Sunday, July 17, 2016

ऐसे होते हैं असली हीरो


हेमंत पाल 

  फिल्म के बड़े कलाकारों के बारे में आम धारणा होती है कि ये लोग देश और समाज से कटकर रहते हैं! लोगों की परेशानी और देश के सामने आए संकट से इनका बहुत ज्यादा सरोकार नहीं होता! ये जो भी करते हैं, अपनी फैन फॉलोइंग बढ़ाने, पब्लिसिटी पाने और अपने फायदे के लिए ही करते हैं! अमूमन सच भी यही है! लेकिन, इन बड़े कलाकारों के बीच कुछ ऐसे संवेदनशील हीरो भी हैं, जिनके सीने में समाज और देश के लिए दिल धड़कता है! सूखा पड़ने पर वे किसानों को आत्महत्या से रोकने कोशिश करते हैं! उनकी आर्थिक मदद करते हैं! सरकार से परदेश में फंसे भारतीयों को बचाने की अपील करते हैं! बेसहारा बच्चों के लिए काम करते हैं और सीमा पर तैनात सेना के जवानों का दिल बहलाने और उनका हौंसला बढ़ाने जाते हैं! कैंसर पीड़ितों के लिए आगे आते हैं! ऐसे बहुत से काम करते हैं, जो उनकी संवेदना दर्शाते हैं।
  अक्षय कुमार ने दक्षिण सूडान के जुबा में फंसे भारतीयों को तेजी से निकालने का विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अनुरोध किया! वहां सरकार के समर्थकों और सरकार के खिलाफ झंडा बुलंद करने वालों के बीच टकराव के चलते शहर में हिंसा बढ़ी है! शूटिंग की व्यस्तता के बीच इतने बड़े एक्टर का सरकार से अनुरोध करना उसकी संवेदना दर्शाता है। इसी विषय पर केंद्रित फिल्म ‘एयरलिफ्ट’ में अक्षय कुमार ने भारतीय कारोबारी रंजीत कात्याल की भूमिका निभाई है! कारोबारी इराक द्वारा किए कुवैत पर किए गए हमले के दौरान कुवैत में फंसे भारतीयों को निकालने के अभियान की अगुवाई करता है। अक्षय ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अनुरोध करते हुए ट्विटर किया 'सुषमा मैडम, आपसे अनुरोध है कि कृपया सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के त्वरित उपाय करें! हम उनके सुरक्षित भविष्य की कामना करते हैं!' सुषमा स्वराज ने तत्काल जवाब में ट्वीट किया 'अक्षय कुमारजी, कृपया चिंता न करें! हम जुबा से भारतीय नागरिकों को निकाल रहे हैं!' अक्षय कुमार ने ये सब पब्लिसिटी पाने के लिए नहीं किया! वे इतना ही कर सकते थे कि सरकार तक अपनी संवेदना और अपील पहुंचाते और उन्होंने यही किया भी!
  ऐसे ही एक अभिनेता हैं नाना पाटेकर! वे एक्टर से ज्यादा समाजसेवी हैं! नाना बेहद भावुक व्यक्ति माने जाते हैं! हाल ही में महाराष्ट्र में पड़े भीषण सूखे से वे बेहद द्रवित हुए! उन्होंने किसानों का दर्द महसूस किया और उनकी आर्थिक मदद के लिए आगे आए! उन्होंने सूखा पीड़ित इलाकों से बड़े पैमाने पर हुए पलायन की पीड़ा को भी महसूस किया! महाराष्ट्र को आईपीएल मैचों की मेजबानी न करने के मुद्दे पर नाना का कहना था कि यह एक भावनात्मक मुद्दा है। जब लोग मर रहे हैं, तो हम जश्न कैसे मना सकते हैं? सलमान खान को आज के सफलतम हीरो में माना जाता है! लेकिन, उनका दिल भी शोषित बच्चों के लिए धड़कता है! यही कारण है कि सलमान ने 2007 में 'बीइंग ह्यूमन' नाम से एक फाउंडेशन खड़ा किया, जो इन बेसहारा बच्चों के लिए काम करता है। सलमान अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा इस फाउंडेशन पर खर्च करते हैं!  
  कभी ऐसी ही संवेदना लोगों ने सुनील दत्त में महसूस की थी! फिल्मों में अभिनय के अलावा सुनील दत्त ने देश की राजनीति में भी काम किया! जनसेवा में योगदान दिया और कैंसर पीड़ितों के इलाज की सुविधाएँ जुटाने में पूरी मदद की! सुनील दत्त को नर्गिस का ऐसा साथ मिला, जिसने उनकी जिंदगी ही बदल दी! दोनों ने कई बार अपने अजन्ता ग्रुप के साथ कई बार सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए कार्यक्रम किए और उनका हौंसला बढ़ाया!
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