Monday, January 11, 2016

स्याह शुरुआत के बाद जिन्हें शिखर मिला!


- हेमंत पाल 

   सिनेमा का परदा इतना विशाल होता है कि उसके सामने सितारों की कोई अहमियत नहीं होती! सिनेमा के उद्भव से आज तक कई सितारे उभरे और अस्त हो गए! पर सिनेमा का परदा वहीँ का वहीँ है! दिलचस्प बात ये है कि जिन सितारों ने परदे पर छाने के लिए इस परदे पर जन्म लिया, उनमें से ज्यादातर का शुरुआती वक़्त बेहद स्याह था! यदि देव आनंद, मेहमूद, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा, सलमान खान और रेखा से लगाकर कपिल शर्मा तक ने सिनेमा के परदे पर अपने अभिनय के जलवे दिखाए हैं तो यही सितारे शुरुआत नकार दिए गए थे! संघर्ष के दौर में अमिताभ बच्चन बड़े-बड़े प्रोड्यूसरों के घर के चक्कर लगाया करते थे! एक दिन वे राजश्री प्रोडक्शन के ताराचंद बड़जात्या से मिले, तो उन्हें बेहद निराशा हाथ लगी। ताराचंद ने ये कहकर मायूस कर दिया कि तुम बहुत लंबे हो, तुम्हारे लिए हीरोइन कहाँ से लाएंगे तुम हीरो नहीं बन सकते! फिर, अमिताभ को चांस मिला ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' में! लेकिन, दुर्भाग्य ने अभी उनका साथ नहीं छोड़ा था! अमिताभ ने मनमोहन देसाई की फिल्म के लिए स्क्रीन टेस्ट दिया, लेकिन रिजेक्ट कर दिए गए! बाद में उसी मनमोहन देसाई ने सितारा बने अमिताभ के साथ मर्द, कुली, अमर-अकबर-एंथोनी और सुहाग जैसी आधा दर्जन हिट फिल्में बनाई!

