- हेमंत पाल
भारतीय दर्शकों के लिए अभी तक मनोरंजन के चंद विकल्प ही मौजूद थे। सिनेमा और टीवी के अलावा तीसरा विकल्प था, रेडियो! करीब सात दशक तक दर्शकों ने सिनेमा को ही मनोरंजन माना! इसके बाद पिछले तीन दशक से सिनेमा के साथ लोगों ने टीवी से भी दिल बहलाया! लेकिन, अब 'वेब सीरीज' मनोरंजन का नया विकल्प बनकर सामने आया है। अपने मोबाइल फोन में भी मनोरंजन की दुनिया समा सकती है, ये वेब सीरीज बताया! बहुत कम समय में इस माध्यम ने पूरी पीढ़ी को अपने दायरे में ले लिया। आज के युवाओं की तो पहली पसंद ही वेब सीरीज है। अभी इसे चार साल भी पूरे नहीं हुए, जब भारत में 'वेब सीरीज' जैसा पहला प्रयोग किया गया था। 2014 में आई वेब सीरीज ‘परमानेंट रूममेट’ को काफी पंसद किया गया! इसे देखने वालों की संख्या 50 मिलियन पार कर गई है। इसके बाद तो वेब सीरीज की लाइन लग गई। बेक्ड, ट्रिपलिंग, परमानेंट रूममेट सीजन-2, पिचर, बैंग बाजा बारात, ट्विस्टेड, ट्विस्टेड-2, गर्ल इन द सिटी, अलीशा और सीक्रेट गेम्स जैसी तमाम सीरीज आ गई!
वास्तव में भारतीय दर्शकों का भविष्य का मनोरंजन ही वेब सीरीज है। सिनेमा के बाद टीवी ने दर्शकों को आकर्षित किया था! 80-90 के दशक में रामायण, महाभारत, मुंगेरीलाल के हसीन सपने, देख भाई देख, और हम लोग जैसे सीरियल ने लोगों को सिनेमाघर की सीढ़ियां चढ़ना ही भुला दिया था। इसके बाद टेलीविजन पर सास-बहू, प्यार-मोहब्बत और वैम्प वाले सीरियलों ने दर्शकों के दिल में जगह बनाई! निर्माताओं के संस्कारी बहू-बेटियों वाले इन सीरियलों के सेट, एक्टर, मेकअप और गहनों पर तो ध्यान देते आए हैं, लेकिन इनकी स्क्रिप्ट वैसी ही रही है। दो दशक तक दर्शक मनोरंजन के नाम पर यही टीवी सीरियल और प्रेम और बदले की कहानियां झेलते रहे! लेकिन, अब वेब सीरीज ने मनोरंजन की इस धारणा को तोड़कर नया विकल्प दिया है।
भारत में मनोरंजन का असल बदलाव यूट्यूब, ऑल्ट-बालाजी, हॉट स्टार, अमेजन, वीबी ऑन द वेब और नेटफ्लिक्स जैसे एप्स से आया! वेब सीरीज बनाने वाली अमेरिकी कंपनी नेटफ्लिक्स ने भारत में भी अपने दर्शक खोज लिए हैं। उसकी हिंदी सीरीज 'सीक्रेट गेम्स' तो पहले ही तहलका मचा चुकी है। लोगों को यहाँ कुछ नया कंटेंट देखने को मिला। एकता कपूर जैसी सीरियल की महारानी ने तो वेब सीरीज के लिए प्रोडक्शन हाउस ऑल्ट-बालाजी ही खोल लिया। ये बेहतरीन बदलाव था, जहां वेब सीरीज ने अलग तरह का कंटेंट देने की कोशिश की है। उसने नई वैरायटी के साथ ही घिसे-पिटे दायरे को भी तोड़ा है। भारतीय दर्शकों के लिए यह बेहतरीन ऑप्शन है! वेब सीरीज का सबसे अच्छा फायदा ये है, कि इसके कंटेंट में सेंसर का कोई दखल नहीं होता! सेंसर के चक्कर में टीवी या फिल्मों को ऐसा बनाने की कोशिश की जाती है, जिसे सांस्कृतिक पैमाने से नापा जा सके! जबकि, वेब सीरीज का कंटेंट बहुत कुछ अलग करने को मौका देता है। नेटफ्लिक्स की 'सीक्रेड गेम्स' भी बोल्ड सीरीज है। इसमें धर्म, सेक्स, हत्या, न्यूडिटी, ट्रांसजेंडर समेत हर वो मसाला है, जो सेंसर कभी मंजूर नहीं करता! टीवी पर ये इसलिए दिखाने लायक नहीं है, कि हमारी संस्कृति इसकी इजाजत नहीं देती!
वेब सीरीज आम सीरियल से हर मामले में आगे है! इसमें जबरदस्त रचनात्मकता है, जिसे दिखाने के बारे में टीवी और फिल्मकार कभी सोच भी नहीं सकते! एक वेब सीरीज में तो साफ़-साफ़ गे-रिलेशनशिप को दिखाया गया! दर्शकों के लिए ये कुछ नया है। भारत में ट्रांसजेंडर और होमोसेक्शुअलिटी को अछूत की तरह देखा जाता है। ऐसे में वेब सीरीज सोच बदलने का काम कर सकती है। नेटफ्लिक्स, अमेजन और हॉटस्टार जैसे एप्स पूरी दुनिया का कंटेंट दिखाते हैं। भारतीय वेब सीरीज का कॉम्पटीशन भारत के ही दूसरे सीरियल से नहीं, बल्कि दूसरे देशों के हाई-क्लास कंटेंट से होता है। अब घड़ी देखकर टीवी के सामने बैठने की जरूरत नहीं है। जब भी और जहाँ भी समय मिले मोबाइल में ढेर सारा मनोरंजन मौजूद है। ऐसे में वेब सीरीज की स्टोरी और और प्रोडक्शन की क्रिएटिविटी को सराहना भी जरूरी है। यकीनन वेब सीरीज देखना सिनेमा और टीवी से बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। आने वाला वक़्त भी इसी का है।
------------------------------ ------------------------------ --
No comments:
Post a Comment