में बेटे प्रतीक को जन्म दिया, लेकिन प्रसव की जटिलताओं की वजह से 31 साल की उम्र में वे चल बसीं। स्मिता की मृत्यु के बाद राज पहली पत्नी नादिरा के पास लौटे, जिसने उन्हें स्वीकार भी किया। इसी तरह राजेश खन्ना के जीवन में भी वैवाहिक जीवन की जटिलताएं रहीं। उन्होंने डिंपल कपाड़िया से शादी की, लेकिन बाद में वे अलग हो गए, पर दोनों में तलाक नहीं हुआ। उनकी दूसरी पत्नी के बारे में कई खुलासे हुए। अनीता आडवाणी ने दावा किया कि उन्होंने राजेश खन्ना से चुपके शादी की थी। अनीता उनके अंतिम समय तक उनके साथ रहीं। राजेश खन्ना के जीवन में दूसरी शादी और संबंधों ने बहुत विवाद और रहस्यमयता पैदा की, जिसने राजेश खन्ना जैसे बड़े अभिनेता को अंतिम समय में उनके चाहने वालों से दूर कर दिया था।
एक और अभिनेता विनोद खन्ना भी थे, जिन्होंने भी दो शादियां कीं। उनके जीवन के उतार-चढाव से कोई नावाकिफ नहीं है। उनकी पहली पत्नी गीतांजलि थी और दूसरी कविता दफ्तरी से। दोनों अपनी-अपनी जगह पर विनोद खन्ना के जीवन का हिस्सा बनी। जब विनोद खन्ना का निधन हुआ, तो दोनों पत्नियां उनके अंतिम संस्कार में मौजूद थीं, इसका मतलब यह नहीं कि दोनों ने आपस में समझौता कर लिया था। ओशो के प्रति गहरे आध्यात्मिक झुकाव ने उन्हें परिवार और फिल्म, दोनों से दूर कर दिया जो तलाक की वजह बना। अध्यात्म से लौटने और करियर में वापसी के बाद उनकी मुलाकात उद्योगपति सरयू दफ्तरी की बेटी कविता दफ्तरी से हुई।
उम्र में 16 साल के अंतर के बावजूद 1990 में दोनों ने शादी की। दो शादी करने वाले बड़े फ़िल्म कलाकारों में आमिर खान और सैफ अली खान भी हैं। आमिर ने पहली शादी रीना दत्ता से 1986 में और दूसरी किरण राव से 2005 में की। 16 साल बाद 2002 में तलाक हो गया, लेकिन दोनों आज भी परिवार के रूप में जुड़े हैं। आमिर का दोनों पत्नियों से आपसी सहमति से तलाक भी हो गया। इसी तरह सैफ अली खान ने भी दो शादियां की। पहली 1991 में अभिनेत्री अमृता सिंह से हुई। 2004 में दोनों का तलाक हो गया। सैफ ने दूसरी शादी 2012 में अभिनेत्री करीना कपूर से की, जिनसे उनके दो बेटे तैमूर और जहांगीर हैं।
शादियों के मामले में संजय दत्त सबसे अलग ही रहे। संजय दत्त की पहली शादी रिचा शर्मा से 1987 में हुई, जिनकी 1996 में ब्रेन ट्यूमर से मृत्यु हो गई। दूसरी रिया पिल्लई से (1998-2008, तलाक), तीसरी मान्यता से (2008 से चली आ रही)। रिचा की मृत्यु के समय वे युवा थे, उनकी बेटी त्रिशाला की परवरिश अमेरिका में हुई। संजय दत्त के जीवन में भी उनका परिवार और पत्नियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहीं। इसी तरह किशोर कुमार वे गायक और अभिनेता थे, जिन्होंने चार शादियां की। रुमा गुहा ठाकुरता (1950-58), मधुबाला (1960-69), योगिता बाली (1976-78), और लीना चंदावरकर (1980) से। उनकी दूसरी शादी मधुबाला से हुई, जो 1969 में बीमारी से चल बसी। लीना चंदावरकर विवाह के समय वे गर्भवती थीं और 1987 में किशोर को दिल का दौरा पड़ने तक लीना उनके साथ रहीं।
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि फिल्मों के सफल और लोकप्रिय अभिनेता भी निजी असुरक्षाओं, इच्छाओं और भावनात्मक खालीपन से अछूते नहीं रहते। फर्क सिर्फ यह है कि जहां दिलीप कुमार की दूसरी शादी क्षणिक और त्रासद प्रकरण बनकर रह गई, वहीं धर्मेंद्र और विनोद खन्ना की दूसरी शादी उनके जीवन के उत्तरार्ध की स्थिरता और संतुलन का महत्वपूर्ण अध्याय बनी। राजेश खन्ना की दूसरी शादी दबी-छुपी जरूर रही, पर रिश्तों की रिसन बाहर आती रही। जबकि, राज बब्बर और विनोद खन्ना की दूसरी शादी अलग तरह के हालात से उपजी घटना रही। अभिनेता अक्सर दूसरी शादी के कारण पारिवारिक और सामाजिक दर्द झेलते हैं। वहीं पहली पत्नी को अपमान और विश्वासघात का सामना करना पड़ता है। इन कहानियों से फिल्मी सितारों के निजी जीवन की जटिलताएं झलकती है, जहां प्रेम, अलगाव और अकेलापन अंतिम क्षणों को काला कर देते हैं। इससे लगता है कि वैवाहिक जीवन में स्थिरता कितनी दुर्लभ है।
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