Sunday, February 21, 2016

चार दशक बाद भी आस्था बरक़रार


हेमंत पाल 

   हिंदी फिल्मों में जब भी धर्म का जिक्र हुआ, दर्शकों ने उसे हाथों हाथ लिया! भगवान की शरण में बॉलीवुड की फिल्मों ने कई बार सफलता का स्वाद चखा है। ब्लैक एंड व्हाइट के जामने में आई 'रामराज्य' से लगाकर आजतक जब भी परदे पर भगवान उतरे, फ़िल्मकार को उनका आशीर्वाद जरूर मिला! बॉलीवुड में सबसे ज्यादा कमाई का रिकॉर्ड भी एक धार्मिक फिल्म 'जय संतोषी माँ' के ही नाम है। 1975 में आई इस फिल्म ने अपनी लागत का कई गुना बिजनेस करके 'शोले' जैसी फिल्म को टक्कर दी थी! जब 'शोले' रिलीज हुई, उन्हीं दिनों 'जय संतोषी माँ' फिल्म भी प्रदर्शित हुई। लेकिन, दोनों ही फिल्मों के कथानक में विरोधाभास था। 'शोले' में हिंसा की भरमार थी, जबकि 'जय संतोषी माँ' के जरिए आस्था और विश्वास का संदेश दिया गया था। दोनों फिल्मों का सबसे मजेदार तथ्य यह था कि 'जय संतोषी माँ' का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 'शोले' के मुकाबले अधिक था! 'शोले' में गब्बरसिंह की गोलियाँ खून बिखेर रही थी, जबकि 'जय संतोषी माँ' में दर्शक सिनेमाघर में आरती गा रहे थे। आज 41 साल बाद फिर संतोषी माँ का जिक्र इसलिए कि अब यही कहानी छोटे परदे के चैनल 'एंड टीवी' पर आई है और पसंद भी की जा रही।    

   'जय संतोषी माँ' अपने समय में जबरदस्त चली थी! दर्शकों ने इसे सिर्फ फिल्म की तरह नहीं लिया, बल्कि सिनेमाघर को मंदिर की तरह पूजने भी लगे थे। दर्शक हॉल में चप्पल-जूते पहनकर नहीं आते थे! श्रद्धा इतनी उमड़ पड़ी थी कि आरती के वक़्त लोग सीट से खड़े होकर तालियां बजाते और सिक्के चढ़ाते थे! गांवों और शहरों में हर जगह श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा था। हर शुक्रवार महिलाएं संतोषी माता का व्रत करने लगी! मंदिरों में संतोषी माता की मूर्ति स्थापित की जाने लगी थी। संतोषी माता की व्रत कथा सुनी और सुनाई जाने लगी! गुड़-चने का प्रसाद बंटने लगा। लड़कियों से लेकर बूढ़ी महिलाएं तक शुक्रवार व्रत रखकर उद्यापन करने लगी थी! इस फिल्म के बाद भी संतोषी माता को लेकर आस्था का ज्वार कम नहीं हुआ! यही कारण है कि चार दशक बाद भी छोटे परदे पर इस देवी के चमत्कारों वाली कहानी को देखने को दर्शक जुट रहे हैं। 
  इसे शायद संतोषी माँ का ही चमत्कार माना जाना चाहिए कि आमिर खान के साथ 'लगान' जैसी बड़ी फिल्म में हीरोइन का किरदार निभाने वाली और फिर 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' में संजय दत्त साथ काम कर चुकी ग्रेसी सिंह 'संतोषी मां' के किरदार में हैं। ग्रेसी 13 साल बाद दर्शकों सामने आई हैं। जबकि, टीवी की बड़ी कलाकार कही जाने वाली रतन राजपूत माता की भक्त की भूमिका में हैं। रतन राजपूत अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो, बिग बॉस , और 'महाभारत' जैसे सीरियल में भी काम कर चुकी हैं।
  फिल्म इंडस्ट्रीज में एक्शन के साथ-साथ धर्म और ईश्वर के चमत्कारों को दिखाने वाली फिल्मों का हमेशा ही वर्चस्व रहा है। बीते साल की सुपर हिट फिल्म 'बजरंगी भाईजान' का नायक हनुमान भक्त है। ‘अग्निपथ’ रितिक रोशन गणेश का गाना भगवान गणेश को समर्पित था। शाहरुख खान ने भी जब ‘डॉन’ का रीमेक बनाया तो गणेश की स्तुति की! अमिताभ बच्चन की तो करीब सभी हिट फिल्मों में भगवान या अल्लाह का आशीर्वाद साथ चला है कुली, अमर-अकबर- एंथनी, सुहाग हो या ‘दीवार’ सभी में आस्था का कोई न कोई तड़का लगा है। अक्षय कुमार ने भी जब ‘खिलाड़ियों के खिलाड़ी’ में जय शेरावालिए तेरा शेर ... गाया तो धूम मच गई। जब बॉलीवुड में हर तरफ भगवानों का ही बोलबाला है। ऐसे में 'संतोषी माँ' का जादू चार दशक बाद भी सर चढ़कर बोल रहा है तो ये आश्चर्य की बात नहीं है?  
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