Saturday, August 26, 2023

व्यावसायिक रूप सफल फ़िल्में ही श्रेष्ठता में अव्वल!

69 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

- हेमंत पाल 

    फिल्मकारों और कलाकारों को उनकी कला और रचनात्मकता के लिए कितने भी पुरस्कार और सम्मान क्यों न मिलें, पर उनकी प्रतिभा को असल पहचान राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से ही मिलती है। दर्शकों को भी संतुष्टि होती है कि ये पुरस्कार वास्तव में उन्हें ही दिए गए जो इस काबिल हैं। इस नजरिए से इस बार के फिल्म पुरस्कारों की तारीफ की जाना चाहिए कि वे दर्शकों की पसंद पर खरे उतरे! किसी भी सम्मानित फिल्म या कलाकारों के नाम पर कोई विवाद जैसी स्थिति नहीं बनी। जबकि, पहले कई बार पुरस्कारों की घोषणा के बाद उनकी आलोचना हुई। फिल्म निर्माता केतन मेहता ने राष्ट्रीय पुरस्कार, 2021 के लिए 11 सदस्यीय ज्यूरी की अध्यक्षता की। इस बार के घोषित पुरस्कारों में गौर करने वाली बात ये रही कि जिन हिंदी फिल्मों और कलाकारों को पुरस्कृत किया गया, उन सभी फिल्मों को व्यावसायिक सफलता भी जमकर मिली।   
     पुष्पा, गंगूबाई काठियावाड़ी और द कश्मीर फाइल्स और 'रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट' की लोकप्रियता जगजाहिर रही और यही कारण है कि किसी भी पुरस्कृत कलाकार या फिल्म को लोगों ने निशाने पर नहीं लिया। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार अल्लू अर्जुन को 'पुष्पा : द राइस' के दिया गया। वे यह सम्मान पाने वाले तेलुगु फिल्मों के पहले अभिनेता हैं। फिल्म की व्यावसायिक सफलता और अल्लू अर्जुन की अदाकारी को जबरदस्त सराहना मिली थी, जिस पर राष्ट्रीय पुरस्कार ने मुहर लगा दी। यही संजय लीला भंसाली की बायोपिक फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' के बारे में भी कहा जा सकता है। भंसाली की फिल्मों को मिलने वाला यह सातवां राष्ट्रीय पुरस्कार है। इससे पहले उन्हें मैरी कॉम, ब्लैक, बाजीराव मस्तानी, पद्मावत, देवदास और 'ब्लैक' के लिए भी राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। ग्लैमरस हीरोइन के रूप में पहचानी जाने वाली आलिया भट्ट को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए चुना गया। इस फिल्म में आलिया ने अड्डा चलाने वाली वैश्या की जो एक्टिंग की, वो अद्भुत है। इस श्रेणी के पुरस्कार को कृति सेनन के साथ साझा किया गया। उन्हें 'मिमी' के लिए इस सम्मान से नवाजा गया, जिन्होंने सेरोगेट मदर के किरदार में जान डाल दी।       
     हिंदी फिल्म 'रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट' ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। ये फिल्म भले ही बॉक्स ऑफिस पर बहुत ज्यादा कामयाब नहीं रही, पर इस बायोपिक को पसंद करने वालों की संख्या कम नहीं रही। यह फिल्म भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व वैज्ञानिक और एयरोस्पेस इंजीनियर नंबी नारायणन के जीवन पर आधारित है। उन पर एक साजिश के तहत जासूसी के झूठे आरोप लगे थे। व्यावसायिक सफलता के झंडे गाड़ने वाली फिल्म विवेक अग्निहोत्री की 'द कश्मीर फाइल्स' को नरगिस दत्त अवॉर्ड के तहत राष्ट्रीय एकता की सर्वश्रेष्ठ फिल्म कैटेगरी में श्रेष्ठ फिल्म के रूप में चुना गया है। इस फिल्म की काफी आलोचना भी हुई, लेकिन कई मामलों में फिल्म की श्रेष्ठता को चुनौती नहीं दी जा सकती। घोषणा के बाद विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि वे यह पुरस्कार आतंकवाद के पीड़ितों खासतौर से कश्मीरी हिंदुओं को समर्पित करते हैं। पंकज त्रिपाठी को 'मिमी' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार और पल्लवी जोशी को 'द कश्मीर फाइल्स' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया।  
      मुंबई के कमाठीपुरा की ताकतवर वैश्या गंगूबाई के जीवन पर बनी फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' को पांच श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया। आलिया भट्ट को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, उत्कर्षिनी वशिष्ठ को सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले लेखक और फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ संपादन का पुरस्कार भी जीता। वशिष्ठ तथा प्रकाश कपाड़िया ने फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखक और प्रीतिशील सिंह डिसूजा ने सर्वश्रेष्ठ मेकअप कलाकार का पुरस्कार भी जीता। 'आरआरआर' ने इस बार 6 पुरस्कार जीते। इस फिल्म के संगीत निर्देशक एमएम कीरावानी ने 'पुष्पा' के संगीत निर्देशक देवी प्रसाद के साथ सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन का पुरस्कार साझा किया। दर्शकों का मनोरंजन करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म 'काला भैरव' को श्रेष्ठ पुरुष पार्श्व गायक, सर्वश्रेष्ठ स्पेशल इफेक्ट्स, सर्वश्रेष्ठ एक्शन निर्देशन और सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का पुरस्कार जीता। शूजीत सरकार की बायोपिक 'सरदार उधम सिंह' ने सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म के साथ ही सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी (री-रिकॉर्डिंग फाइनल मिक्सिंग), सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिज़ाइन और कॉस्ट्यूम डिजाइन का पुरस्कार जीता। सरदार उधम जैसे क्रांतिकारी पर बनी इस फिल्म, जिसमें भगत सिंह और जलियांवाला बाग घटना भी शामिल है, इस तरह पहचान तथा सम्मान मिला। 
    डायरेक्टर सृष्टि लखेरा की फिल्म 'एक था गांव' को बेस्ट नॉन फीचर फिल्म चुना गया। फिल्ममेकर नेमिल शाह की गुजराती फिल्म 'दाल भात' को बेस्ट शॉर्ट फिल्म (फिक्शन) चुना गया है। सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मराठी फिल्म ‘गोदावरी’ के लिए निखिल महाजन को दिया गया। जबकि, श्रेया घोषाल को 'इराविन निझाल' के गीत 'मायावा छायावा' के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का पुरस्कार मिला। रिजिनल स्क्रीनप्ले का पुरस्कार मलयालम फिल्म 'नायट्टू' और उसके लेखक शाही कबीर को दिया। मलयालम फिल्म 'मेप्पदियां' के निर्देशक को सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार मिला। सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार असमी फिल्म 'अनुनाद-द रेजोनेंस' को दिया गया। इस बार ज्यूरी को 28 भाषाओं की 280 फीचर फिल्मों के लिए आवेदन मिले थे। 
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राष्ट्रीय सम्मान से पुरस्कृत

- सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म - 'रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट' 
- संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म - आरआरआर
- सर्वश्रेष्ठ निर्देशक - निखिल महाजन (गोदावरी)
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेता - अल्लू अर्जुन (पुष्पा)
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री - आलिया भट्ट (गंगूबाई काठियावाड़ी), कृति सेनन (मिमी)
- सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता: पंकज त्रिपाठी (मिमी)
- सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री: पल्लवी जोशी (द कश्मीर फाइल्स)
- सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार: भाविन रबारी (छेल्लो शो)
- विशेष जूरी पुरस्कार: शेरशाह
- सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म: सरदार उधम
- सर्वश्रेष्ठ कन्नड़ फिल्म: 777 चार्ली
- सर्वश्रेष्ठ मलयालम फिल्म: होम
- सर्वश्रेष्ठ तमिल फिल्म: कदैसी विवासयी
- सर्वश्रेष्ठ तेलुगु फिल्म: उप्पेना बेस्ट
- मराठी फिल्म: एकदा काय जाला
- सर्वश्रेष्ठ गुजराती फिल्म: छैलो शो
- सर्वश्रेष्ठ बंगाली फिल्म: कल्कोक्खो
- सर्वश्रेष्ठ असमिया फिल्म: अनुर
- सर्वश्रेष्ठ उड़िया फिल्म: प्रतीक्षया
- सर्वश्रेष्ठ मिशिंग फिल्म: बुम्बा राइड
- सर्वश्रेष्ठ मेइतिलोन फिल्म: इखोइगी यम
- बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर इंदिरा गांधी पुरस्कार: मेप्पडियन (मलयालम, निदेशक: विष्णु मोहन)
- सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार: द कश्मीर फाइल्स
- सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म: अनुनाद-द रेजोनेंस (असमिया)
- पर्यावरण संरक्षण/संरक्षण पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म: आवाज व्यूहम (मलयालम)
- सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म: गांधी एंड कंपनी (गुजराती)
- विशेष उल्लेख: 1. कदैसी विवासयी (स्वर्गीय श्री नल्लंदी) 2। झिल्ली (अरण्या गुप्ता और बिथन बिस्वास) 3. होम (इंद्रंस) 4. अनुर (जहाँआरा बेगम)
- सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक: काला भैरव (कोमुराम भीमुडो / आरआरआर)
- सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका: श्रेया घोषाल (मायावा छायवा / इराविन निजल)
- सर्वश्रेष्ठ पटकथा - मूल: शाही कबीर (नयट्टु) 
- सर्वश्रेष्ठ पटकथा - अडॉप्टेड: संजय लीला भंसाली और उत्कर्षिनी वशिष्ठ (गंगूबाई काठियावाड़ी) -
- सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखक: उत्कर्षिनी वशिष्ठ और प्रकाश कपाड़िया (गंगूबाई काठियावाड़ी) सर्वश्रेष्ठ संपादन: संजय लीला भंसाली (गंगूबाई काठियावाड़ी)
- सर्वश्रेष्ठ छायांकन: अविक मुखोपाध्याय (सरदार उधम)
- सर्वश्रेष्ठ ऑडियोग्राफी: सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन साउंड रिकॉर्डिस्ट (लोकेशन/सिंक साउंड): चविट्टू (मलयालम), झिल्ली (डिस्कार्ड्स)
- सर्वश्रेष्ठ साउंड डिजाइनर: अनीश बसु (सरदार उधम)
- सर्वश्रेष्ठ री-रिकॉर्डिंग (फाइनल मिक्सिंग): सिनॉय जोसेफ (सरदार उधम)
- सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (गीत): देवी श्री प्रसाद (पुष्पा)
- सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (बीजीएम): एम.एम. कीरावनी (आरआरआर)
- सर्वश्रेष्ठ गीत: चंद्र बोस (धाम धाम धाम/कोंडा पोलम)
- सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिजाइन: दिमित्री मलिक और मानसी ध्रुव मेहता (सरदार उधम)
- सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइनर: वीरा कपूर ई (सरदार उधम)
- सर्वश्रेष्ठ मेकअप आर्टिस्ट: प्रीतिशील सिंह डिसूजा (गंगूबाई काठियावाड़ी)
- सर्वश्रेष्ठ विशेष प्रभाव: वी श्रीनिवास मोहन (आरआरआर)
- सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी: प्रेम रक्षित (आरआरआर)
- सर्वश्रेष्ठ एक्शन डायरेक्शन पुरस्कार (स्टंट कोरियोग्राफी): किंग सोलोमन (आरआरआर)

