- हेमंत पाल
विवाह एक पवित्र बंधन है और सनातन धर्म में विवाह की एक निर्धारित पद्धति है। लेकिन, फिल्म और टेलीविजन के परदे पर 'विवाह' को तमाशा बना दिया गया! फिल्मों में तो नायक और नायिका का विवाह कहानी का हिस्सा होता है, इसलिए उसे मनोरंजन माना जा सकता है! लेकिन, टेलीविजन पर इस जीवन की इस पवित्र रिवाज को मजाक ही बना दिया गया। विवाह के रियलिटी शो बना दिए गए, जिसमें तीन-चार महीने तक किसी एक पुरुष या महिला कलाकार को केंद्र में रखकर उनके विवाह का नाटक किया जाता है! विवाह से जुड़े सारे प्रपंच किए जाते हैं, पर शो के समाप्त होते ही सीरियल की कहानी की तरह ये रिश्ता ख़त्म हो जाता है। टीवी पर सिर्फ शादी नहीं कराई जाती, रियलिटी शो के नाम पर सरासर झूठ परोसा जाता है। जबकि, प्रचारित यह किया जाता है कि ये सच की शादी है! टीवी के परदे पर कई बार ऐसी नकली शादियां हुई है या शादी होने का नाटक किया गया। 'मुझसे शादी करोगे' जैसा रियलिटी शो भी प्रसारित हुआ जो अभी तक इस तरह के शो में सबसे निकृष्ट दिखाई दिया।
विवाह एक पवित्र बंधन है और सनातन धर्म में विवाह की एक निर्धारित पद्धति है। लेकिन, फिल्म और टेलीविजन के परदे पर 'विवाह' को तमाशा बना दिया गया! फिल्मों में तो नायक और नायिका का विवाह कहानी का हिस्सा होता है, इसलिए उसे मनोरंजन माना जा सकता है! लेकिन, टेलीविजन पर इस जीवन की इस पवित्र रिवाज को मजाक ही बना दिया गया। विवाह के रियलिटी शो बना दिए गए, जिसमें तीन-चार महीने तक किसी एक पुरुष या महिला कलाकार को केंद्र में रखकर उनके विवाह का नाटक किया जाता है! विवाह से जुड़े सारे प्रपंच किए जाते हैं, पर शो के समाप्त होते ही सीरियल की कहानी की तरह ये रिश्ता ख़त्म हो जाता है। टीवी पर सिर्फ शादी नहीं कराई जाती, रियलिटी शो के नाम पर सरासर झूठ परोसा जाता है। जबकि, प्रचारित यह किया जाता है कि ये सच की शादी है! टीवी के परदे पर कई बार ऐसी नकली शादियां हुई है या शादी होने का नाटक किया गया। 'मुझसे शादी करोगे' जैसा रियलिटी शो भी प्रसारित हुआ जो अभी तक इस तरह के शो में सबसे निकृष्ट दिखाई दिया।
टीवी के परदे पर इन दिनों रियलिटी शोज़ का बोलबाला है। दर्शकों को बांधने के लिए हर चैनल रियलिटी शो को लेकर नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। गाने और नाचने के रियलिटी शो तो हर चैनल पर चल रहे हैं! लेकिन, अब इसमें भी नए प्रयोग किए जाने लगे! ऐसे में किसी एक्ट्रेस या एक्टर का विवाह कराने जैसे फॉर्मेट वाला शो कुछ अलग ही है! टीवी की दुनिया में रियलिटी शो का मतलब है, दर्शकों के सामने वास्तविकता दिखाना! लेकिन, विवाह कराने वाले शोज़ की वास्तविकता संदिग्ध ही है। अभी तक इस तरह के जितने भी शो प्रसारित हुए, उसकी सच्चाई ये है कि कोई भी शादी नहीं टिकी! यह भी माना जा सकता है कि ये शो रियलिटी जरूर कहे गए, पर उनका वास्तविकता से कोई वास्ता नहीं था! बरसों पहले माधुरी दीक्षित ने भी टीवी पर इस तरह का एक कार्यक्रम 'कहीं न कहीं कोई है' का संचालन किया था। लेकिन, माधुरी के होने के बावजूद ये शो निर्धारित हफ़्तों तक भी नहीं चला।
'बिग बॉस' जैसे लोकप्रिय शो के निर्माताओं ने 'मुझसे शादी करोगे' जैसा लचर रियलिटी शो बनाकर साबित कर दिया कि दर्शकों के प्रति उनकी क्या जवाबदेही है! क्योंकि, इसके दोनों प्रतियोगियों की सच्चाई दर्शक पहले से जानते हैं! पारस छाबड़ा और शहनाज गिल दोनों की 'बिग बॉस' में अपनी-अपनी जोड़ियां थीं! इस शो में दोनों ने सिर्फ एक्टिंग की! कहीं नहीं लगा कि वे किसी रियलिटी शो के रियल कैरेक्टर हैं। शो के निर्माताओं ने 'बिग बॉस' के दर्शकों को बांधने के लिए आनन-फानन में ये शो शुरू किया, पर बात नहीं बनी! 'बिग बॉस' के सेट पर ही 'मुझसे शादी करोगे' शुरू कर दिया गया, जिसका फॉर्मेट भी दर्शकों की समझ से बाहर रहा! लम्बे समय तक यह भी स्पष्ट नहीं हुआ कि ये शो दो प्रतियोगियों के लिए बनाया गया है या शो में मौजूद प्रतियोगी भी आपस में एक-दूसरे से शादी करने पर आमादा हैं। ये सच्चाई भी किसी से छुपी नहीं है कि शहनाज के पिता 'मुझसे शादी करोगे' शो के खिलाफ थे! सीधा सा तात्पर्य है कि शहनाज गिल सही में शादी करने नहीं, बल्कि अपनी फीस लेकर एक्टिंग की।
