Monday, January 21, 2019

परदे से उतरती 'खान' सल्तनत!

- हेमंत पाल

   बॉलीवुड में हमेशा ही कलाकारों का एक दौर चलता रहा है। जिसका दौर रहता है, उसकी हर फिल्म हिट होती है। सौ सालों से ज्यादा पुरानी फ़िल्मी दुनिया में दर्शकों की पसंद, नापसंद भी बदलती रहती है। लेकिन, ये बात महिला कलाकारों से ज्यादा पुरुष कलाकारों पर ज्यादा लागू होती है। पिछले कई सालों से परदे की दुनिया में तीन खानों का बोलबाला रहा है। लेकिन, अब धीरे-धीरे हालात बदल रहे हैं। शाहरुख़, सलमान और आमिर तीनों ही खान दर्शकों की पसंद की फेहरिस्त से बाहर होते जा रहे हैं। अभी ये नहीं कहा जा सकता कि दर्शकों ने इन्हें पूरी तरह नकार दिया, पर खानों के किले में दरारें तो पड़ने लगी हैं।
   अभी तक सलमान, आमिर और शाहरुख की फिल्मों को सफलता की गारंटी माना जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। पिछले कुछ सालों में तीनों खानों की फ़िल्में बुरी तरह पिटी हैं। आमिर, सलमान और शाहरुख ने वैसी ही सफलता हांसिल की, जैसी कभी राज कपूर, दिलीप कुमार और देवआनंद की त्रिमूर्ति ने की थी। ये तीनों खान पुराने कलाकारों जैसी कालजयी फिल्में तो नहीं दे पाए, लेकिन सफल फिल्मों के जरिए अपने दबदबे को जरूर बनाए रखा। इनकी फ़िल्में तो आई, लेकिन वो बॉक्सऑफिस पर कोई कमाल नहीं कर पाई, जितनी की उम्मीद की गई थी।
    इन तीनों खानों ने तीन दशकों से बॉलीवुड पर कब्ज़ा जमा रखा है। लेकिन, अब लगने लगा है कि ये दर्शकों के दिलों-दिमाग से उतरने लगे हैं। इसका कारण रणवीर सिंह, आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव और विक्की कौशल जैसे नए कलाकारों का उभरना है। दूसरा कारण डिजिटल प्लेटफार्म के प्रति दर्शकों की रूचि बढ़ना है। आज के युवा दर्शक मनोरंजन का मतलब ज्यादा ही अच्छी तरह समझते हैं। उन्हें मनोरंजन का मौलिक स्वरुप पसंद आता है, न कि बनावटीपन! इन दर्शकों को कुछ नया और अलग चाहिए जो आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव जैसे कलाकारों से उन्हें मिल रहा है।
  फिल्म इंडस्ट्री के लिए बीता साल (2018) खास रहा है। इस साल कम बजट में नए कॉन्सेप्ट वाली फिल्मों को पसंद किया गया। इससे ये भी साफ़ हो गया कि समय के साथ-साथ दर्शकों की पसंद भी तेजी से बदल रही है। ये साल आयुष्मान खुराना, विक्की कौशल और राजकुमार राव के नाम रहा और ये तीनों बॉलीवुड पर बरसों से ख़म ठोंककर बैठे तीनों खान्स पर भी भारी पड़े। खान्स की तिकड़ी को भी अब अच्छी कहानी, बड़े निर्देशक और भव्य सेटअप की जरूरत पड़ने लगी है। अब ये अपने स्टारडम के बूते पर हल्की फिल्म को हिट कराने का कमाल नहीं कर पाते! 
  सलमान खान की ट्यूबलाइट, रेस-3 का फ्लॉप होना उनके लिए खतरे की घंटी है कि अब उन्हें खुद की ब्रांड वेल्यू को समझना चाहिए! कहानी अच्छी होगी, तभी फ़िल्में चलेंगी! एक दौर ऐसा था, जब सलमान खान का किसी फिल्म में होना ही सफलता की गारंटी था! लेकिन, अब ऐसा नहीं रहा। ईद और सलमान की सफलता वाला मिथक भी टूट गया। सलमान की पिछली पांच में से दो फ़िल्में फ्लॉप रही। शाहरुख़ खान की फैन, हैरी मेट सेजल और हाल ही में 'ज़ीरो' का धराशाई होना उनके स्टारडम के ध्वस्त होने का इशारा है। तीनों खानों में शाहरुख खान का प्रदर्शन सबसे कमजोर हो गया है और वे इस तिकड़ी के सबसे कमजोर सितारे हैं।
  बॉलीवुड में आमिर खान को मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहा जाता है। वे सोच-समझकर फिल्में करते हैं! लेकिन, 'ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान' का जो हश्र हुआ, उसने इस भरोसे को तोड़ दिया। ये निहायत बेतुकी फिल्म रही! लगातार हिट फिल्म दे रहे आमिर के लिए 'ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान' करारा झटका है। आमिर की पिछली पांच में से दो फ़िल्में फ्लॉप रही! लेकिन, तीन फिल्मों की ऐतिहासिक सफलता से उनका पलड़ा शाहरुख और सलमान से आज भी भारी है। इन तीन खानों के बाद दर्शकों की पसंद में आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव और विक्की कौशल के अलावा रणवीर सिंह और वरुण धवन का भी दबदबा बढ़ रहा है। रणबीर कपूर के साथ रणवीर सिंह भी हिट फिल्म दे चुके हैं। 'अक्टोबर' और 'सुई-धागा' जैसी फिल्मों से वरुण धवन तेजी से उभरे हैं।
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