Sunday, May 13, 2018

बॉलीवुड के बाजार पर हावी होता हॉलीवुड!


- हेमंत पाल 

   बॉलीवुड पर हॉलीवुड की फ़िल्में लगातार हावी हो रही है। अपने बेहतरीन प्रॉडक्शन, नए आइडियों और जबरदस्त एक्शन कारण ये फ़िल्में दर्शकों को आकर्षित कर रही है। कभी दोयम दर्जे की अंग्रेजी फ़िल्में कही जाने वाली हॉलीवुड की फिल्मों ने साबित कर दिया कि वे जब चाहें बॉलीवुड पर कब्ज़ा कर सकती हैं! धीरे-धीरे ये होने भी लगा है। हॉलीवुड की फिल्में जहाँ आसानी से 100 करोड़ का बिजनेस कर लेती हैं, वहीं अधिकांश हिंदी फिल्मों को अपनी लागत निकालने में भी एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है। हाल ही में रिलीज हुई हॉलीवुड की फिल्म ‘एवेंजर्स : इनफिनिटी वॉर’ ने तो कमाई मामले में अभी तक के सारे रिकॉर्ड ही ध्वस्त कर दिए। इस फिल्म ने सबसे तेज कमाई का भी रिकॉर्ड बनाया है। भारतीय दर्शकों में हॉलीवुड की फिल्मों के बढ़ते क्रेज का ही असर है कि ये फिल्म अमेरिका से दो हफ्ते पहले भारत में रिलीज की गई!     
  भारत में हॉलीवुड की सुपरहीरो वाली फिल्में सबसे ज्यादा पसंद की जाती है। अभी तक इस तरह की जो भी फ़िल्में रिलीज हुई, उन्होंने जमकर बिजनेस किया और साथ में परदे पर उतरी हिंदी फिल्मों  ठिकाने लगा दिया। हॉलीवुड फिल्म 'ब्लैक पेंथर' के साथ आई बॉलीवुड फिल्म 'अय्यारी'  सामने दर्शकों का अकाल पड़ गया था। 1000 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई 'ब्लैक पैंथर' ने पहले दिन 19.35 करोड़ की कमाई की, तो 1750 स्क्रीन पर उतरी 'अय्यारी' 11.70 करोड़ की ही बिजनेस कर पाई है। विद्या बालन की फिल्म 'तुम्हारी सुलू' को काफी पसंद किया गया! फिल्म ने 36 करोड़ से ज्यादा कमाई की, लेकिन ये फिल्म हॉलीवुड की 'जस्टिस लीग' से पिछड़ गई, जिसने 41 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन किया। 
  ये बात कई दिनों से कही जा रही है कि आने वाले वक़्त में बॉलीवुड की फिल्मों को हॉलीवुड की फिल्मों से कड़ी चुनौती मिल सकती है! लेकिन, इसे कभी गंभीर सवाल नहीं समझा गया। अब, जबकि हॉलीवुड की फिल्मों के कारण बॉलीवुड की फिल्मों का बिजनेस प्रभावित होने लगा तो निर्माताओं को चिंता सताने लगी! 2015 में जुरासिक वर्ल्ड, एवेंजर्स : एज ऑफ अल्ट्रॉन और फास्ट एंड फ्यूरियस-7 ने भारत में 700 करोड़ से ज्यादा की कमाई की थी। उससे पहले अनिल कपूर की भूमिका वाली 'मिशन इम्पॉसिबल : द घोस्ट प्रोटोकॉल' ने 40 करोड़ रुपए का बिजनेस किया। हैरी पॉटर सीरीज की अंतिम फिल्म 'हैरी पॉटर एंड द डेथी हेलोज' व 'ट्रांसफॉर्मर्स : डार्क ऑफ द मून' ने भी बॉक्सऑफिस पर 36-36 करोड़ की कमाई की। जॉनी डेप की 'पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन: ऑन स्ट्रेंजर टाइड्स' ने 34 करोड़ रुपए का व्यवसाय किया। विन डीजल की फिल्म 'फास्ट फाइव' ने 29 करोड़ रुपए, 'एक्स-मैन : फर्स्ट क्लास' ने 22 करोड़ रुपए, एरॉन एकहर्ट अभिनीत 'बैटल लॉस एंजेलिस' ने 20 करोड़ रुपए का व्यवसाय किया। एनिमेशन फिल्म 'एडवेंचर्स ऑफ टिनटिन: द सीक्रेट ऑफ यूनिकॉर्न' ने यहां 24 करोड़ रुपये व 'कुंग फू पांडा 2' ने 27 करोड़ रुपए का व्यवसाय किया। 'द हैंगओवर 2' ने भारतीय बॉक्सऑफिस पर 15 करोड़ रुपए कमाए।
   देखा जाए तो भारत में हॉलीवुड का बाजार 900 से 1000 करोड़ रुपए के आसपास है। ये बॉक्स ऑफिस की कमाई का 12 से 15 फीसदी बैठता है। देखने में ये आँकड़ा छोटा लगे, पर हॉलीवुड की फिल्मों को किसी बॉलीवुड फिल्म की तुलना में बहुत कम थियेटर मिलते हैं। ऐसे में यदि थियेटरों के हिसाब से कमाई का औसत निकाला जाए तो हमारा देसी सिनेमा बेहद कमजोर दिखाई देता है। 'बॉक्स ऑफिस इंडिया' के मुताबिक 2017 में जनवरी और सितंबर के बीच भारतीय बाजार में हॉलीवुड फिल्मों की हिस्सेदारी 19.8 फीसदी थी। जबकि 2009 में यह आँकड़ा 7.2 फीसदी ही था। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी हॉलीवुड की फ़िल्में खूब देखी जा रही है। जिसका सबूत ये है कि 'टेलीकॉम नियामक प्राधिकरण' के मुताबिक 2017 में इसके सब्सक्राइबर 160 फीसदी की दर से बढ़े हैं।  ऐसे में बॉलीवुड के वर्चस्व को गंभीर खतरा बताया जा रहा है, तो ये गलत नहीं है। हॉलीवुड की फिल्मों के साथ एक खास बात यह होती है कि वे हिंदी के साथ और कुछ अन्य भारतीय भाषाओं में भी डब करके रिलीज की जाती हैं। इससे उनका रीजनल मार्केट बढ़ जाता है। बॉलीवुड के साथ सबसे बड़ी कमजोरी ये है कि उसके लिए टेलीविजन के अलावा कमाई का और कोई विकल्प नहीं है। उसे साऊथ की डब फिल्मों से भी चुनौती मिल रही है। .
  शाहरुख खान पहले एक्टर हैं, जिन्हें इस खतरे का आभास हो गया है कि अगर बॉलीवुड ने अपना नजरिया, टेक्नोलॉजी और प्रोडक्शन का तरीका नहीं बदला तो एक दिन हॉलीवुड बॉलीवुड को खा जाएगा। शाहरुख का मानना है कि फिल्मों में अब भाषा कोई बाधा नहीं रही! इसके अलावा कई डिजिटल प्लेटफार्म खड़े हो रहे हैं, जिनकी बेहतरीन कंटेंट तक पहुंच है। हॉलीवुड नए ज़माने के भारतीय दर्शकों की पसंद क्यों बन रहा है, हमें उससे सीखना चाहिए। बॉलीवुड को बदलना होगा और हमें भी नया सीखना होगा, जबकि हॉलीवुड यह सब कर चुका है! हमें केवल उसे अपनाना है। हमारे पास भी कई शानदार कहानियां हैं जिनको नया ट्रीटमेंट देना होगा और दर्शकों की पसंद के मुताबिक ढलना होगा! 
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