Sunday, November 19, 2017

फ्लॉप फिल्म का घाटा डिस्ट्रीब्यूटर्स ही क्यों झेले?


- हेमंत पाल 

   फिल्म एक ऐसा बिजनेस है, जिसमें सफलता की कोई गारंटी नहीं! यानी पूरी तरह से असुरक्षित बिजनेस! बड़े बड़ा कलाकार और निर्देशक दावे से नहीं कह सकता कि उसकी फ़िल्में चलेंगी ही! ऐसे सैकड़ों उदाहरण है, जब भारी भरकम बजट से बनी फिल्म को दर्शकों ने नकार दिया। ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा नुकसान भोगता है फिल्म को खरीदकर सिनेमाघरों में चलाने वाला डिस्टीब्यूटर। निर्माता तो फिल्म के बनने से पहले ही बेचकर मुनाफा कमाकर बाहर निकल जाता है। जब से फिल्म के संगीत, ओवरसीज, डिजिटल और इसी तरह के दूसरे अधिकार बिकने लगे हैं, फिल्म लागत निकालना ज्यादा आसान हो गया! अब पहले जैसे हालात नहीं है जब 'मेरा नाम जोकर' के फ्लॉप होने के बाद राजकपूर परिवार संकट में आ गया था! आज तो 'ट्यूबलाइट' के फ्लॉप होने पर भी कबीर खान और सलमान खान करोड़ों कमा लेते हैं।     
  सामान्यतः किसी फिल्म के फ्लॉप होने पर कोई भी निर्माता कंपनी डिस्ट्रीब्यूटर्स को पैसा नहीं लौटाती! लेकिन, सलमान खान ने आगे का सोचकर 'ट्यूबलाइट' के कुछ घाटे को खुद भी सहा और डिस्ट्रीब्यूटर्स को आधा पैसा लौटाया। जबकि, फ्लॉप फिल्म से भी सलमान खान ने 180 से 200 करोड़ रुपए की कमाई की है। 35 करोड़ रुपए लौटाने पर भी उन्हें खास फर्क नहीं पड़ा। सलमान खान ने फिल्म की रिलीज से पहले देश में फिल्म के थिएटर अधिकार 132 करोड़ रुपए में, संगीत अधिकार 20 करोड़ में, सैटेलाइट और इंटरनेट अधिकार बेचकर करीब 210 करोड़ रुपए जमा कर लिए थे। ये फिल्म सलमान और कबीर ने मिलकर बनाई थी, तो निश्चित रूप से सलमान का हिस्सा ज्यादा होगा! सलमान और कबीर तो फायदे में रहे, लेकिन जो नुकसान हुआ वो डिस्ट्रीब्यूटर्स का हुआ! मीडिया में भले ही सलमान के इस कदम की वाहवाही हो रही हो, पर सलमान के पहले कई और कलाकार ये काम चुके हैं।
   शाहरुख़ खान भी 'दिलवाले' की असफलता पर डिस्ट्रीब्यूटर्स को पैसा दे चुके हैं। 'दिलवाले' ने बॉक्स ऑफिस पर 150 करोड़ रुपए का कारोबार किया था। लेकिन, फिल्म के डिस्ट्रीब्यूटर्स को घाटा उठाना पड़ा। फिल्म के निर्माण शारुखान की कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट और रोहित शेट्टी प्रोडेक्शन ने मिल कर किया था लेकिन इतनी बड़ी स्टारकास्ट और भारी प्रमोशन भी फिल्म को डूबने से नहीं बचा पाया। इससे पहले 2001 और 2005 में भी शाहरुख खान डिस्ट्रीब्यूटर्स के घाटे को सहन कर चुके हैं। 2001 में रिलीज हुई 'अशोका' और 2005 में 'पहेली' बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई थी, जिस कारण डिस्ट्रीब्यूटर्स को भारी नुकसान हुआ!
  सलमान खान की पिछली बड़ी फ्लॉप फिल्म 'वीर' थी। सलमान ने वादा किया था कि अगर फिल्म नहीं चली तो वो डिस्ट्रीब्यूटर्स के पैसे लौटा देंगे। लेकिन, 'वीर' बुरी तरह फ्लॉप हो गई थी, पर सलमान ने किसी के पैसे नहीं लौटाए। इसके बाद सलमान खान का सिक्का चलने लगा। सालों बाद उन्हें फिर झटका मिला और 'ट्यूबलाइट' बुझ गई! दूसरी तरफ शाहरूख खान हैं, जो हर बार ये काम करते रहे हैं। अशोका, पहेली और दिलवाले तीनों ही बार शाहरूख ने डिस्ट्रीब्यूटर्स का पैसा लौटाया।
   रणबीर कपूर और कटरीना कैफ की फिल्म 'जग्गा जासूस' रिलीज़ भी हुई पर फ्लॉप भी हो गई! इस फिल्म को रणबीर, अनुराग बसु और सिद्धार्थ रॉय कपूर ने बनाया था। रणबीर कपूर ने कहा था कि यदि फिल्म कमाई नहीं कर पाती, तो वे डिस्ट्रिब्यूटर्स के पैसे लौटा देंगे। लेकिन, अभी ऐसी कोई खबर बाहर नहीं आई कि 'जग्गा जासूस' से घाटा खाए डिस्ट्रीब्यूटर्स नुकसान की भरपाई करने की कोशिश हुई है। रणबीर ने तो ये तक कहा था कि ये 1950 में मेरे दादाजी राज कपूर की फिल्मों के जमाने से होता आ रहा है। जब 'मेरा नाम जोकर' रिलीज़ हुई थी, तब डिस्ट्रिब्यूटर्स ने घाटा झेला था। लेकिन, जब 'बॉबी' हिट हुई तो मेरे दादाजी ने फायदे का एक बड़ा हिस्सा सिनेमाघर मालिकों की जगह डिस्ट्रिब्यूटर्स को दिया था। अगर मैं अपनी फिल्मों से पैसा कमा रहा हूँ तो घाटा होने पर ड्रिस्ट्रिब्यूटर्स का पैसा लौटा दूंगा। यदि ये परंपरा चल गई तो फिल्म इंडस्ट्री को संभालना आसान जाएगा। क्योंकि, हिट फिल्म से केवल निर्माता ही नहीं, डिस्ट्रिब्यूटर्स और सिनेमा मालिक तक पैसा कमाते हैं। कई बार इसमें घाटा भी हो जाता है। अगर घाटा होता है तो उसकी भरपाई करना अच्छा बात है। शाहरुख़ और सलमान के अलावा अन्य कलाकार भी पहल करें तो इसमें बुराई क्या है?
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