Sunday, April 5, 2020

देश पर फिर छाया 'रामायण फीवर'

- हेमंत पाल

  देश में कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के हालात हैं। हर शहर की गली में सन्नाटा पसरा है, लोग घरों में बंद हैं। ऐसे में टीवी ही उनके समय काटने का एकमात्र सहारा है। मनोरंजन इंडस्ट्री भी बंद हो गई! सीरियलों की शूटिंग नहीं होने से नए एपिसोड भी नहीं बन पा रहे! ऐसे में सरकारी टीवी चैनल 'दूरदर्शन' ने भारतीय टीवी इंडस्ट्री के सबसे सफल सीरियल 'रामायण' का पुनर्प्रसारण कर दर्शकों को मनोरंजन की नई खुराक दे दी। हर घर के बाहर लॉकडाउन के हालात हैं, पर घर में भक्ति की बयार बह रही है। करोड़ों लोग 'रामायण' देख रहे हैं। 33 साल पुराना 'रामायण' सीरियल आज उससे भी ज्यादा लोकप्रिय और प्रासंगिक दिखाई दे रहा है, जितना ये इसके पहले प्रसारण के समय था। 
  बीते 33 सालों में दुनिया बहुत ज्यादा बदल गई! लेकिन, आश्चर्य है कि बदलती हुई दुनिया में भी धार्मिक भावनाएं प्रभावित नहीं हुई! इस बीच भारत में दो पीढ़ियों ने जन्म ले लिया, पर धर्म के प्रति श्रद्धा में कम नहीं हुई। क्योंकि, 'रामायण' वो सीरियल है, जिसमें मानवीय भावनाओं का वेग और कर्तव्यों का बोध दोनों एक साथ दिखाई देता है। 25 जनवरी 1987 को पहली बार जब 'रामायण' का प्रसारण शुरू हुआ, उस समय भी देश के अधिकांश हिस्सों में लॉकडाउन जैसे ही हालात बनते थे। न कोई घर से निकलता था, न बाजार खुलते थे और न कोई काम होता था।
   'रामायण' का हर पात्र तभी से उस ज़माने में दर्शकों के दिलों आजतक छाया हुआ है। 31 जुलाई 1988 को पहली बार लगातार 78 रविवारों तक 'रामायण' का प्रसारण हुआ था। हर बार सड़कों और बाजार की हालत लॉक डाउन जैसी ही रही! इस सीरियल की लोकप्रियता इतनी ज्यादा थी कि बाद में जी-टीवी और एनडीटीवी इमेजिन जैसे चैनलों ने भी दोबारा इसे प्रसारित किया और लोगों ने उसे पसंद किया था। इस शो का ऐसा क्रेज था कि दर्शक 'रामायण' में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल और सीता बनी दीपिका चिखलिया को पूजने तक लगे थे। आज के दर्शकों की मनःस्थिति उस तरह की तो नहीं है, पर 'रामायण' के क्रेज ने उन्हें बांध रखा है!  
  इस धार्मिक सीरियल के पुनर्प्रसारण ने भी रिकॉर्ड बना दिया। शुरूआती चार शो को देखने वाले दर्शकों की संख्या ही 170 मिलियन रही, जो टीआरपी का नया रिकॉर्ड है। 2015 से टीवी के दर्शकों की पसंद को आंकने का काम 'बार्क' ने शुरू किया गया था! तब से अभी तक किसी भी हिंदी मनोरंजन शो को इतनी ज्‍यादा रेटिंग कभी नहीं मिली, जितनी रामायण के पुनर्प्रसारण को मिली है। रामायण की वजह से 'दूरदर्शन' को भी नया जीवन मिला! यह भी स्पष्ट हो गया कि 'रामायण' आज भी लोगों के दिलों में बसी है।
    'रामायण' जब पहली बार प्रसारित हुई, तब इसके अनुमानित दर्शकों की संख्या करीब 10 करोड़ आंकी गई थी। यह भी बताया जाता है कि शुरू के कुछ एपीसोड की लोकप्रियता बहुत ज्यादा नहीं थी! लेकिन, राम वनवास प्रसंग के भावुक दृश्यों के बाद इस सीरियल की लोकप्रियता चरम तक पहुँची। जब 'रामायण' के प्रसारण का समय आता तो पूरे देश में एक आभासी ठहराव जैसा आ जाता था। जबकि, उस दौर में टीवी हर व्यक्ति की पहुँच में नहीं था! पर, ऐसे में सामुदायिक टीवी दर्शन का दौर भी चला, जब लोग ऐसे घरों में डेरा जमा लेते थे, जहाँ टीवी होता था। लोग अपना कामकाज छो़ड़कर आधे घंटे तक रामभक्त हो जाते थे। यही देखते हुए 'इंडिया टुडे' ने इसे 'रामायण फ़ीवर' का नाम दिया था। क्योंकि, सारे धार्मिक और सामाजिक क्रियाकलाप इस सीरियल को देखने के लिए थम जाते थे। लम्बे समय तक 'रामायण' भारत और विश्व टेलीविज़न इतिहास का सबसे अधिक देखा जाने वाला कार्यक्रम भी बना रहा। 'लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स' में जून 2003 तक 'रामायण' दुनिया के सर्वाधिक देखे जाने वाले धार्मिक सीरियल के रूप में सूचीबद्ध था।
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