- हेमंत पाल
फिल्मों का इतिहास बड़ा अजीब है! इसे बाहर से देखने और इसकी सच्चाई में बहुत फर्क है! ग्लैमर से भरी इस दुनिया दुःख हैं, जो न तो बखाने जा सकते हैं और न उनका कोई हल ही है। ऐसी ही एक पीड़ा है, फिल्मों का अधूरा रह जाना! बॉलीवुड में जितनी फ़िल्में बनना शुरू होती है, उसमें से कई फ़िल्में पूरी ही नहीं हो पाती! कुछ तो मुहूर्त शॉट तक ही सीमित होकर रह जाती है और ऐसी भी फ़िल्में हैं जो आधी बनी और डिब्बे में बंद हो गईं! छोटे कलाकारों की अधूरी और रिलीज न होने वाले फिल्मों की तो फेहरिस्त काफी लम्बी है, पर अमिताभ बच्चन जैसे बड़े कलाकार भी उनमें शामिल हैं, जिनकी कई फिल्मों मुहूर्त तो हुए, पर वे बनी नहीं! कुछ फ़िल्में बनकर तैयार तो हुईं, पर उन्होंने परदे मुँह नहीं देखा!
अमिताभ बच्चन की ऐसी ही फिल्म है 'शूबाइट' जिसे अभी तक रिलीज नहीं किया जा सका है। इस फिल्म को लेकर परसेप्ट पिक्चर कंपनी और यूटीवी प्रोडक्शन हाउस के बीच विवाद चल रहा है। इस कारण ये लंबे समय से अटकी है। अमिताभ बच्चन की एक फिल्म थी 'शिवा' बनी थी। ये हॉलीवुड फिल्म 'लॉस्ट एंड फाउंड' पर आधारित थी इसमें अमिताभ ने बड़े भाई का किरदार निभाया था, पर वो डिब्बे में ही बंद होकर रह गया! 'यार मेरी जिंदगी' भी ऐसी ही एक फिल्म थी, जिसका डायरेक्शन अशोक गुप्ता ने किया था। इसमें अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा मुख्य भूमिका में थे। लम्बे अरसे तक अटकने के बाद बड़ी मुश्किल से इसे रिलीज किया गया, पर चंद सिनेमाघरों में! अमिताभ और रेखा ने कई फ़िल्में साथ की, लेकिन इनकी पहली फिल्म थी 'अपना पराया' जो कुछ सीन की शूटिंग के बाद पैकअप हो गई! बाद में दोनों 'दो अजनाने' में साथ दिखाई दिए! अमिताभ ने 'खुदा गवाह' में डबल रोल निभाया था और इसमें उनकी हीरोइन थी श्रीदेवी! लेकिन, शायद बहुत काम लोग जानते हैं कि पहली बार 'खुदा गवाह' मनमोहन देसाई के डायरेक्शन में 1978 में बनना शुरू हुई थी! इसमें उनके साथ परवीन बाबी हीरोइन थी। ये फिल्म मुहूर्त के बाद नहीं बन पाई। मनमोहन देसाई ने ही 'सरफरोश' बनाना शुरू की थी। इसमें अमिताभ के साथ परवीन बाबी, ऋषि कपूर, कादर खान और शक्ति कपूर थे। लेकिन, इस फिल्म का हश्र भी अच्छा नहीं हुआ! बाद में इसी नाम से फिल्म बनी, जिसमें आमिर खान ने काम किया था। डायरेक्टर राकेश कुमार ने 1980 में अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, रेखा और वहीदा रहमान को लेकर फिल्म 'टाइगर' शुरू की थी। किंतु, प्रोड्यूसर और कलाकारों में हुए विवाद के कारण फिल्म रिलीज नहीं हो सकी।
डायरेक्टर टी रामाराव की फिल्म 'खबरदार' (1984) यदि रिलीज होती, तो अमिताभ बच्चन और कमल हासन पहली बार साथ नजर आते। लेकिन, फिल्म बनी तो.पर रिलीज नहीं हुई! बाद में इन दोनों ने 'गिरफ्तार' में साथ काम किया था। सुभाष घई ने भी अमिताभ को लेकर 1987 में 'देवा' बनाने की प्लानिंग की थी! लेकिन, मुहूर्त के बाद फिल्म की हफ्तेभर की शूटिंग हुई और फिल्म बंद कर दी गई! इसके बाद सुभाष घई ने किसी और कलाकार को लेकर भी ये फिल्म नहीं बनाई। यही हश्र अमिताभ की फिल्म 'शिनाख्त' की भी हुई थी, जिसका मुहूर्त 1988 में हुआ था। डायरेक्टर टीनू आनंद ने इसमें अमिताभ के साथ माधुरी दीक्षित को लिया था। कुछ दिन फिल्म की शूटिंग भी हुई, पर अचानक इसे बंद कर दिया गया। अमिताभ की ऐसी ही एक फिल्म थी 'आलीशान' जो 1988 में सेट पर आई थी। एक हफ्ते की शूटिंग के बाद ये फिल्म भी नहीं बनी! इसके बंद होने के बाद अमिताभ बच्चन ने 'मैं आजाद हूं' में काम किया था।
मुद्दा ये नहीं कि अमिताभ बच्चन की फ़िल्में अधूरी रही या पूरी होने के बाद भी उन्हें परदे का मुँह देखने का मौका नहीं मिला! ये पीड़ा सलमान खान और अक्षय कुमार जैसे कलाकारों ने भी भोगी है। सलमान की भी पांच से ज्यादा और अक्षय की भी करीब दस फ़िल्में किसी न किसी कारण से अटकी हुई हैं। जब ऐसे बड़े कलाकारों को ये सब भोगना पड़ता है, तो कल्पना की जा सकती है कि उन छोटे कलाकारों और तकनीशियनों के साथ क्या बीतता होगा जिनकी गाड़ी ही इन बड़े कलाकारों की वजह से चलती है।
------------------------------ -----------------------------
No comments:
Post a Comment