- हेमंत पाल
मध्यप्रदेश में चौथी बार सत्ता पर सवारी का सपना देखने वाली भाजपा इन दिनों चिंतित है! सबसे बड़ी चिंता उसके विधायक, सांसद और कार्यकर्ताओं की उच्श्रृंखलता, वाचालता, विवाद और सिर पर चढ़ा सत्ता का नशा है! भाजपा के नेताओं में टकराहट बढ़ रही है। छोटे, बड़े सभी नेताओं की जुबान और हाथ दोनों खुल गए! कहीं नेता सरकारी कर्मचारियों को धमका रहे हैं, कहीं सीधे हाथ उठ रहे हैं! इससे जनता के मन में पार्टी के प्रति गलत धारणा बन रही है। संघ ने भाजपा को उसकी खामियां गिनाते हुए उसे ठीक करने को कहा है। संघ का मानना है कि चौथी बार सरकार बनाने के लिए जनता का मानस टटोलना होगा! ताकि एंटी इनकमबेंसी फेक्टर का पता चले! संघ प्रचारकों ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि नेताओं के बेलगाम भाषा पार्टी की नकारात्मक छवि बना रही है। इस पर नियंत्रण किया जाना चाहिए! आश्चर्य इस बात पर की सोशल मीडिया पर पार्टी के बारे में एक टिप्पणी करने वाले प्रवक्ता प्रकाश मीरचंदानी को निलंबित करने में तो संगठन ने बहुत जल्दबाजी की, पर सरेआम उच्श्रृंखलता करने वालों के खिलाफ संगठन आँखें मूंदकर बैठा है!
अनुशासन का दावा करने वाली भाजपा में अभी सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रहा! खासकर नेताओं की बयानवाजी और पार्टी में अंतर्कलह परेशानी बनती जा रही है। जब पार्टी अध्यक्ष नंदकुमार चौहान की वाचालता पर ही अंकुश नहीं हो, तो बाकी किसी पर उंगली नहीं उठाई जा सकती! कैलाश विजयवर्गीय से ताजा विवाद के बाद वे मीडिया की सुर्खियां बन गए! पिछले दिनों राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और पंचायत एंव ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने पार्टी के आंतरिक हालातों और सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए थे। कैलाश विजयवर्गीय ने जहां इंदौर में मेट्रो को लेकर सरकार पर ताना कसा था! मंत्री गोपाल भार्गव ने पार्टी में चल रही अंतर्कलह को लेकर बयान दिया! दोनों के बयानों को लेकर पचमढी चिंतन शिविर में प्रदेश अध्यक्ष चौहान से जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय को ही नसीहत दे डाली! कहा कि उन्हें राजधर्म का पालन करना चाहिए! जब से वो दिल्ली गए हैं, उनकी प्रदेश के बारे में समझ कम हो गई! विजयवर्गीय ने भी नंदकुमार चौहान पर जवाबी हमला किया! कहा कि प्रदेश अध्यक्ष को अफसरों को संरक्षण देने की जगह भाजपा कार्यकर्ताओं की चिंता करनी चाहिए। राजधर्म को लेकर ऐसा जवाब दिया कि अध्यक्ष की बोलती बंद हो गई!
एक सच ये भी है कि भाजपा नेताओं के बड़बोलेपर से नाराज प्रदेश भाजपा संगठन अब उन पर सीधी कार्रवाई नहीं कर सकता! न तो उन्हें नोटिस दे सकता है न कोई सीधी कार्रवाई कर सकता है। तय हुआ है कि अब संगठन सिर्फ नसीहत देगा! ये फैसला प्रदेश के भाजपा प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह के बीच हुई बैठक में तय हुआ! सहस्त्रबुद्धे ने चौहान से कहा कि प्रदेश में भाजपा के पदाधिकारी और विधायक जिस तरह सरकार और संगठन की कार्यप्रणाली पर उंगली उठा रहे हैं, उससे पार्टी की छवि को आघात लग रहा है। लेकिन, एक बात समझ में नहीं आई कि जब पार्टी के नेता सीमा लांघ रहे हैं, उसी नाजुक वक़्त में संगठन ने अपनी पकड़ ढीली कर दी! जबकि, प्रदेश भाजपा के पूर्व प्रवक्ता प्रकाश मीरचंदानी को पार्टी से निलंबित करने में देर नहीं की गई! मीरचंदानी ने फेसबुक पोस्ट में पार्टी के खिलाफ टिप्पणी की थी। उन्होंने लिखा था कि भाजपा में पराक्रम की जगह परिक्रमा करने वालों का बोलबाला है। हालांकि बाद में वो अपने बयान से पलट गए थे और अपनी पोस्ट भी डिलिट कर दी थी।
संघ की शाखाओं में देशप्रेम और सेवा, हिन्दुत्व और समाज कल्याण का पाठ पढ़ने वाले नेताओं के पार्टी में आते ही बोल बिगड़ जाते हैं। भाजपा के इन बेलगाम नेताओं पर न तो पार्टी कोई कार्रवाई करती है और न सत्ता के भय से प्रशासन ही कार्रवाई करने की हिम्मत जुटा पाता है। हाल ही में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सुदर्शन गुप्ता, रामेश्वर शर्मा, सांसद चिंतामणि मालवीय, विधायक शंकरलाल तिवारी, सुदर्शन गुप्ता, कालूसिंह ठाकुर और वेलसिंह भूरिया के धमकी भरे ऑडिया सामने आए! ये सबूत पार्टी की नीयत और सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हैं! संगठन पदाधिकारियों की वाचालता इसलिए भी ध्यान देने वाली हैं, क्योंकि संघ की समन्वय बैठक में नेताओं ने ही भ्रष्टाचार को लेकर अफसरों पर हमला बोला था! हाल ही में सत्ता मद में चूर इन नेताओं के कई विवादास्पद बोल भी सामने आए जो न तो संघ को पंसद हैं और न भाजपा संगठन!
