- हेमंत पाल
अभिनय का मतलब है बहुरूपिया होना! अभिनय ऐसा ही रंग है, जिसमें पुरुष कभी महिला बनकर और महिला कलाकार पुरुष बनकर चरित्र निभाती है! इसके पुरुष अभिनेताओं के अभिनय का एक रंग किन्नर बनना भी है! लेकिन, अपनी पहचान से इतर ऐसे किरदार निभाने में पुरुष अभिनेताओं को महिला कलाकारों से ज्यादा सफलता मिली है! करीब सभी पुरुष अभिनेता किसी न किसी फिल्म में ऐसे रूप धर चुके हैं। कुछ साल पहले फिल्मों में विलेन को किन्नर के चरित्र की तरह दिखाया गया था। उन फिल्मों की भी गिनती की जा सकती है, जिसमें हीरो ने लड़की का भेष धरकर स्वांग रचा था! अब इस सूची में आयुष्मान खुराना का नाम भी शामिल होने जा रहा है, जो 'ड्रीम गर्ल' फिल्म में पूजा नाम की लड़की का किरदार निभाएंगे! याद किया जाए तो सबसे पहले ऐसा किरदार रिषि कपूर और पेंटल ने फिल्म 'रफूचक्कर' (1975) में निभाया था! वे एक हत्या होते देख लेते हैं और बचने के लिए लड़की बन जाते हैं!
कई कॉमेडी फिल्मों में हीरो ने लड़की का मेकअप करके नाज-नखरे दिखाए हैं। ‘लावारिस’ के गाने ‘मेरे अंगने में..’ में अमिताभ बच्चन जैसे बड़े हीरो भी थोड़ी देर के लिए औरत के भेष में दिखाई दिए थे। गोविंदा तो कई फिल्मों में औरत बने! लेकिन, ‘आंटी नंबर-1’ में उनको सबसे ज्यादा पसंद किया गया। कमल हसन ने ‘चाची 420’ में चाची बनकर साड़ी पहनकर जलवे दिखाए थे, जो फिल्म में ऐसी पावरफुल महिला के रूप में दिखे थे जो कई गुंडों से अकेले ही लड़ जाती हैं। आमिर खान 'बाजी' और 'पीके' में औरत बने! ‘हम आपके हैं कौन’ में सलमान खान ने एक गाने में लड़की की तरह ठुमके लगाए थे। रितेश देशमुख ‘अपना सपना मनी मनी’ में, श्रेयस तलपड़े 'पेइंग गेस्ट' में लड़की बने नजर आए! जबकि, राजपाल यादव, मीका सिंह और बिंदू दारासिंह फिल्म ‘बलविंदर सिंह फेमस हो गया’ में लड़की का रुप धरा था। एक्शन किंग अक्षय कुमार भी 'खिलाड़ी' के एक दृश्य में लड़की बने थे, जो गर्ल्स हॉस्टल में रहने के लिए लड़की बनते हैं।
परदे पर वही रोल यादगार बनते हैं, जो अभिनेता की पहचान से अलग होते हैं। याद किया जाए तो जिस भी अभिनेता का किरदार दर्शकों के दिमाग में बसा है, वो वही है जो अनोखा है! पुरुष अभिनेताओं का महिला बनने के अलावा किन्नर बनना भी एक अहम किरदार है। आशुतोष राणा जैसे हरफनमौला कलाकार ने 1999 में आई 'संघर्ष' में किन्नर विलेन का जोरदार किरदार निभाया था। वे इसमें बेहद खूंखार विलेन बने थे! असली किन्नर शबनम मौसी की जिंदगी से प्रेरित 2005 में इसी नाम की फिल्म में भी आशुतोष राणा ने मुख्य भूमिका निभाई थी। 1991 की फिल्म 'सड़क' में सदाशिव अमरापुरकर ने महारानी नाम के किन्नर का रोल किया था! इस फिल्म में उनके अभिनय को काफी सराहा भी गया था। 'मर्डर-2' में धीरज पांडे की भूमिका निभाकर प्रशांत नारायणन ने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा लिया था। ये भी एक किन्नर का ही रूप था।
निर्देशक से एक्टर बने महेश मांजरेकर 'रज्जो' में किन्नर बने थे। ये बात अलग है कि ये फिल्म चली नहीं! तिग्मांशु धूलिया की 'बुलेट राजा' में रवि किशन का का रोल किन्नर का था! 1997 में आई फ़िल्म 'तमन्ना' में परेश रावल ने किन्नर बनकर अपनी अदाकारी का नया रंग दिखाया था। आने वाली फिल्म 'लक्ष्मी बॉम्ब' जो तमिल फ़िल्म 'मुनी:2 कंचना' की रीमेक है, इसका जो पोस्टर सामने आया है उसमें अक्षय कुमार किन्नर नजर आ रहे हैं! मुरली शर्मा ने दीपक तिजोरी के टीवी सीरियल 'रिश्ते' में किन्नर की भूमिका की थी। इसके बाद फिल्म 'मस्ती' में भी किन्नर बनकर नजर आए थे। प्रकाश झा की फिल्म 'गंगाजल-2' में भी मुरली किन्नर का किरदार निभाते दिखाई देंगे। इसमें मुरली के किरदार का नाम है 'मुन्ना मर्दानी!'
पुरुष अभिनेता का महिला या किन्नर बनकर अभिनय करना आसान नहीं होता! ये अभिनय कला की वो चुनौती है, जिसमें अभिनेता को अपने चेहरे के अलावा भाव-भंगिमाएं भी बदलना पड़ती है! महिला के मेकअप के साथ उन्हें चेहरे पर नारी सुलभ कोमलता और चाल में लचक लाना पड़ती है! वहीं किन्नर की भूमिका में पुरुष की तरह सख्त मिजाजी के साथ महिलाओं की तरह शारीरिक भंगिमाएं अपनाना पड़ती है! यही कारण है कि सभी अभिनेता इसमें सफल भी नहीं हो पाते! महिला के रोल में आज भी रिषि कपूर, कमल हसन, गोविंदा और आमिर खान को याद किया जाता है, जबकि किन्नर विलेन बने सदाशिव अमरापुरकर और आशुतोष राणा के किरदार मील पत्थर हैं!
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