Monday, March 21, 2016

परदे से परे दुखांत प्रेम कहानियां



- हेमंत पाल 


  फिल्मों की दुनिया बड़ी अजीब है। यहाँ जितनी प्रेम कहानियां परदे पर जीवंत होती है, उससे कहीं ज्यादा परदे से परे बनती और बिगड़ती रहती हैं। परदे पर कथानक के मुताबिक प्रेम का नाटक करते-करते कब ये कलाकार असल प्रेम के बंधन में बंध जाते हैं, इन्हें खुद पता नहीं चलता! जब से परदे पर प्रेम का रंग चढ़ा है, तभी से फ़िल्मी कलाकारों की जिंदगी में भी यही असर आने लगा! फिल्मों की इस रंग बदलती दुनिया में प्रेम भी थिएटर में चढ़ती और उतरती फिल्मों की तरह होता है। जिस तरह कुछ फ़िल्में लम्बे समय तक चलती है, उसी तरह प्रेम के कुछ रिश्ते भी लम्बे चलते हैं। जबकि, कुछ रिश्ते पनपते ही मुरझा भी जाते हैं। फिल्मों का कोई भी दौर हो, प्रेम कहानियां कभी पुरानी नहीं पड़ती! ब्लैक एंड व्हाइट के दौर में भी परदे पर प्रेम का वही माहौल था जो आज है। प्रेम कहानियां हमेशा ही बनती रही हैं। कभी छुपकर प्यार हुआ, कभी खुलेआम। कुछ प्यार सफल हुए तो कुछ ने बगावत की कहानियों को जन्म दिया! हमेशा ही कोई न कोई ऐसी फिल्मी-जोड़ी बनी, जिसने फ़िल्मी कहानियों से ज्यादा अपने प्रेम से दर्शकों को आकर्षित किया है। 

   गुरुदत्त और वहीदा रहमान का 'प्यासा' से पनपा प्यार बाद में परवान नहीं चढ़ सका! पर, इस प्रेम की कहानियां कई दिनों तक चर्चा में रही! गुरुदत्त की फिल्मों की तरह उनकी प्रेम कथा का अंत भी सुखांत नहीं हुआ! कुछ ऐसी ही कहानी राज कपूर और नर्गिस है। 'आवारा' के दौरान दोनों के बीच प्रेम का बीज पनपा। दोनों की जोड़ी कई फिल्मों में साथ दिखाई दी! कई फिल्में रिलीज भी हुईं। राज और नर्गिस के रोमांस किस्से जब कपूर परिवार तक पहुंचे तो राज कपूर की पत्नी ने विद्रोह कर दिया! बाद में ये मामला सुलझा और राज कपूर और नर्गिस की जोड़ी टूट गई! लेकिन, 'आरके बैनर'  पहचान वाले प्रतीक चिन्ह में ये प्रेम कथा आज भी जीवंत है। 
  गुरुदत्त ने वहीदा रहमान को 'सीआईडी' में हीरोइन बनाया था। तभी से गुरुदत्त और वहीदा में प्रेम का अंकुर फूट गया था। गुरुदत्त को वहीदा में 'चौदहवीं का चांद' नजर आया। इसका असर उनके परिवार पर भी पड़ा। गीता दत्त से रिश्ता टूट गया। लेकिन, गुरुद्त्त के लिए वहीदा को पाना मुश्किल था। इस बाद वे गहरी उदासी में डूब गए। बाद में गुरुदत्त ने आत्महत्या कर ली! कहते हैं कि उनकी आत्महत्या कारण प्रेम में असफल होना भी रहा! कुछ इसी तरह का किस्सा ट्रेजेडी किंग कहे जाने वाले दिलीप कुमार का भी है। मधुबाला के साथ उनके प्रेम की कहानी आज भी पुराने फिल्मकारों में जीवित है। ये प्यार मधुबाला के पिता को स्वीकार नहीं था। दिलीप कुमार ने जब मधुबाला से कहा कि शादी के बाद उसे अपने पिता से संबंध तोड़ना होगा! मधुबाला को यह मंजूर नहीं हुआ और ये कहानी उसी दिन ख़त्म हो गई। इसके बाद दिलीप कुमार और वैजयंती माला के प्रेम के किस्से भी खूब चले। 'गंगा जमुना' के बाद तो दिलीप ने उन्हें अपनी हर फिल्म में मौका दिया। 'संगम' के समय भी राजकपूर का वैजयंती माला से प्रेम चल रहा था। 
  देवआनंद और सुरैया की प्रेम कहानी भी परदे से परे ख़ूब चली। दोनों ने खुलकर प्यार तो किया, पर सुरैया की नानी के कारण इस कहानी का भी सुखांत नहीं हुआ! देवानंद कोशिशों के बावजूद बात नहीं बनी। देवानंद ने तो मंगनी की अंगूठी तक बनवा ली, पर सुरैया से उनकी शादी नहीं हो सकी। फिल्मों से अलग होने के बाद सुरैया अकेली ही रहीं। कुछ ऐसी ही दुखांत कहानी अमिताभ बच्चन और रेखा की भी रही। परदे पर दोनों की जोड़ी बेहद सफल रही, पर प्रेम में असफल हो गई। ये कहानी कभी खुलकर तो सामने नहीं आई! लेकिन, यश चोपड़ा ने अपनी फिल्म 'सिलसिला' के जरिए इसे उजागर कर दिया। दोनों के प्रेम के चर्चे फ़िल्मी दुनिया में सबकी जुबान पर थे। इस कारण अमिताभ और जया का रिश्ता भी कुछ समय कसैला हुआ।  
  लेकिन, हर प्रेम कहानी का अंत दुखद नहीं हुआ! धर्मेंद और हेमा मालिनी, राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया, ऋषि कपूर और नीतू सिंह की प्रेम कहानी परवान भी चढ़ी! लेकिन, ताजा दौर में ऐश्वर्या राय और सलमान खान, शाहिद कपूर और करीना कपूर, अभिषेक बच्चन और रानी मुखर्जी ऐसी प्रेम कथाएं हैं जिनके प्यार को मंजिल नहीं मिल सकी। 
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