विधायकों के विवादित बयान और धमकाने का सिलसिला कुछ दिनों से थम ही नहीं रहा! अब इस श्रृंखला में छतरपुर जिले से भाजपा विधायक रेखा यादव का नाम भी आया है। रेखा यादव ने पुलिसकर्मियों को धमकाते हुए घर बैठाने की धमकी दी! पुलिसवालों को धमकाते हुए कहा कि पुलिस वाले के भीतर कितनी उत्तेजना है उसे हम उतार देंगे! इसके पहले सरदारपुर से भाजपा विधायक वेलसिंह भूरिया ने दावा किया था कि उनके पास एनकाउंटर का अधिकार है। भोपाल के एक क्षेत्र के विधायक रामेश्वर शर्मा ने सरकारी कार्यक्रम में नहीं बुलाने पर तत्कालीन जिपं सीईओ को फोन पर कहा था कि 'जितना भगवान से डरते हो उतना ही मुझसे भी डरा करो!' इंदौर के विधायक सुदर्शन गुप्ता बयानबाजी को लेकर हमेशा विवादों में रहते हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ता के घर के बिजली के बिल को लेकर बिजली कंपनी के असिस्टेंड इंजीनियर को जूते मारने, मुंह काला कराने और कपड़े उतरवाकर नचवाने की धमकी दी। उज्जैन के सांसद चिंतामणि मालवीय ने तो अपने समर्थकों को टोल नाके पर टैक्स नहीं देने के लिए खुद के हस्ताक्षर से पास जारी कर दिए। जब टोल संचालक ने सांसद द्वारा दिए गए पास को नहीं माना तो उनके समर्थकों ने टोल नाके पर मारपीट कर दी! सतना विधायक शंकरलाल तिवारी भी विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। इन्होंने भी कुछ दिन पहले बिजली कंपनी के अधिकारी को धमकाया था। इसकी शिकायत भी सरकार और संगठन को मिली। चूंकि भाजपा विधायक हैं तो मामला ठंडा है।
धार जिले के धरमपुरी विधायक कालूसिंह ठाकुर पर सड़क निर्माण कंपनी के लोगों से पैसे मांगने और न देने पर मारपीट करने के आरोप लगे हैं। कंपनी के चैयरमेन के मुताबिक विधायक कालूसिंह कई दिनों से पैसों की मांग कर रहे हैं। कालूसिंह पर इससे पहले भी सरकारी कर्मचारियों, टोल नाके के कर्मचारियों और डॉक्टर के साथ मारपीट के आरोप लगे हैं! धार जिले के ही सरदारपुर विधायक वेलसिंह भूरिया भी अकसर विवादस्पद बयानों और मारपीट चर्चा में बने रहते हैं। पार्टी के नेता शहडोल में होने वाले उपचुनाव से पहले भी अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे! ये सच जानते हुए भी कि चुनाव पूर्व के सर्वे में ये सीट भाजपा के हाथ से फिसलती नजर आ रही है! खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे के जरिए अधिकारियों को फटकार लगाकर जनता की वाहवाही बटोरने की कोशिश की जा रही है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भले ही बैठकों में पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं व अपनी सरकार के मंत्रियों को सुशासन का पाठ पढ़ता है! लेकिन, शहडोल लोकसभा उपचुनाव से पहले नेताओं व मंत्रियों की बदजुबानी समझ से परे है। अनूपपुर जिले की पसान नगर पालिका के अध्यक्ष व अनूपपुर विधानसभा के प्रभारी रामअवध सिंह का टीआई सुनील गुप्ता को धमकाने वाला ऑडियो भी सामने आया! उसके बाद भाजपा के शहडोल जिला अध्यक्ष अनुपम अनुराग अवस्थी का पूर्व परियोजना प्रशासक प्रयास कुमार प्रकाश के बीच 50 हजार रूपये के लेन-देन का ऑडियो वॉयरल हुआ। इतनी घटनाओं के बाद भी पार्टी अनुशासन का पाठ पढ़ाए तो बात सोचने वाली है!
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