'बिग बॉस' जैसे लोकप्रिय शो के निर्माताओं ने 'मुझसे शादी करोगे' जैसा लचर रियलिटी शो बनाकर साबित कर दिया कि दर्शकों के प्रति उनकी क्या जवाबदेही है! क्योंकि, इसके दोनों प्रतियोगियों की सच्चाई दर्शक पहले से जानते हैं! पारस छाबड़ा और शहनाज गिल दोनों की 'बिग बॉस' में अपनी-अपनी जोड़ियां थीं! इस शो में दोनों ने सिर्फ एक्टिंग की! कहीं नहीं लगा कि वे किसी रियलिटी शो के रियल कैरेक्टर हैं। शो के निर्माताओं ने 'बिग बॉस' के दर्शकों को बांधने के लिए आनन-फानन में ये शो शुरू किया, पर बात नहीं बनी! 'बिग बॉस' के सेट पर ही 'मुझसे शादी करोगे' शुरू कर दिया गया, जिसका फॉर्मेट भी दर्शकों की समझ से बाहर रहा! लम्बे समय तक यह भी स्पष्ट नहीं हुआ कि ये शो दो प्रतियोगियों के लिए बनाया गया है या शो में मौजूद प्रतियोगी भी आपस में एक-दूसरे से शादी करने पर आमादा हैं। ये सच्चाई भी किसी से छुपी नहीं है कि शहनाज के पिता 'मुझसे शादी करोगे' शो के खिलाफ थे! सीधा सा तात्पर्य है कि शहनाज गिल सही में शादी करने नहीं, बल्कि अपनी फीस लेकर एक्टिंग की।
करीब दस साल पहले जब मीका के कथित चुंबन कांड से राखी सावंत चर्चा में थी, तब एक टीवी शो 'राखी का स्वयंवर' आया था। इसी के साथ टीवी पर सेलेब्रिटीज की शादी के रियलिटी शो की शुरुआत भी हुई! 2009 में आए इस शो में राखी सावंत के लिए लड़का खोजने की कोशिश की गई थी। किंतु, इस शो की खिल्ली ज्यादा उड़ी! क्योंकि, राखी की इमेज ऐसी नहीं थी, कि उसे सेलिब्रिटी कहा जाए या कोई अच्छा लड़का उससे शादी करने को लालायित हो! शो से चैनल ने जमकर टीआरपी बटोरी, आखिर में ये सब सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट साबित हुआ। इसके बाद राजनेता प्रमोद महाजन के लड़के राहुल महाजन के स्वयंवर का प्रपंच रचा गया। राहुल की अपनी कोई अलग पहचान भी नहीं थी। शो के जरिए राहुल महाजन ने परदे पर डिंपी गांगुली से शादी भी की, पर ये शादी ज्यादा दिन नहीं चली। कुछ समय बाद ही राहुल और डिंपी ने तलाक ले लिया। 'बिग बॉस' के सीजन-4 में सारा खान और अली मर्चेंट की शादी करवाई गई। 'बिग बॉस' के घर में ही निकाह कराया गया था। इस एपिसोड ने टीआरपी भी बटोरी, लेकिन शो से बाहर आने के कुछ समय बाद ही दोनों अलग हो गए। गाने वाले शो 'इंडियन आइडल' में नेहा कक्कड़ और आदित्य नारायण की फर्जी शादी का नाटक किया गया। कई सप्ताह तक इन दोनों की शादी का माहौल बना, पर ऐसा कुछ नहीं होना था और न हुआ!
ऐसे कारनामे सिर्फ भारत में ही नहीं होते! पाकिस्तान टीवी भी ऐसे रियलिटी शो दिखाता रहता है। 2003 में पाकिस्तान के जिओ टीवी ने पहली बार ऐसा ही एक रियलिटी शो 'शादी ऑनलाइन' शुरू किया था। इसमें शादी के लिए योग्य लड़के-लड़कियों को आपस में मिलाकर शादियाँ करवाईं जाती थीं। इस शो में भी भारतीय टीवी कार्यक्रम की तरह ही प्रतियोगियों से उनकी पसंद, नापसंद, पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में पूछताछ की गई। उनसे ये भी पूछा जाता था कि वे अपने परिवार की मर्जी से हटकर पूरी दुनिया के सामने इस तरह से शादी क्यों करना चाहते हैं? आश्चर्य की बात ये कि पाकिस्तान जैसे दकियानूसी समाज में इस रियलिटी शो ने लोकप्रियता के रिकॉर्ड बनाए थे।
इस शो की लोकप्रियता का कारण ये था कि पाकिस्तानी समाज में इस तरह की ये पहली घटना थी। भाग लेने आए लोगों में से कुछ का कहना था कि इससे हमारे पास जीवन साथी चुनने के विकल्प बढ़ जाते हैं। अच्छी बात ये है कि वहां के समाज ने भी इसे सकारात्मक नजरिए से लिया। वे लोग अपने ही परिवारों, जाति और जनजातियों में शादी करने की सदियों से चलती आ रही परंपरा को तोड़कर बाहर निकलें। पाकिस्तानी समाज में इस तरह के कार्यक्रमों में खुलकर भाग लेने में एक हिचकिचाहट तो दिखाई दी थी! लेकिन, ये भी सच है कि इस तरह के बदलाव से वहाँ का युवा वर्ग खुश हुआ। इस तरह के कार्यक्रमों की सफलता से वहाँ सामाजिक बदलाव की छटपटाहट ज़रूर दिखाई दी, पर हमारे यहाँ इसे मनोरंजन और मजाक में ही लिया गया।
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