- हेमंत पाल
फिल्म एक अनिश्चय वाला व्यवसाय है, जिसके बारे में कोई दावा नहीं किया जा सकता! कब कौनसी फिल्म दर्शकों के दिल को लुभा जाए और कौनसी दिल से उतर जाए, कहा नहीं जा सकता! सौ साल से ज्यादा पुरानी इस फ़िल्मी दुनिया में ऐसे कई उदाहरण है, जो इस व्यवसाय की अनिश्चितता को साबित करते हैं! इस साल ऐसी ही एक फिल्म आई यशराज बैनर की 'ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान।' इस फिल्म को लेकर काफी संभावनाएं जगाई गई थी। 'यशराज' जैसा बड़ा बैनर, आमिर खान और बच्चन जैसे जाने-माने कलाकारों के होते उम्मीद की जा रही थी, कि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल करेगी! लेकिन, पहले दिन रिकॉर्ड कमाई करने के बाद ये फिल्म जिस तरह दर्शकों के दिल से उतरी, वो मिसाल है।
आमिर खान को फ़िल्मी दुनिया में 'मिस्टर परफेक्शनिस्ट' कहा जाता है, जो बहुत सोच समझकर फिल्म में काम करने का फैसला करते हैं और जब काम शुरू करते हैं, तो कोई खामी की गुंजाइश नहीं रखते! इसके बाद भी 'ठग्स ऑफ हिंदुस्तान' का बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह नाकामयाब होना एक अचरज वाली बात है। खुद आमिर खान ने भी इस बात को स्वीकारा कि इस बार वे दर्शकों की उम्मीद पर खरे नहीं उतर पाए, जबकि उन्होंने कोशिश पूरी की! उन्होंने फिल्म के फ्लॉप होने की पूरी जिम्मेदारी भी ली। लेकिन, ये पहली बार हुआ कि आमिर ने किसी फिल्म की असफलता के लिए खुद को दोषी माना है। जबकि, इससे पहले भी उनकी फ़िल्में फ्लॉप हुई हैं।
आमिर खान ने अपने करियर इससे पहले भी बड़ी फ्लॉप फ़िल्में दी है। लेकिन, ये पहला मौका है, जब उन्होंने 'ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान' के लिए अफ़सोस जाहिर किया। पहले भी उनकी कई फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर पानी नहीं माँगा! थोड़ा पीछे जाकर उनकी फिल्मों को याद किया जाए तो 2000 में आई आमिर की फिल्म 'मेला' ऐसी फिल्म थी, जो ऐसे ही बुरी तरह फ्लॉप हुई थी। अब 18 साल बाद 'ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान' की नाकामयाबी भी वैसी ही है। जबकि, बीते 18 सालों में आमिर खान ने सुपर स्टार का दर्जा हांसिल किया है। ये आमिर ही हैं जिनकी फिल्म 'गजनी' ने 100 करोड़ क्लब की, 'थ्री इडियट्स' ने 200 करोड़ क्लब की और 'पीके' ने 300 करोड़ क्लब की शुरुआत्त की थी। 'ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान' के बारे में अनुमान था कि ये फिल्म बॉलीवुड में 400 करोड़ क्लब की शुरूआत करेगी। लेकिन, सबकुछ होते हुए भी अपनी लचर कहानी के चलते फिल्म दर्शकों को पसंद नहीं आई!
ऐसे हादसे आमिर खान के साथ पहले भी हुए हैं, जब उनकी एक फिल्म ने बड़ी शुरुआत की और बाद में वह धड़ाम से ऐसी गिरी कि उठ ही नहीं सकी। 'मंगल पांडे' ऐसी ही फिल्म थी। वो भी अंग्रेजी शासन से जुड़ी ऐतिहासिक फिल्म थी, 'ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान' की कहानी भी अंग्रेजी राज की है। 2000 में आई 'मेला' इस मिलेनियम यानी 2000 की पहली रिलीज़ फिल्म थी, लेकिन, चली नहीं! आमिर की फ्लॉप फिल्मों में 'धोबी घाट' भी है। इसे आमिर की पत्नी किरण राव ने बनाया था। इस फिल्म के ब्लॉक बस्टर होने की तो किसी को उम्मीद नहीं थी। लेकिन, दुर्भाग्यवश ये बेहद बोरिंग फिल्म निकली।
डायरेक्टर मंसूर खान ने 'क़यामत से क़यामत तक' और 'जो जीता वही सिकंदर' जैसी फ़िल्में बनाई हैं। लेकिन, आमिर को लेकर जब उन्होंने ;अकेले हम-अकेले तुम' बनाई तो बात बनी नहीं! आमिर और मनीषा कोइराला ने अच्छी एक्टिंग भी की। इसके बावजूद दर्शक फिल्म से ऊब गए थे। आशुतोष गोवारीकर की एक्शन फिल्म 'बाजी' एक ठीक-ठाक फिल्म थी। लेकिन, दर्शकों ने इसमें खास दिलचस्पी नहीं ली। 'अंदाज़ अपना अपना' भी इसी फेहरिस्त की फिल्म है, जो एक क्लासिक फिल्म थी, पर दर्शकों के दिल में नहीं उतर सकी थी। '1947 : पृथ्वी' फिल्म उस समय आई थी, जब आमिर खान ने लगातार तीन हिट फ़िल्में राजा हिन्दुस्तानी, इश्क और 'ग़ुलाम' दी थीं। लेकिन, इस फिल्म को लेकर दर्शकों में कोई उत्सुकता नहीं थी। बाद में आसानी से इस फिल्म को भुला भी दिया गया। ऐसी ही एक और फिल्म थी 'आतंक ही आतंक' जो काफी हद तक 'गॉडफादर' से प्रेरित थी। इस फिल्म की ओपनिंग काफी खराब थी। क्योंकि, फिल्म का निर्देशन भी ठीक नहीं था। जल्दबाजी में बनी इस फिल्म की रिलीज़ भी ठीक से अच्छी नहीं हुई थी।
इस फेहरिस्त की आमिर की आखिरी फ्लॉप फ़िल्म भी 'यशराज' की ही बनाई हुई है। फिल्म 'परम्परा' को आदित्य चोपड़ा ने लिखा था और यश चोपड़ा ने डायरेक्ट किया था। आमिर खान, सैफ अली खान और सुनील दत्त जैसी स्टार्स के साथ बनी ये फिल्म बुरी तह फ्लॉप हुई थी। इसलिए 'ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान' के लिए जिम्मेदारी लेने का आशय ये नहीं कि अभी तक आमिर खान ने हमेशा हिट फ़िल्में ही दी है! 'ठग्स और हिंदुस्तान' उनकी पहली फ्लॉप फिल्म नहीं है और न आखिरी! हो सकता है आगे आमिर इससे भी बड़ी फ्लॉप फ़िल्में दर्शकों को परोसें!
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