Sunday, February 12, 2017

डर के आगे ही अक्षय की जीत!

- हेमंत पाल 

    बॉलीवुड में असली एक्शन हीरो उसे माना जाता है, जो खुद जोखिम भरे एक्शन सीन करे! हेलीकॉप्टर से लटके, कारों के स्टंट सीन में खुद ही कार दौड़ाए और विलेन के पीछे छतों-छतों पर कूदे! लेकिन, ज्यादातर हीरो इसके लिए प्रोफेशनल स्टंटमैन को आगे कर देते हैं। उनका चेहरा वहीं दिखाई देता है, जहाँ कैमरा क्लोज़अप होता है। ऐसे में जब भी रीयल एक्शन हीरो की बात आती है, सबके जहन पहला नाम आता है अक्षय कुमार का! मार्शल आर्ट में पारंगत अक्षय के एक्शन सीन खुद करते हैं, इसलिए उनपर फिल्माए स्टंट सीन नाटकीय नहीं लगते। सबसे बड़ी बात ये कि फ़िल्मी हीरो जिस एक्शन के डर से बचकर रहते हैं, उसी को अक्षय कुमार ने अपनी ताकत बना लिया। इस कलाकार ने 1991 में 'सौगंध' से अपने करियर की शुरुआत की थी। तभी से वे अपने एक्शन सीन्स खुद ही करते हैं। अक्षय ने कई बार ये बात स्वीकार भी है कि वे जोखिम भरे दृश्यों से घबराते नहीं! इसका आशय ये भी नहीं कि उन्होंने 'डर' पर काबू पा लिया! लेकिन, फिर भी वे अपने लिए किसी दूसरे की जान जोखिम में डालना नहीं चाहते।   

  अक्षय ने कई दमदार एक्शन फिल्में की हैं। एक्शन सीन करते समय अक्षय कई बार घायल भी हुए हैं। 'सिंह इज ब्लिंग' की शूटिंग के वक़्त वे एक बड़े हादसे का शिकार हुए थे। फायर रिंग के बीच से कूदने वाला स्टंट परफॉर्म करते समय अक्षय आग की चपेट में आ गए। लेकिन, सुरक्षा साधनों के कारण बड़ा हादसा टल गया। 'राउडी राठौर' की शूटिंग  दौरान भी उनके कंधे पर गंभीर चोट आई थी। फिल्मों के अलावा स्टंट वाले टीवी रियलिटी शो 'खतरों के खिलाड़ी' में भी अक्षय ने अपने सभी स्टंट खुद ही किए। एक बार इस शो में उन्हें बिच्छू ने काट भी लिया था। फिर भी वे रुके नहीं, फर्स्ट एड के बाद उन्होंने शूटिंग शुरू कर दी। अक्षय कहते हैं कि मुझे स्टंट सीन करने में मजा आता है। अगर आपको लगता है कि आप खुद यह सीन कर सकते हैं, तो बॉडी डबल की क्या जरूरत? फिर ऐसे सीन शूट करते हुए सिक्युरिटी की भी पूरी व्यवस्था की जाती है। 
  'खतरों के खिलाड़ी' के सेट पर मुझसे बात करते हुए भी अक्षय ने खुद स्टंट करने आदत के बारे में कहा था कि 'डर' और 'हिम्मत' सब दिमाग का खेल है। जब बच्चा छोटा होता है, वो आग से नहीं डरता! क्योंकि, वो डर समझता ही नहीं! लेकिन, जब ये समझने लगता है कि आग से जल भी जाते हैं, वो दूर हो जाता है। अक्षय ने अपने बेटे का उदाहरण देते हुए बताया था कि मेरे घर में जिम ऊपरी मंजिल पर था, पर वहां जाने के लिए मैंने कभी सीढियां इस्तेमाल नहीं की! तब मैं बेटे को भी जिम में साथ ले जाता था। आते वक़्त पहले नीचे आकर मैं उससे कहता था 'कूद जाओ' और वो कूदकर मेरी गोद में आ जाता था! इसलिए कि उसे नहीं पता था कि डर क्या होता है, दूसरा मुझपर भरोसा था। जब वो बड़ा हो गया तो मेरे कहने पर भी नहीं कूदता! लेकिन, अक्षय को जिस चीज से डर लगता है वो है मैरी-गो-राउंड झूला। उन्हें उसपर बैठना बिल्कुल पसंद नहीं! क्योंकि, मैरी-गो-राउंड पर बैठने के उनका सिर चकराने लगता है। अक्षय कहते हैं कि यही समझ लो कि मैं इस झूले पर बैठने से डरता हूँ!
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