- हेमंत पाल
बॉलीवुड में लम्बे अरसे से तीन 'खानों' का जलवा बना हुआ है। हर तीसरी फिल्म में शाहरुख़, सलमान या आमिर में से कोई एक होता है। इसके अलावा अक्षय कुमार और अजय देवगन हैं, जिनके दीवानों की भी कमी नहीं! गौर करने वाली बात ये है कि ये सभी हीरो बनने की उम्र से आगे निकल गए! लेकिन, 45 से 50 की उम्र लांघ चुके ये हीरो आज भी चहेतों की लिस्ट में सबसे आगे हैं। 18 से 25 साल वाले युवा दर्शक भी इन्हीं के दीवाने हैं। ऐसे में इन अभिनेताओं की भी मज़बूरी है की उन्हें हर फिल्म में युवाओं की तरह दिखना होता है। आमिर खान जब फिल्मों में आए थे, तब उन्होंने कई फिल्मों में कॉलेज के लड़के का किरदार निभाया। वही किरदार वे आज भी निभा रहे हैं। 'थ्री इडियट्स' में आमिर ने कॉलेज के स्टूडेंट का ही रोल किया था। सीधा सा मतलब है कि एक्टर्स की उम्र बढ़ रही है, लेकिन उनके किरदार आज भी वहीं हैं। चालीस साल पार कर चुके सुपर स्टार आज फिल्मों में आधी उम्र के किरदार निभा रहे हैं। किंतु, अब बदलाव आ रहा है।
बॉलीवुड में जो नया हो रहा है, उसके चलते फिल्मों में युवा किरदारों के लिए युवा एक्टर्स को ही लिया जाने लगा है। कुछ फिल्मकारों ने तो इसके लिए पहल भी शुरू कर दी! वे युवाओं की कहानियों पर वास्तव में युवा एक्टर्स के साथ ही फिल्म निर्माण में लगे हैं। बॉलीवुड के दो बड़े प्रोडक्शन हाउस यशराज फिल्म्स और वायकॉम-18 ने तो इस काम के लिए अलग कंपनियाँ ही बना दी। ये कंपनियां सिर्फ आज के दौर वाली ही फ़िल्में बना रही है। इसका मकसद अलग-अलग वर्ग वाले दर्शकों की पसंद का ध्यान रखने हुए फ़िल्में बनाना। युवाओं के लिए जो फ़िल्में बनाई जा रही हैं, उनकी कहानी, संगीत और कास्ट्यूम से लगाकर हर चीज में युवापन और नयापन झलकता है। ये जरुरत इसलिए महसूस की गई कि बॉलीवुड ने महसूस किया है कि 60 फीसदी दर्शक युवा हैं और युवाओं की पसंद को समझना और उन्हें वैसा ही मनोरंजन देना भी जरूरी है।
समय के साथ फिल्म इंडस्ट्री में भी बदलाव आया है। मल्टीप्लेक्स सिर्फ सिनेमाघर का नाम नहीं बल्कि एक कल्चर है। जहाँ सबकुछ नया है। डॉल्बी से आगे निकलता साउंड सिस्टम, धूम धडाकेवाला वाला संगीत और तेज गति भागता फिल्मों का कथानक! आज के युवा की पसंद भी यही है! बॉलीवुड में अब सिर्फ फ़िल्में ही नहीं बन रही! अब स्टोरी के साथ ही तय हो जाता है कि ये फिल्म किस दर्शक वर्ग के लिए बनाई जाएगी। नई थीम और अलग तरह के कथानक पर भी काम होने लगा है। क्योंकि, आज फिल्मों के ज्यादातर दर्शक वो युवा हैं, जो पढ़ रहे हैं या पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। इनकी पसंद भी अनोखी है। हॉलीवुड की फ़िल्में इन्हें ज्यादा प्रभावित करती हैं। यही वो दर्शक वर्ग भी है जो फिल्म देखने के लिए खर्च भी ज्यादा करता है।
युवा ऐसे दर्शक होते हैं, जो दूसरे आम दर्शकों की तरह नहीं सोचते! वे हमेशा नए प्रयोगों के लिए तैयार रहते हैं। इनके पास किसी एक चीज के लिए ज्यादा वक्त नहीं होता! इन फिल्मों की स्टोरी अपराध से लगाकर रोमांस तक होती है। इन फिल्मों में कहानियों का ट्रीटमेंट भी अलग ही होता है। इन फिल्मों में जिस तरह की तकनीक का इस्तेमाल होने लगा है, वो भी सामान्य से अलग होती हैं। आखिर बॉलीवुड को भी वही दर्शक ज्यादा भाते हैं, जिनकी वजह से उनकी फ़िल्में हिट हों और वे फिल्म को दर्शक की तरह देखें, मनोरंजन का भरपूर मजा लें न कि समीक्षक की तरह फिल्मों की उधेड़बुन में लग जाएँ!
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