Tuesday, December 20, 2016

आलू के जमाखोरों के लिए सड़क पर उतरी कांग्रेस!

- हेमंत पाल 

 बड़े मुद्दों से मुँह फेरकर बैठी कांग्रेस अब छोटे-छोटे मामलों पर राजनीति करने लगी! इंदौर में कांग्रेस विधायक ने पहले प्याज को मुद्दा बनाकर राजनीति की रोटियाँ सेंकने का काम किया था! अब सड़क पर आलू बिखेरकर राजनीति गरमाई! तीन दिन पहले कलेक्टरेट के सामने आलू फैंके थे, आज इसी मुद्दे पर चोइथराम मंडी बंद करवाई! जबकि, असलियत में आम आदमी के लिए आलू सस्ता नहीं हुआ, फिर ये मुद्दा कहाँ से पनपा? वास्तव में आलू के बड़े किसानों और स्टॉकिस्टों के दबाव में कांग्रेस सड़क पर उतरी है! 
   इंदौर जिले की आठ विधानसभा सीटों में से सात पर भाजपा के विधायक हैं। अकेली राऊ सीट कांग्रेस के पास है! इसी एक सीट के विधायक जीतू पटवारी के बारे में चर्चित है कि वे बेसिरपैर के मुद्दों हवा देकर माहौल बनाते हैं! तीन दिन पहले उन्होंने आलू उत्पादकों की अगुवाई की और प्रशासन के सामने तीन ट्रॉली आलू बिखेर दिए! वास्तव में ये आलू के किसानों की समस्या जैसा मसला नहीं है! ये आलू का स्टॉक करने वालों को कांग्रेस के समर्थन से जुड़ा मुद्दा है। असल बात ये है कि कुछ बड़े किसानों और आलू व्यापारियों ने आलू के भाव बढ़ने की आशंका से आलू की जमाखोरी की थी! लेकिन, देशभर में आलू के भाव नहीं बढे! जब इन जमाखोरों को नुकसान हुआ, तो उन्होंने विधायक को साथ ले लिया और 16 दिसम्बर को ये तमाशा किया! पटवारी ने अपने साथ इंदौर के बड़े कांग्रेसी नेताओं को भी इस जमावड़े में बुलाया था, पर असलियत सामने आने पर सभी खिसक लिए! इंदौर में आलू राजनीति सोमवार को भी हुई! विधायक जीतू पटवारी ने चोइथराम मंडी बंद कराई और धरना देते हुए सरकार से मांग की कि आलू का समर्थन मूल्य 8 से 10 रूपए निर्धारित करे! सरकार ने जिस तरह प्याज खरीदे, वैसे आलू भी खरीदे! 
  इंदौर से आलू देशभर की मंडियों में सप्लाई होता है! इसके अलावा इंदौर में ब्रांडेड वेफर्स निर्माताओं के भी प्लांट हैं! लेकिन, ये नई फसल के वक़्त ही सौदा कर लेते हैं। नोटबंदी के बाद अंदाजा लगाया गया था कि आलू के भाव आसमान छुएंगे! इसी लालच में बड़े आलू उत्पादक किसानों और स्टाकिस्टों ने भारी स्टॉक कर लिया! लेकिन, थोक में आलू एक से दो रुपए किलो पर आ गया और नई फसल भी बाजार में आ गई। ये सीधे-सीधे बड़े नुकसान का संकेत था। आलू गले पड़ते देख राऊ के बिजलपुर इलाके के कुछ बड़े आलू उत्पादकों ने विधायक जीतू पटवारी को आगे करके ये धमाल किया! विधायक ने भी इसे राजनीतिक रंग देने में कसर नहीं छोड़ी! जबकि, फुटकर में आज भी आलू करीब 20 रुपए किलो है। थोक में 2 रुपए किलो बिकने वाला आलू लोगों को फुटकर में 20 रुपए किलो खरीदना पड़ रहा है! कांग्रेस विधायक उनके पक्ष में आवाज उठाने के बजाए उन बड़े किसानों और आलू का स्टॉक करने वालों के समर्थन में खड़े हो गए, जिन्होंने बड़े फायदे के लालच में स्टॉक किया था।           
ये लालच नतीजा 
* ज्यादा मुनाफा कमाने की लालच में आलू के बड़े किसानों और स्टॉकिस्टों ने माल रोक रखा था। जब देशभर में आलू के भाव नहीं बढे और नई फसल आने लगी तो नुकसान से घबराकर इस मामले को राजनीतिक रंग दे दिया! आलू, प्याज के बाद लहसुन में भी यही स्थिति आना है। क्योंकि, मौसम अच्छा है, तो फसल भी बम्पर होगी। 
- मुरली हरियाणवी (अध्यक्ष, आलू, प्याज, लहसुन होलसेल व्यापारी एसोसिएशन, इंदौर) 
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