  सलमान खान को आज हिट फिल्मों का फार्मूला माना जाता है! लेकिन, अपने पहले स्क्रीन टेस्ट में वे भी फेल हो गए थे! 'मैंने प्यार किया' के लिए 'राजश्री' को नए चेहरे की तलाश थी। कुछ लोगों ने ताराचंद बड़जात्या को सलीम खान के बेटे सलमान का नाम सुझाया। फिर स्क्रीन टेस्ट हुआ, जिसमें सलमान को रिजेक्ट कर दिया गया! एक दिन फिल्म निर्माता सुरेश भगत ने फिर ताराचंद बड़जात्या के सामने सलमान का जिक्र किया! इस बार सूरज बड़जात्या ने सलमान का स्क्रीन टेस्ट लिया। तब सलमान को सूरज बडज़ात्या का साढ़े 4 घंटे तक इंतजार करवाया था। लेकिन, इस बार सलमान को फिल्म के लिए चुन लिया गया। तब से आज तक सलमान 'राजश्री' की करीब हर फिल्म में 'प्रेम' बनकर छाए हुए हैं। एक्टिंग का टेलेंट-हंट जीतने वाले अपने समय के रोमांटिक हीरो जतीन खन्ना उर्फ़ राजेश खन्ना को भी लम्बे समय तक अपनी पहली फिल्म का इंतजार करना पड़ा था!
   सिनेमा के एवरग्रीन हीरो देव आनंद जब फिल्मों के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब उन्हें इप्टा के एक नाटक 'जुबैदा' में अभिनय का चांस मिला! इसका निर्देशन बलराज साहनी कर रहे थे। देव आनंद को 10 लाइन का एक डायलॉग दिया गया। वे उसे रातभर रटते रहे। लेकिन, अगले दिन रिहर्सल में बलराज साहनी को लगा कि बात कुछ जमी नहीं! वे झुंझला गए और देव को झिड़कते हुए कहा, 'तुम कभी हीरो नहीं बन सकते!' ये बात देव के दिल को चुभ गई! यह भी संयोग है कि जिस डायलॉग के कारण देव आनंद को बेआबरू होकर 'जुबैदा' नाटक से आउट होना पड़ा था, उसी डायलॉग सुनाकर उन्होंने 'हम एक हैं' का स्क्रीन टेस्ट पास किया था! एक ज़माने के खूंखार विलेन और बाद में हीरो बने शत्रुघ्न सिन्हा के बारे में भी कहा जाता है कि संघर्ष के दिनों में उन्हें भी रिजेक्ट किया गया! उन्हें कटे-पिटे चेहरे वाला तक कहा गया! अमरीश पुरी भी बॉलीवुड के बड़े विलेन थे! लेकिन, जीवन के पहले स्क्रीन टेस्ट में उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था! फिर वे नाटककार सत्यदेव दुबे के लिखे नाटकों पर पृथ्वी थिएटर में काम करने लगे। जिसमें दी गई कुछ प्रस्तुतियों ने बॉलीवुड में एंट्री दिलाई।
   जाने माने कॉमेडियन महमूद जब कमाल अमरोही के पास फिल्म में काम मांगने गए तो उन्होंने महमूद को यहाँ तक कहा था कि आप अभिनेता मुमताज अली के पुत्र है, पर जरूरी नही कि एक अभिनेता का पुत्र भी अभिनेता बन सके! आपके पास फिल्मों में अभिनय करने की योग्यता नहीं है! इस तरह की बात सुनकर कोई भी मायूस हो सकता है! लेकिन, महमूद ने इस बात को चैलेंज की तरह लिया और एक दिन हिंदी फिल्मों में कॉमेडी का नया इतिहास रच दिया! सफल फिल्मों की नायिका रेखा अपनी शुरुआती फिल्मों के दौरान सांवली और मोटी थीं। उनके अनुसार उन्हें अगली डकलिंग (बदसूरत बत्तख का बच्चा) कहा जाता था! पर इसके बाद रेखा ने जो जगह बनाई, वो अलग कहानी है! जरीना वहाब ने पुणे के 'फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया' में दाखिला लिया! लेकिन, उनके सांवले रंग और सामान्य लुक को लेकर उन्हें कई बातें सुनाई गई! कहते हैं कि राज कपूर ने भी जरीना को देखते ही कह दिया था कि ये लड़की कभी हीरोइन नहीं बन सकती हैं! लेकिन, बाद में जरीना 'राजश्री' की कई सफल फिल्मों की नायिका रही है।
  लारा दत्ता थियेटर में काम करती थी! एक दिन फिल्म के लिए स्क्रीन टेस्ट का बुलावा आया, तो वे काफी उत्साहित थीं। पूरी मेहनत से स्क्रीन टेस्ट देने के बाद जब लारा ने निर्देशक से पूछा कि कब संपर्क करूं, तो उन्होंने जवाब दिया कि आप संपर्क मत कीजिए, हम खुद आपसे संपर्क कर लेंगे। फिर उनका कोई फोन नहीं आया! कोई सोच सकता है कि शबाना आजमी जैसी सभ्रांत अभिनेत्री किसी को बदसूरत कह सकती हैं? लेकिन, यह बात खुद उनके साथी कलाकार नसरुद्दीन शाह ने स्वीकारी! अनुपम खेर ने अपने टीवी शो में नसीरुद्दीन और ओमपुरी दोनों से पूछा था कि क्या शक्ल और सूरत को लेकर उन्हें कभी जिल्लत सहनी पड़ी है? तो नसीरुद्दीन ने कहा था कि शबाना आजमी ने हमारी एनएसडी की पुरानी तस्वीर देखकर कहा था कि ये दो बदसूरत इंसान, कैसे एक्टर बनने की जुर्रत कर सकते हैं?
   सिर्फ बड़े परदे के सितारों ने ही जिल्लत नहीं झेली, टीवी के कलाकारों को भी इन हालातों से गुजरना पड़ता है! अपने पहले सीरियल 'बालिका वधू' में आनंदी का रोल करके घर-घर लोकप्रिय हुई अविका गौर का कहना है कि वे अब तक सौ-डेढ़ सौ बार रिजेक्ट हो चुकी हैं। मुझे हर बार उम्मीद होती थी कि इस एड या सीरियल के लिए मुझे बुलाया जाएगा, पर जब मैं उसी प्रोजेक्ट में किसी और को देखती तो बहुत रोना आता! 2007 में 'लॉफ्टर चैलेंज सीजन-3' के लिए जब अमृतसर में ऑडिशन हो रहे थे तब दोस्तों के कहने पर आज के लोकप्रिय कॉमेडियन कपिल शर्मा भी ऑडिशन देने पहुंचे थे! लेकिन, उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया! जबकि, उनके स्कूल के दोस्त राजू सिलेक्ट कर लिए गए! ये वही राजू हैं, जो 'कॉमेडी नाइट विथ कपिल' में नौकर का किरदार निभाते हैं।
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