Sunday, May 23, 2021

सिनेमा और टीवी को खा जाएगी वेब सीरीज!

हेमंत पाल

   भारतीय दर्शकों के दिमाग में सिनेमा को लेकर धारणा है कि ये बड़े परदे का मनोरंजन है। ये सौ साल से ज्यादा पुरानी धारणा है, इसलिए सही भी है। जब से सिनेमा की शुरुआत हुई, इसे बड़े परदे पर ही देखा गया। 70 के दशक में टेलीविजन ने मनोरंजन के नए आयाम के रूप में जन्म लिया और कुछ सालों में इसकी हर घर में घुसपैठ हो गई! बरसों तक सिनेमा और टेलीविजन को जीवन की जरूरत समझा जाने लगा! लेकिन, अब ये भ्रम खंडित होने लगा है। सिनेमा और टीवी के सामने ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफार्म मनोरंजन का एक नया विकल्प बनकर उभरा है। ओटीटी पर सिनेमा भी है, सीरियल भी और उससे आगे बढ़कर वेब सीरीज हैं। ये मनोरंजन का ऐसा माध्यम है, जिसके लिए ज्यादा जतन नहीं करना पड़ता। ये 'कभी भी-कहीं भी' मनोरंजन का पिटारा खोलकर बैठ जाता है। जबकि, फिल्म देखने सिनेमाघर जाना पड़ता है और टीवी मनोरंजन का समय तय है।  
    2020 की शुरुआत में जब कोरोना महामारी ने जोर पकड़ा, तो सरकार की सख्ती के कारण सबकुछ बंद हो गया। सिनेमाघरों पर ताले लग गए और सीरियल्स की शूटिंग बंद होने से छोटा परदे पर भी पुराने सीरियल दिखाने लगे। ऐसे में वेब सीरीज ने दर्शकों को घेरकर अपने सामने बैठाया और मनोरंजन की पंगत जमकर परोसी। दर्शकों को मनोरंजन की ये खुराक इतनी रास आई कि कहा जाने लगा कि कहीं वेब सीरीज का चस्का सिनेमा और टीवी को पूरी तरह खत्‍म न कर दे! ये सिर्फ कहने भर की बात नहीं है, ये संभव भी है। क्योंकि, सिनेमा और टीवी के साथ बाध्यता है कि इसके लिए दर्शक को उसके पास पहुंचना पड़ता है। जबकि, ओटीटी पर वेब सीरीज देखने के लिए ऐसा कुछ। इसे कंप्यूटर, लैपटॉप, टैब लेट या स्मार्ट फोन पर देखा जा सकता है। इसका सबसे बड़ा आकर्षण और ताकत है 'कभी भी कहीं भी' मनोरंजन। 
   इस समय ओटीटी प्लेटफार्म और उस पर चल रहे शो छाए हुए हैं। लोगों की बातचीत में भी इन शो ने सिनेमा और टीवी सीरियल्स की जगह ले ली। कहा जा सकता है कि दर्शकों को वेब सीरीज के मोहपाश ने पूरी तरह अपने कब्जे में ले लिया। ये ऐसा माध्यम है, जहां हर रुचि के दर्शकों का ध्यान रखा गया है। विदेशी ओटीटी पर भी हिंदी दर्शकों की रुचि का मसाला परोसा जाने लगा। भारतीय दर्शकों की पसंद का ध्यान रखते हुए ठेठ पारिवारिक और सामाजिक वेब सीरीज भी बनने लगी। टीवी पर सीरियल की रानी कही जाने वाली एकता कपूर ने तो अपना अलग ओटीटी प्लेटफॉर्म ही शुरू कर दिया। हर्षद मेहता के शेयर घोटाले पर 'स्कैम' जैसी सफल वेब सीरीज बनाई गई। कुछ और ऐसे विषयों को भी विस्तार से दिखाया, जो समय की बाध्यता के कारण सिनेमा के लिए संभव नहीं था और टीवी सीरियल के निर्माताओं में इसे बनाने का सब्र नहीं है।  
   कोरोना संकट के चलते सिनेमाघरों के दरवाजे साल भर से पूरे नहीं खुले। एक वक़्त ऐसा आया कि दरवाजे खुले, पर आधे दर्शकों के लिए!  लेकिन,बाद में वे भी बंद हो गए। यह भी पता नहीं कि ये दरवाजे कब पूरी तरह खुलेंगे और उसे दर्शक भी मिलेंगे या नहीं! सिनेमा इंडस्ट्री की हालत वैसे भी साल भर से खस्ता है। 2020 में करीब पूरे साल ही फिल्मों का निर्माण बाधित रहा। सिनेमाघर भी ठीक से नहीं खुल पाए और न कोई नई बड़ी फिल्म रिलीज हुई। यदि समय ने करवट ली और स्थिति सामान्य हुई तो यशराज की शाहरूख खान स्टारर फिल्म 'पठान' लाइन में है। इसके अलावा रोहित शेट्टी की 'सूर्यवंशी' भी बनकर अटकी पड़ी है। सलमान खान ने तो ना-नुकुर करते-करते 'राधे'  ओटीटी पर रिलीज कर दी। जबकि, करण जौहर, आशुतोष गावरीकर, शशांक खेतान, अयान मुखर्जी और फरहान अख्‍तर जैसे फिल्मकारों की फ़िल्में लाइन में खड़ी है। लेकिन, ये सब कोरोना के काबू में आने के बाद ही संभव हो सकेगा, पर ये कब होगा कोई नहीं जानता। 
     वेब सीरीज का सबसे सशक्त पक्ष है, इसकी विषय वस्तु! फिल्मों या सीरियल की तरह वेब सीरीज का अंत दर्शक को खुश करने के लिए नहीं होता! इसकी प्रेम कहानियां भी सुखांत नहीं होती, बल्कि उसमे भी कोई पेंच डालकर दर्शक में अगला सीजन देखने की उत्सुकता जगाई जाती है। वेब सीरीज की एक खासियत यह भी है, कि इसमें फिल्मों की तरह बड़े हीरो नहीं चलते! फिल्मों के चर्चित चेहरों को लेकर भी जो वेब सीरीज बनी, वो उतनी पसंद नहीं की गई जितनी नए चेहरों को लेकर। सुष्मिता सेन और अभिषेक बच्चन की वेब सीरीज ज्यादा पसंद नहीं की गई। क्योंकि, फिल्मों की मज़बूरी है कि उसमें स्‍टार कास्‍ट चलती है। टीवी सीरियल में भी पहचाने चेहरों की मांग की जाती है। जबकि, वेब सीरीज में उसका कंटेंट ही हीरो होता है, इसलिए नया चेहरा भी चलता है। वेब सीरीज ने राधिका आप्टे जैसी एक्ट्रेस को नई ऊंचाई दी। ओटीटी के कंटेंट में प्रतिभा की कद्र होती है! फिर वो कलाकार हो, लेखक हो, निर्देशक हो या कोई और विधा का व्यक्ति! इस माध्यम में काम का स्तर ही पसंद किया जाता है। क्योंकि, दर्शक के पास देखने के लिए बहुत सारे विकल्प खुले हैं। 
  ओटीटी पर सालभर में कई फ़िल्में रिलीज की गई! इनमें अमिताभ बच्चन और सलमान खान जैसे बड़े सितारों की फ़िल्में भी हैं। वास्तव में ये फिल्मकारों की मज़बूरी कहा जाना चाहिए कि उन्हें ऐसा करना पड़ा! पर, सारी कोशिशों के बाद भी इन फिल्मों को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। ये इस बात का प्रमाण भी है कि ओटीटी पर वहीं चलता है, जो दर्शकों की पसंद पर खरा उतरे! यदि ओटीटी पर इसी तरह दर्शक बढ़ते रहे, तो आश्चर्य नहीं कि सिनेमा और सीरियल का जमाना लद जाए। इस बात से इंकार नहीं कि वेब सीरीज का बाजार कोरोना के कारण उफान पर आया! लेकिन, इसके जोरदार कंटेंट ने भी फिल्मों को चुनौती दी है। सिनेमाघरों के बंद होने से मनोरंजन का कोई विकल्प भी नहीं है। लेकिन, जब सिनेमाघरों के दरवाजे पूरे खुलेंगे, तब असली परीक्षा होगी कि मैदान में कौन टिकता है! क्योंकि, हिंदी दर्शक बदलाव पसंद करता है और बहुत जल्दी ऊबता भी है। दर्शकों की इसी सोच पर सिनेमा का भविष्‍य टिका है। स्थिति सामान्य होने पर भी यदि उसका दिल वेब सीरीज में अटका रहा, तो समझ लिया जाएगा कि अब सिनेमा का भविष्य अच्छा नहीं है। लेकिन, इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। 
---------------------------------------------------------------------------------------------------------

No comments: