Thursday, September 3, 2015

शॉटघन के 'शॉट' से भाजपा खामोश!



  जब परदे पर खलनायक की एंट्री हो और दर्शक तालियों बजाकर उसका स्वागत करें, तो साबित हो जाता है कि ये खलनायक किसी भी मायने में नायक से कम नहीं है। परदे पर अपनी ठसकदार बुलंद और कड़क आवाज और चलने की अनोखी शैली के कारण शत्रुघ्न सिन्हा दर्शकों के चहेते थे! जब वे राजनीति में आए तो उन्हें इसी पहचान की उम्मीद थी! लेकिन, सिनेमा इंडस्ट्री तरह भाजपा ने भी उपेक्षा करके उन्हें खलनायक बना दिया। अब तक की उनकी राजनीति में शत्रुघ्न की भूमिका इससे अलग भी नहीं रही! वे पार्टी के सांसद हैं, यानी उनकी भूमिका नायक की है! लेकिन, वे जब भी मुंह खोलते हैं खलनायक बन जाते हैं। बिहार की राजनीति से शत्रुघ्न का कोई सरोकार नहीं रहा, पर वे हमेशा इसके केंद्र में रहे हैं! इस बार कुछ ज्यादा ही नजर भी आ रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से उनकी 'दोस्ती' भाजपा की आँखों में खटक रही है! क्योंकि, इस दोस्ती के कई मायने भाँपे जा रहे हैं। इसमें क्या सही है और क्या कयास ये जल्दी ही सामने आ जाएगा! शत्रुघ्न के फ़िल्मी जीवन में उनका एक डायलॉग बहुत लोकप्रिय हुआ था 'खामोश।' आज ये डायलॉग भाजपा पर फिट बैठ रहा है!    
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 - हेमंत पाल 
  राजनीति में मित्रता और शत्रुता के कोई निर्धारित मापदंड नहीं होते! कल के दुश्मन आज के दोस्त बन जाते हैं और आज के दोस्त कल दुश्मन की तरह सामने खड़े नजर आते हैं! इन दिनों बिहार की राजनीति कुछ इसी लीक पर चलती नजर आ रही है! भाजपा और नीतिश कुमार दोस्त से दुश्मन हो गए और भाजपा के ही पाले में खड़े शत्रुघ्न सिन्हा उसी की पार्टी के शत्रु बन गए! शत्रुघ्न सिन्हा और भाजपा की कभी दिल से नहीं बनी! कारण कि भाजपा ने कभी शत्रुघ्न को सीरियस नेता नहीं समझा! यही पीड़ा दिल में दबाए आज वे नीतिश से पुरानी दोस्ती का दम भर रहे हैं! शत्रुघ्न सिन्हा नीतीश कुमार के कब से दोस्त हैं, इसका तो पता नहीं? पर, पहले इस बिहारी बाबू ने नीतिश की तारीफ की तो अब नीतिश उनकी गौरव गाथा सुना रहे हैं। इससे लग रहा है कि दोनों के बीच भविष्य की कोई राजनीतिक खिचड़ी तो पक रही है!
  शत्रुघ्न सिन्हा हमेशा ही पार्टी में साइड लाइन रहे हैं। उनसे जूनियर नेताओं को पार्टी में पद मिल गए पर, शत्रु को भाजपा ने कभी गंभीरता से नहीं लिया! दिल्ली दरबार में उन्हें सिर्फ भीड़ इकट्ठा करने वाला नेता माना गया। बिहार चुनाव को लेकर पटना में लगे पोस्टरों में भी शत्रुघ्न सिन्हा का कोई फोटो नहीं है! जब से उन्होंने नीतिश से मुलाकात की, वे पार्टी के निशाने पर। हैं आज ये सवाल हवा में है कि शत्रु पार्टी में रहेंगे या नीतिश से दोस्ती निभाते हुए जेडीयू का हाथ थाम लेंगे!  
 बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने तो शत्रु को बिहार का गौरव तक बताया! वो भी ऐसे वक्त पर, जब उनकी पत्नी पूनम सिन्हा की जेडीयू से चुनाव लड़ने की खबर है। शत्रुघ्न सिन्हा और नीतिश कुमार में दो बार मुलाकात हो चुकी हैं! इस पर नीतिश का ये कहना कि हमारे बीच कोई राजनीतिक बात नहीं हुई, शंका पैदा करता है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है, उसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। नीतिश कुमार का बयान हैं कि हम दोनों में व्यक्तिगत संबंध हैं, हमारे बीच राजनीति पर बात कोई नहीं हुई! अब क्या कोई इस बात पर भरोसा करेगा? शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम के बांकीपुर या दीघा से विधानसभा चुनाव लड़ने के आसार हैं। शत्रुघ्न को भाजपा से टिकट मिलने की उम्मीद नहीं है, इसलिए वे इन दिनों नीतिश के संपर्क में हैं! जेडीयू ने अभी कोई संकेत तो नहीं दिया कि शत्रुघ्न से इस मुद्दे पर कोई बात हुई है, लेकिन संभावना से पार्टी ने इनकार भी नहीं किया! इसीलिए आशंकाओं के बादल कुछ ज्यादा ही गहरे हो गए हैं। 
   शत्रुघ्न सिन्हा ने सिर्फ नीतिश कुमार से बातचीत ही नहीं की, उनकी तारीफ भी की इसलिए वे फिर चर्चा में हैं! शत्रुघ्न ने इस बार अपने ट्वीट के माध्यम से नीतिश की सराहना की और विवादों में घिर गए! ट्वीटर पर उन्होंने कहा कि नीतिश कुमार ने उन्हें 'बिहार का गौरव 'बताया तो यह बात उनके दिल को छू गई! शत्रु ने तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से उनके मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं है! शत्रुघ्न ने अपने दूसरे ट्वीट में 25 कांग्रेसी सांसदों के संसद से निलंबन  गलत बताते हुएम उसकी आलोचना की! शत्रुघ्न के इन ताजा ट्वीट्स फिर विवाद हो गया! इस विवाद से उनकी पत्नी पूनम के जदयू के टिकट पर बिहार विधानसभा चुनाव में उतरने की अटकलों से भी बल मिला है। शत्रु ने 25 जुलाई को मुजफ्फरपुर में नरेंद्र मोदी की महापरिवर्तन रैली के अगले ही दिन नीतिश कुमार से मुलाकात की थी! उन्होंने नीतिश को 'विकास पुरुष' कहा तो नीतिश ने शत्रु को 'बिहार का गौरव' करार दिया! इस मुलाकात को लेकर विवाद हुआ तो शत्रुघ्न सिन्हा ने इसे निजी मुलाकात कहकर कयासों पर विराम लगा दिया! 