गैर फीचर फिल्में

- सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म: एक था गांव
- बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर नॉन फीचर फिल्म: पांचिका (अंकित कोठारी)
- बेस्ट एंथ्रोपोलॉजिकल फिल्म: फायर ऑन एज
- सर्वश्रेष्ठ आर्ट फिल्म: टी.एन. कृष्णन- बो स्ट्रिंग्स टू डिवाइन
- सर्वश्रेष्ठ एजुकेशनल फिल्म: सिरपिगलिन सिरपंगल
- सर्वश्रेष्ठ जीवनी फिल्म/ऐतिहासिक पुनर्निर्माण संकलन फिल्म: 1. रुखु मतिर दुखु माझी 2. बियॉन्ड ब्लास्ट
- सर्वश्रेष्ठ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फिल्म: एथोस ऑफ डार्कनेस
- कृषि सहित सर्वश्रेष्ठ पर्यावरण फिल्म: मुन्नम वलावु
- सर्वश्रेष्ठ इंवेस्टिगेटिव फिल्म: लुकिंग फॉर चालान
- सर्वश्रेष्ठ प्रमोशनल फिल्म (पर्यटन, निर्यात, शिल्प, उद्योग आदि को कवर करने के लिए): इन डेंजर हैरिटेज: 'वर्ली आर्ट'
- सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म: 1. मिट्ठू दी 2. थ्री टू वन
- सर्वश्रेष्ठ अन्वेषण/ एडवेंचर फिल्म (खेलों को शामिल करने के लिए): आयुष्मान
- सर्वश्रेष्ठ एनीमेशन फिल्म: कंदित्तुंडु
- विशेष जूरी पुरस्कार: रेखा
- सर्वश्रेष्ठ लघु फिक्शन फिल्म: दाल भट्ट
- पारिवारिक मूल्यों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म: चंद सांसें
- सर्वोत्तम दिशा: बकुल मटियानी (स्माइल प्लीज)
- सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी: बिट्टू रावत (पाताल - टी)
- सर्वश्रेष्ठ संपादन: अभरो बनर्जी (इफ मेमोरी सर्व्स मी राइट)
- सर्वश्रेष्ठ ऑडियोग्राफी (अंतिम मिश्रित ट्रैक के री-रिकॉर्डिस्ट): उन्नी कृष्णन (एक था गांव)
- सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन साउंड रिकॉर्डिस्ट (लोकेशन/सिंक साउंड): सुरुचि शर्मा (मीन राग)
- सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन: ईशान दिवेचा (सरल)
- सर्वश्रेष्ठ कथन/वॉइस ओवर: कुलदा कुमार भट्टाचार्जी (हाथी बोंधु)
- स्पेशल ज्यूरी अवार्ड- शेरशाह
- सर्वश्रेष्ठ एक्शन डायरेक्शन अवॉर्ड- आरआरआर(स्टंट कोरियोग्राफर- किंग सोलोमन)
- सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी- आरआरआर(कोरियोग्राफर- प्रेम रक्षित)
- सर्वश्रेष्ठ स्पेशल इफेक्ट्स- आरआरआर (स्पेशल इफेक्ट क्रिएटर- वी श्रीनिवास मोहन)
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