Saturday, December 3, 2016

शूटिंग मध्यप्रदेश में, पर परदे पर पहचान नदारद!

- हेमंत पाल 

  मध्यप्रदेश में फिल्मों की शूटिंग होना नई बात नहीं है! मांडू और जबलपुर के पास भेड़ाघाट शुरू से ही फिल्मकारों की पसंदीदा जगह रही है। पिछले कुछ सालों में इंदौर, भोपाल और महेश्वर में कई फिल्मों की शूटिंग हुई! लेकिन, मुद्दे की बात ये है कि किसी भी फिल्म में मध्यप्रदेश के इन शहरों को उनकी पहचान के साथ नहीं दर्शाया गया! कभी महेश्वर को बनारस बना दिया जाता है तो कभी मथुरा! प्रदेश के पर्यटन स्थलों का फिल्मकारों ने सांस्कृतिक शोषण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी! निर्देशक गुलजार ने जरूर 'किनारा' में मांडू को कहानी में पिरोकर उसी नाम की पहचान के साथ फिल्माया था! इसके अलावा सभी ने प्रदेश की खूबसूरती का शोषण ही किया! सरकार भी इसी में खुश हो लेती है कि हमारे यहाँ शूटिंग हुई, पर सवाल है कि इससे मध्यप्रदेश को क्या मिला?
 बॉलीवुड के नामचीन एक्टर अक्षय कुमार महेश्वर में शूटिंग की तैयारी कर रहे हैं! उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री से भी बात की! निर्देशक आर. बाल्की की इस फिल्म के लिए अमिताभ और अक्षय महेश्वर और ओंकारेश्वर आएंगे! फिल्म के कई महत्वपूर्ण शॉट्स यहीं पर लिए जाने हैं। महेश्वर के घाट और महल में प्रमुखता से शूटिंग होगी। लेकिन, क्या महेश्वर को परदे पर उसकी पहचान के साथ दर्शाया जायेगा? साठ के दशक में मांडू में 'दिल दिया दर्द लिया' की शूटिंग हुई थी! तब से अब तक मध्यप्रदेश के वैभव को कई फिल्मों को फिल्माया गया, पर कभी शूटिंग स्थल वाले कस्बे या गाँव के नाम का उल्लेख नहीं किया गया! महेश्श्वर के घाटों को कभी बनारस के घाट बनाकर दिखाया जाता है, कभी मथुरा तो कभी यहाँ के महल को सम्राट अशोक का उड़िया साम्राज्य बनाकर! प्रकाश झा ने अपनी कई फिल्मों की शूटिंग भोपाल और आसपास की, लेकिन न तो कहीं मध्यप्रदेश नजर आया न भोपाल! इससे प्रदेश को सबसे बड़ा नुकसान ब्रांडिंग का होता है! फिल्मों में प्रदेश के पर्यटन स्थल दिखाए जाने से पर्यटक आकर्षित होते हैं! लेकिन, दुर्भाग्य है कि फिल्मकार प्रदेश सरकार को भरमाकर सुविधाएं तो बटोर लेते हैं, पर परदे पर यहाँ की प्राकृतिक संपदा और पुरा वैभव किसी और नाम से नजर आता है। इस बारे में सरकार को कोई सख्त रवैया अपनाना चाहिए, जिससे पर्यटन विकसित हो!           
  अनिल शर्मा की फिल्म 'सिंह साहब द ग्रेट' शूटिंग के समय मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा था कि मध्यप्रदेश में जिन फिल्मों की शूटिंग होगी, उन्हें सुविधा देने के लिए नीति बनाई जाएगी। लेकिन, शायद 4 साल बाद भी इस विषय पर कोई बात नहीं हुई! सुविधा तो फिल्मकारों को आज भी मिल ही रही है, पर प्रदेश को इस सबसे क्या मिलता है? इस मामले में उत्तरप्रदेश की नीति काफी स्पष्ट है! वहाँ फिल्म की आधी से ज्यादा शूटिंग करने वाले फिल्मकारों को आर्थिक मदद दी जाती है और मनोरंजन कर में भी रियायत मिलती है! जबकि, मध्यप्रदेश के सामने सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि शूटिंग में जिस शहर, कस्बे या स्थान को फिल्माया जाए, फिल्म में उसे उसी रूप में दिखाया जाना जरुरी किया जाए! इसके लिए बकायदा करार किया जा सकता है या इसे पर्यटन नीति में शामिल किया जाए! यदि सरकार ये कर सकी तो फिल्म के परदे पर महेश्वर के घाट न तो बनारस बनेंगे और न यहाँ का किला मथुरा का किला बनेगा! शाहरुख़ खान और करीना की फिल्म 'अशोका' की शूटिंग भी महेश्वर में हुई थी, पर उड़ीसा के किसी शहर के नाम पर!    
    धर्मेंद्र के होम प्रोडक्शन की दो फिल्मों (यमला, पगला, दीवाना) के सीक्वल की शूटिंग यही हुई! पर, एक मैं भी 'महेश्वर' नाम नहीं आया! 'तेवर' में सोनाक्षी सिन्हा का चर्चित डांस यहीं घाट पर फिल्माया गया, पर फिल्म में वो मथुरा में नजर आया! महेश्वर में तेलुगु की मेगा बजट फिल्म 'गौतमीपुत्र शतकरणी' की भी शूटिंग हुई है। ये फिल्म दूसरी शताब्दी की पृष्ठभूमि पर बनी है। इसलिए महेश्वर के किले को उसी दौर के महलों की तरह तैयार किया गया था। तय है कि इस फिल्म में भी महेश्वर किसी और नाम से दिखेगा! संजय लीला भंसाली की फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' के एक बड़े हिस्से की शूटिंग भी महेश्वर में हुई! सेना के साथ विश्राम के बाद घोड़े पर सवार होकर युद्ध के लिए निकल रहे बाजीराव पेशवा का भव्य सीन महेश्वर के घाट पर शूट किया गया था। समझा जा सकता है कि कहानी में ये सभी दृश्य महेश्वर के संदर्भ में तो होंगे नहीं! इसी तरह का सांस्कृतिक शोषण बरसों से 'भेड़ाघाट'  होता आया है। रितिक रोशन की फिल्म 'मोहन जोदाड़ो' की कुछ शूटिंग यहीं हुई, पर फिल्म पर कहीं भेड़ाघाट नहीं था। प्रकाश झा ने भी भोपाल में शूटिंग की, पर नाम बदलकर! राजकुमार कोहली की फिल्म 'जीने नहीं दूंगा' मांडू में फिल्माई गई, पर मांडू का नाम और वैभव सब नदारद था! ऐसा अब तक तो यही होता रहा है। यदि आगे भी   यही होता रहा तो मध्यप्रदेश के पर्यटन विभाग का ये स्लोगन चरितार्थ हो जाएगा 'एमपी अजब है, सबसे गज़ब है।'  
-------------------------------------------------------

No comments: