हेमंत पाल
गंभीरता से फिल्म देखने वाले किसी दर्शक से सवाल किया जाए कि क्या वो विक्रम भट्ट को जानता है? निश्चित रूप से उसका जवाब होगा, हाँ वही ना जो डरावनी फ़िल्में बनाते हैं? जवाब गलत नहीं है! बरसों तक विक्रम भट्ट को इसी भूमिका में पहचाना गया! राज, 1920, शापित, हांटेड और क्रिएचर 3डी जैसी फिल्मों से उन्होंने दर्शकों को बहुत डराया! लेकिन, अब भूत, प्रेत और भटकती आत्माओं की कहानियों से निकलकर विक्रम भट्ट ने नया अवतार लिया है। बदलते दौर में अब वे वेब-सीरीज बना रहे हैं। अपने इस काम को अंजाम देने के लिए उन्होंने बकायदा 'वीबी ऑन द वेब' कंपनी बनाई है। लेकिन, डरावनी फिल्मों की तरह उनका चौंकाने वाला अंदाज आज भी बरक़रार है। पहले वे डराकर चौंकाते थे, अब कहानी में ट्विस्ट लाकर! उनकी वेब-सीरीज 'अनटचेबल्स' और 'माया' में उन्होंने दर्शकों को इसी तरह चौंकाया, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कई वेब-सीरीज बनाई, पर यहाँ सिर्फ इन्हीं दो सीरीज का जिक्र करेंगे!
किसी फिल्मकार की सफलता इसी बात से आंकी जाती है, कि वो दर्शकों को बाँधकर रखने में कितना सफल रहा! डरावनी फ़िल्में बनाने वाले फिल्मकारों के सामने तो सबसे बड़ी चुनौती यही होती है कि दर्शकों को फिल्म की कहानी से इतना बाँध दिया जाए कि 'डर' उसके जहन में समा जाए! एक समय था, जब रामसे ब्रदर्स की पहचान ऐसी ही फिल्मों से थी। इसके बाद विक्रम भट्ट ने ऐसी फ़िल्में पसंद करने वालों को डरावना सिनेमा परोसा। इसी 'डर' को वे अपनी वेब सीरीज में दर्शकों को 'चौंकाने' के अंदाज में लाए हैं। उनकी वेब-सीरीज 'अनटचेबल्स' का हर एपिसोड देखने वाले को सोचने पर मजबूर करता है कि आगे क्या होगा? यही वो जिज्ञासा है, जो किसी सार्थक मनोरंजन का आधार बनती है। किसी भी फिल्म, टीवी सीरियल या वेब-सीरीज की रोचकता इसी में है कि दर्शक उसे सिर्फ देखें नहीं, बल्कि अनुमान भी लगाएं कि अब क्या होने वाला है!
किसी फिल्मकार की सफलता इसी बात से आंकी जाती है, कि वो दर्शकों को बाँधकर रखने में कितना सफल रहा! डरावनी फ़िल्में बनाने वाले फिल्मकारों के सामने तो सबसे बड़ी चुनौती यही होती है कि दर्शकों को फिल्म की कहानी से इतना बाँध दिया जाए कि 'डर' उसके जहन में समा जाए! एक समय था, जब रामसे ब्रदर्स की पहचान ऐसी ही फिल्मों से थी। इसके बाद विक्रम भट्ट ने ऐसी फ़िल्में पसंद करने वालों को डरावना सिनेमा परोसा। इसी 'डर' को वे अपनी वेब सीरीज में दर्शकों को 'चौंकाने' के अंदाज में लाए हैं। उनकी वेब-सीरीज 'अनटचेबल्स' का हर एपिसोड देखने वाले को सोचने पर मजबूर करता है कि आगे क्या होगा? यही वो जिज्ञासा है, जो किसी सार्थक मनोरंजन का आधार बनती है। किसी भी फिल्म, टीवी सीरियल या वेब-सीरीज की रोचकता इसी में है कि दर्शक उसे सिर्फ देखें नहीं, बल्कि अनुमान भी लगाएं कि अब क्या होने वाला है!
'अनटचेबल्स' ऐसी वेब-सीरीज है, जिसकी कहानी इतने मोड़ मुड़ती है कि दर्शक हतप्रभ रह जाता है! लेकिन, जब ये सीरीज आखिरी एपीसोड में पहुँचती है, तो राज खुलता है, जो चौंकाने वाला होता है! ऐसे में दर्शक समझ नहीं पाता कि आखिर हमने ये क्यों नहीं सोचा? ये ऐसी मर्डर मिस्ट्री है, जिसमें अदालती दांव-पेंच भी जमकर खेले गए। 'अनटचेबल्स' की पूरी कहानी में एक नामी वकील की है, जो हत्या के कातिल को चूहे की हरकत से पकड़ता है। चूहा जिस तरह सुरंग बनाकर उसे चकमा देकर छुप जाता है, वहीँ से इस वकील को कातिल की साजिश समझ आती है। ऐसी समझ और आईडिए को फ़िल्म में कैसे कनेक्ट करके दर्शकों को दिखाया जाना है, इसमें विक्रम भट्ट पारंगत है। साथ ही कानूनी दांवपेंच को समझकर उसका चित्रण करना भी आसान काम नहीं है, जो 'अनटचेबल्स' में किया गया।
इस वेब-सीरीज की एक खासियत ये भी है कि इसमें विक्रम भट्ट ने एक्टिंग की है। वे वकील बने हैं, जो अपनी तलाकशुदा पत्नी के सामने उस लड़की की तरफ से केस लड़ते हैं जिसपर मर्डर का इल्जाम है। जहाँ तक एक्टिंग की बात है, तो उसमे भी विक्रम भट्ट ने कोई कसर नहीं छोड़ी!
विक्रम भट्ट की फ़िल्मी प्रतिभा की अपनी अलग ही कहानी है। उन्होंने 14 साल की उम्र में पहली फिल्म 'कानून क्या करेगा? की थी। लेकिन, उन्हें पहचान मिली डरावनी फिल्मों से। विक्रम भट्ट कभी बहाव के साथ नहीं बहे! जब डरावनी फिल्मों का बाजार नहीं था, तो विक्रम भट्ट ने दर्शकों को उस मनोरंजन की तरफ मोड़ा! अब जबकि, नए ज़माने के दर्शक पारिवारिक टीवी सीरियलों से ऊब रहे हैं, तो विक्रम भट्ट ने उनके सामने वेब-सीरीज का विकल्प रख दिया। जब वेब-सीरीज में विक्रम भट्ट के अंदाज का मनोरंजन मिलेगा तो भला कोई क्यों नहीं देखेगा!
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