  अभी भी इन दोनों के बीच बातों और मुलाकातों का दौर जारी है। लेकिन, इन मुलाकातों पर भाजपा खामोश हैं। इससे पहले शत्रुघ्न के साथ हुई मुलाकातों पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी ये मुलाकात व्यक्तिगत थी! इसका कोई भी राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए! उनकी पत्नी के जदयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े जाने के मुद्दे पर नीतिश ने कहा कि शत्रुघ्न 'बिहार के गौरव' हैं। वे बहुत उच्च कोटि के कलाकार हैं! अपनी राय बेबाक रखते हैं। हमारे साथ उनके निजी संबंध हैं! जहाँ तक राजनीतिक बातों का सवाल है, इस बारे में हमारी कोई चर्चा नहीं हुई! शत्रुघ्न सिन्हा की 'बिहारी बाबू' के रूप में हम सब कद्र करते हैं। वे कहीं भी रहें, किसी पार्टी में रहें, ये उनका निर्णय है। बिहार में उनकी इज्जत है और उनकी अपनी हैसियत है। बिहार के राजनीतिक गलियारे में चर्चा थी कि शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को जदयू विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बना रही है। कहा जा रहा था कि बिहारी बाबू ने इसके लिए भाजपा से लेकर जदयू तक संपर्क साध रखा है।
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