Sunday, July 3, 2016

एक ही कहानी पर बार-बार फिल्मों का संयोग!


हेमंत पाल 
  सलमान खान की फिल्म 'सुल्तान' और आमिर खान की 'दंगल' की घोषणा करीब एक साथ हुई थी! जब फिल्म की शूटिंग शुरू हुई और ख़बरें लीक हुई तो पता चला कि दोनों ही फ़िल्में पहलवान जिंदगी पर आधारित हैं! दोनों ही कलाकारों ने कहानी की डिमांड के मुताबिक अपना वजन भी बढ़ाया! 'सुल्तान' की रिलीज का दिन भी तय हो गया था, इसलिए वो बनी भी जल्दी! दोनों ही फ़िल्में दो बड़े खानों से जुडी थी, इसलिए ख़बरों की दुनिया में सनसनी भी ज्यादा रही! लेकिन, अचानक आमिर की फिल्म को लेकर ख़बरें आना बंद हो गईं! पता चला कि आमिर की 'दंगल' कहानी में बदलाव किया जा रहा है! फिल्म  रिलीज भी आगे बढ़ा दी गई! बॉलीवुड में दो फिल्मों की कहानी में समानता होना नई बात नहीं है! ये संयोग भी हो सकता है, पर जब ये बार-बार होने लगे तो इसे हिट कहानियों बनी फिल्मों के रीमेक का आसान तरीका ही कहा जाएगा! हमारे यहाँ फिल्मों की कहानियों के आईडियों की चोरी नई बात नहीं है। सैकड़ों बार ये हो चुका है।

'सुल्तान' और 'दंगल' में क्या समानता होगी, फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता! लेकिन, दोनों ही फिल्मों का नायक पहलवान है, ये जरूर सामने आ गया! शायद ये भी एक कारण रहा होगा कि 'दंगल' की कहानी में बदलाव का फैसला किया गया! जबकि, सलमान खान को यशराज फिल्म ‘सुल्तान’ और ‘दंगल’ में नायकों की भूमिका में समानता होने के बावजूद दोनों फिल्मों की तुलना का कोई तुक नजर नहीं आता! आमिर खान का भी कहना है कि दोनों ही अलग-अलग तरह की फिल्में हैं। 'दंगल' नीतेश तिवारी के निर्देशन में बन रही है जिसकी शूटिंग पंजाब में हो रही हैं। यह फिल्म हरियाणा के पहलवान महावीर सिंह फोगट के जीवन पर आधारित है। वहीं सलमान 'सुल्तान' भी पहलवान की कहानी है, लेकिन काल्पनिक! सलमान की 'सुल्तान' ईद पर और आमिर की 'दंगल' क्रिसमस पर रिलीज होगी।

 बॉलीवुड की दो फिल्मों में कहानी को लेकर कोई टकराव हो, ऐसा अमूमन कम ही होता है! लेकिन, हॉलीवुड की फिल्मों का देसी संस्करण बना देना आम बात है। संजय लीला भंसाली को आज बड़ा फिल्मकार माना जाता है, लेकिन उनकी फिल्मों पर अकसर 'कॉपी' के आरोप लगते रहे हैं! 1996 में आई उनकी फिल्म 'खामोशी : द म्यूज़िकल’ की मूल कहानी जर्मन फिल्म 'बियोंड साइलेंस' से मिलती-जुलती थी! कहा गया था कि 'बियोंड साइलेंस' बाद में रिलीज़ हुई! जबकि,ये 1995 की फिल्म थी! 1999 की 'हम दिल दे चुके सनम' की कहानी भी हिन्दी फिल्म 'वो सात दिन' से मिलती थी! 2002 की फिल्म ‘देवदास’ शरतचन्द्र के उपन्यास का कैसा फ़िल्मीकरण था! पर, संजय लीला भंसाली का दावा था कि उन्होनें बिमल रॉय की 'देवदास' देखकर नहीं, बल्कि उपन्यास पढ़कर फिल्म बनाई है। 'ब्लेक' (2005) फिल्म को हेलेन केलर को समर्पित किया गया था, जो अंग्रेज़ी फिल्म 'द मिरेकल वर्कर' की कॉपी थी!
  महेश भट्ट की फिल्म ‘आशिकी-2’ की कहानी के बारे में भी कहा गया था कि ये अमिताभ, जया की 1973 में आई ‘अभिमान’ से मिलती-जुलती कहानी वाली फिल्म है। लेकिन, ये भी सच है कि दोनों ही फिल्मों की कहानी पति-पत्नी के संबंधों पर आधारित थी। हाल ही में आई अमिताभ बच्चन की फिल्म 'तीन' को लेकर भी कहा है कि अमिताभ की ही फिल्म 'वजीर' में भी यही प्लॉट था! फिल्म की पटकथा कुछ बहुत कुछ 'वजीर' जैसी तो है। कुंदन शाह के प्रोडक्शन वाली फिल्म ‘पी से पीएम तक' की कहानी है एक वेश्या की है, जो कुछ दिनों पहले आई ‘डर्टी पॉलिटिक्स’ जैसी ही है! पहले इसी थीम पर प्रियंका चोपड़ा के प्रोडक्शन में ‘मैडम जी’ नाम से भी फिल्म बनने वाली थी, जो अब नहीं बन रही! बॉलीवुड में ये चलन तो खत्म होने से रहा! बॉलीवुड में जो ही हिट आइडिया होगा, वो बार-बार घुमा फिराकर दर्शकों को परोसा जाता रहेगा!
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