Sunday, June 2, 2019

संघर्ष की अंतहीन दास्तान!

- हेमंत पाल   

  सिनेमा का परदा ऐसी जगह है, जहाँ सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती! हो सकता है कोई अनजान कलाकार रातों-रात सितारा बनकर चमकने लगे! ये भी संभव है कि कोई चमकता सितारा एक फ्लॉप फिल्म से गर्त में चला जाए! फ़िल्मी दुनिया ऐसे इतिहास से भरी पड़ी है! आज जो भी परदे पर चमक रहा है, उसके पीछे संघर्ष की एक लम्बी दास्तान लिखी होती है! अमिताभ बच्चन से लगाकर सलमान खान तक जो कि आज बॉलीवुड के ब्रांड हैं, कड़े संघर्ष से ही निखरकर निकले हैं! जो कलाकार किसी हीरो, हीरोइन या डायरेक्टर के बेटे या बेटी हैं, वो हिट हो जाएं, इसकी कोई गारंटी नहीं! देवानंद और राजेंद्र कुमार जैसे बड़े कलाकारों के बेटे भी नहीं चल सके!      
  बॉलीवुड में आज सलमान खान को हिट फार्मूला माना जाता है! लेकिन, उनकी फ़िल्में भी जब चलती है, जब दर्शकों पसंद आए! वे भी अपने पहले स्क्रीन टेस्ट में फेल कर दिए गए थे! 'मैंने प्यार किया' के लिए राजश्री प्रोडक्शन को नया चेहरा चाहिए था! ताराचंद बड़जात्या को किसी ने सलमान का नाम सुझाया।उस समय उनके पिता सलीम खान बड़े स्क्रिप्ट राइटर थे! सलमान का स्क्रीन टेस्ट हुआ, लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया! इसके बाद जिनका भी स्क्रीन टेस्ट हुआ, उनमें भी उस रोल के लिए कोई फिट नहीं हुआ! निर्माता सुरेश भगत ने फिर ताराचंद बड़जात्या के सामने सलमान की बात छेड़ी! अबकी बार सूरज बड़जात्या ने सलमान का स्क्रीन टेस्ट लिया। सूरज को सलमान ठीक लगे! अपने समय के रोमांटिक हीरो राजेश खन्ना ने तो एक्टिंग का टेलेंट-हंट जीता था! लेकिन, उन्हें भी लम्बे समय तक अपनी पहली फिल्म का इंतजार करना पड़ा! 
   एक टीवी शो में नसीरुद्दीन और ओमपुरी दोनों से पूछा था कि क्या उन्हें अपनी शक्ल को लेकर कभी जिल्लत उठाना पड़ी? इस पर नसीरुद्दीन ने बताया था कि शबाना आजमी ने हमारी एनएसडी की पुरानी तस्वीर देखकर कहा था कि ये दो बदसूरत इंसान, कैसे एक्टर बनने की जुर्रत कर सकते हैं? इन दोनों  मुश्किलों का सामना करना पड़ा! शत्रुघ्न सिन्हा को भी शुरूआती दौर में रिजेक्ट कर दिया गया था! उन्हें कटे-पिटे बदसूरत चेहरे वाला तक कहा गया था! बॉलीवुड के बड़े विलेन अमरीश पूरी को भी पहले स्क्रीन टेस्ट में रिजेक्ट कर दिया गया था। वे सत्यदेव दुबे के नाटकों पर पृथ्वी थिएटर में काम कर रहे थे। इन नाटकों की कुछ प्रस्तुतियों ने बाद में उनकी बॉलीवुड में एंट्री दिलाई। अमिताभ बच्चन के संघर्ष की दास्तान भी दर्दभरी है! उन्हें कद लेकर कई बार बातें सुनना पड़ी थी! यहाँ तक कहा गया कि तुम्हें हीरो बनाएंगे तो इतनी लम्बी हीरोइन कहाँ लाएंगे? उन्हें रेडियो पर न्यूज़ रीडर के इंटरव्यू में भी उनकी भारी आवाज की वजह से रिजेक्ट कर दिया गया था।  
 देव आनंद जब संघर्ष कर रहे थे, तब उन्हें पहली बार एक नाटक 'जुबैदा' में काम करने का मौका मिला! देव आनंद को 10 लाइन का डायलॉग दिया गया। उन्होंने उसे रातभर रटा! लेकिन, रिहर्सल में ठीक से बोल नहीं सके! डायरेक्टर ने उन्हें झिड़कते हुए कहा था कि तुम कभी हीरो नहीं बन सकते! बाद में उन्होंने यदि डायलॉग सुनाकर 'हम एक हैं' का स्क्रीन टेस्ट पास किया था! ऐसी ही कहानी रेखा की है, जो अपनी शुरुआती फिल्मों में सांवली और मोटी थीं। उन्हें बदसूरत बत्तख तक कहा गया था! लेकिन, बाद में इसी रेखा ने बॉलीवुड की खूबसूरत हीरोइनों में अपनी जगह बनाई! जरीना वहाब के बारे में भी फिल्मकारों की अच्छी राय थी! उनके सांवलेपन और घरेलु लुक को लेकर अकसर उन्हें बातें सुनाई गई! राज कपूर ने भी जरीना को देखते ही कह दिया था कि ये लड़की कभी हीरोइन नहीं बन सकती! 
  नवाजुद्दीन सिद्दीकी आज बड़े कलाकार हैं, पर उन्होंने भी 12 साल संघर्ष किया, तब मुकाम पाया! साधारण लुक के कारण उनका कई जगह मजाक भी उड़ाया गया! लारा दत्ता को जब पहली बार स्क्रीन टेस्ट का बुलावा आया, तो वे काफी खुश थीं। मेहनत से स्क्रीन टेस्ट देने के बाद जब लारा ने निर्देशक से पूछा कि कब संपर्क करूं, तो उन्होंने जवाब दिया कि आप मत कीजिए! जरुरी समझेंगे तो हम खुद आपसे संपर्क कर लेंगे। लेकिन, बाद में कभी कोई फोन नहीं आया! 
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